स्पेस स्टेशन की बात होती है तो सबसे पहले नाम आता है अमेरिकी
अंतरिक्ष एजेंसी नासा और उसके सहयोगी देशों के बनाए इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) का। बीते साल से चीन के स्पेस स्टेशन ने भी अपना काम शुरू कर दिया है। नासा की योजना आईएसएस को साल 2030-31 तक डीऑर्बिट करने की है यानी उसे सुरक्षित तरीके से खत्म करने की। अंतरिक्ष की दुनिया में प्राइवेट कंपनियों की भागीदारी भी तेज हो रही है। कमर्शल स्पेस स्टेशन के क्षेत्र में प्राइवेट कंपनियों की मौजूदगी आने वाले वर्षों में दिखाई देने वाली है।
एयरोस्पेस कंपनी ‘वास्ट' (Vast) की योजना अगस्त 2025 तक उसके हेवन-1 (Haven-1) स्टेशन को लॉन्च करने की है। इसके लिए वह एलन मस्क की स्पेस कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) से साझेदारी कर रही है। vastspace की
वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट की मदद से मिशन को लॉन्च किया जाएगा। 30 दिनों के मिशन के दौरान 4 अंतरिक्ष यात्री हेवन-1 स्टेशन में रहेंगे।
हेवन-1 एक छोटा स्टेशन है। इसका आकार स्पेसएक्स के कैप्सूल जितना बताया जाता है। यही वजह है कि 4 अंतरिक्ष यात्रियों से ज्यादा को इस मिशन का हिस्सा नहीं बनाया जा रहा। स्टेशन भले ही छोटा हो, लेकिन यह कंपनी की महत्वाकांक्षा और सपनों को उजागर करता है। वास्ट अपने मकसद में कामयाब होती है, तो भविष्य में बड़े स्पेस स्टेशन लॉन्च करने की ओर बढ़ सकती है। दुनिया की बड़ी कंपनियां मसलन- जेफ बेजोस की ब्लू ओरिजन, लॉकहीड मार्टिन आदि की तैयारी इस क्षेत्र में अभी पीछे है।
यह है तैयारी
वास्ट के मुताबिक, सबसे पहले अगस्त 2025 तक एक कमर्शल स्पेस स्टेशन को शुरू किया जाएगा, जिसे हेवन -1 कहा गया है। जब यह स्पेस स्टेशन काम करने लगेगा, तब स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन वीकल पर 4 अंतरिक्ष यात्रियों को हेवन -1 पर भेजा जाएगा। सभी अंतरिक्ष यात्री हेवन-़1 स्पेस स्टेशन पर लगभग 30 दिन बिताएंगे। खास यह है कि जो यात्री अंतरिक्ष में जाना चाहते हैं, उन्हें सीट्स खरीदनी होंगी।