US Moon Mission Fails : 50 साल बाद चांद पर उतरने की अमेरिकी कोशिश नाकाम, लैंडर ने रास्‍ते में तोड़ा ‘दम’, जानें पूरा मामला

US Private Moon Mission : मिशन लॉन्‍च होने के कुछ घंटों बाद ही एक प्रोपल्‍शन ग्लिच आ गया। इससे पेरेग्रीन लैंडर के सौर पैनलों को सूर्य की ओर फोकस नहीं किया जा सका।

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Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 11 जनवरी 2024 12:59 IST
ख़ास बातें
  • अमेरिका का प्राइवेट मून मिशन हुआ फेल
  • इस सप्‍ताह की शुरुआत में ही लॉन्‍च हुआ था मिशन
  • रिपोर्ट के अनुसार, मिशन लैंडिंग की अब संभावना नहीं

करीब 50 साल बाद इस सप्‍ताह की शुरुआत में अमेरिका ने चांद पर उतरने के लिए एक ऐतिहासिक उड़ान भरी थी।

US Private Moon Mission : करीब 50 साल बाद इस सप्‍ताह की शुरुआत में अमेरिका ने चांद पर उतरने के लिए एक ऐतिहासिक उड़ान भरी थी। यूनाइटेड लॉन्‍च अलायंस (ULA) नाम के एक प्राइवेट मैन्‍युफैक्‍चरर ने उसके वल्कन सेंटौर रॉकेट की मदद से नासा (Nasa) के पेरेग्रीन 1 लूनर लैंडर (Peregrine 1 lunar lander) को ऑर्बिट में पहुंचाया था। मिशन के आयोजकों ने अब कहा है कि जल्‍द ही उनकी कोशिश नाकाम हो जाएगी। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, लॉन्‍च के कुछ घंटों बाद ही एस्ट्रोबोटिक ने एक खराबी की जानकारी देना शुरू कर दिया था। कंपनी ने कहा है कि चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की अब कोई संभावना नहीं बची है। 
 

क्‍या खराबी आई मिशन में? 

रिपोर्ट के अनुसार, मिशन लॉन्‍च होने के कुछ घंटों बाद ही एक प्रोपल्‍शन ग्लिच आ गया। इससे पेरेग्रीन लैंडर के सौर पैनलों को सूर्य की ओर फोकस नहीं किया जा सका। इस वजह से स्‍पेसक्राफ्ट के बाहरी हिस्‍से को भी नुकसान हुआ। पेरेग्रीन लैंडर के पास अब लगभग 40 घंटे का फ्यूल बचा है। मिशन आयोजकों का कहना है कि स्‍पेसक्राफ्ट को अब तबतक ऑपरेट किया जाएगा, जब तक उसमें प्रोपलेंट बचा है। 
 

100 मिलियन डॉलर खर्च किए थे Nasa ने 

इस मिशन की कामयाबी के लिए Nasa ने 100 मिलियन डॉलर खर्च किए थे। पेरेग्रीन 1 लूनर लैंडर के जरिए नासा चांद की सतह की संरचना और लैंडिंग वाली जगह के वातावरण में रे‍डिएशन की जानकारी जुटाना चाहती थी। जाहिर तौर पर मिशन फेल होने से नासा की उम्‍मीदों को झटका लगा होगा। 

ये पहली बार नहीं है, जब किसी प्राइवेट कंपनी ने चांद पर उतरने की कोशिश की और वह फेल हो गई। सबसे पहले अप्रैल 2019 में इस्राइल का बेयरशीट लैंडर चांद की सतह पर दुर्घटनाग्रस्‍त हुआ था। पिछले ही साल अप्रैल में जापान की कंपनी आईस्‍पेस का हुकातो मिशन चांद पर क्रैश कर गया था।  
 
 

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