फ्रांस के जंगलों में मिला अबतक का सबसे बड़ा बैक्‍टीरिया, 5 हजार गुना बड़ा है आकार में

इसकी खोज साल 2009 में फ्रांस के ग्वाडेलोप में यूनिवर्सिटी डेस एंटिल्स में एक समुद्री जीव विज्ञानी ओलिवियर ग्रोस ने की थी।

विज्ञापन
गैजेट्स 360 स्टाफ, अपडेटेड: 24 जून 2022 20:11 IST
ख़ास बातें
  • साल 2009 में इसे पहली बार देखा गया था
  • तब से वैज्ञानिक इस पर स्‍टडी कर रहे थे
  • अब जाकर इसे सबसे बड़ा बैक्‍टीरिया माना गया है

वर्षों तक रिसर्च करने के बाद वैज्ञानिक इसे जीवाणु बता सके हैं।

वैज्ञानिकों ने अबतक के सबसे बड़े जीवाणु (bacterium) की खोज की है। यह ज्‍यादातर पहचाने जा चुके जीवाणुओं से 5,000 गुना बड़ा है और नग्न आंखों से भी दिखाई देता है। थियोमार्गरीटा मैग्नीफा (Thiomargarita magnifica) नाम का यह जीवाणु किसी पतले सफेद फिलामेंट्स जैसा दिखाई देता है, जो हम बल्‍ब में देखते हैं। इसकी लंबाई लगभग 1 सेमी है। इसकी खोज साल 2009 में फ्रांस के ग्वाडेलोप में यूनिवर्सिटी डेस एंटिल्स (Universite des Antilles) में एक समुद्री जीव विज्ञानी ओलिवियर ग्रोस ने की थी। वह समुद्री मैंग्रोव सिस्टम पर रिसर्च कर रहे थे। इसी दौरान उन्‍होंने इस जीवाणु को मैंग्रोव के सड़ने वाले पत्तों की सतहों पर देखा था।

इसके बाद कई साल तक लैबोरेटरी में इस जीवाणु का विश्लेषण किया गया था। कई वर्षों के बाद यह निष्‍कर्ष निकाला जा सका है कि यह एक सल्फर-ऑक्सीडाइजिंग प्रोकैरियोट था। ओलिवियर ग्रोस ने कहा कि जब मैंने उन्हें देखा, तो वो मुझे अजीब लगे। वह सफेद फ‍िलामेंट्स जैसे थे। 

यूनिवर्सिटी डेस एंटिल्स में मॉलिक्‍यूलर बायोलॉजी असोसिएट प्रोफेसर सिल्विना गोंजालेज-रिजो ने इस जीवाणु की पहचान के लिए 16S rRNA जीन सीक्‍वेंसिंग भी कीं। वह इस स्‍टडी के और पहले सह-लेखक भी हैं। स्‍टडी में रिसर्चर्स की एक टीम ने इस विशाल जीवाणु का वर्णन करते हुए इसकी जीनोमिक विशेषताओं पर प्रकाश डाला है। 

गोंजालेज-रिजो का कहना है कि शुरू में उन्‍होंने सोचा कि ये यूकेरियोट्स जीव हैं, क्‍योंकि वो बहुत बड़े थे और उनमें बहुत सारे तंतु थे। फ‍िर हमने महसूस किया कि वे अनोखे थे क्योंकि वह सिंगल सेल की तरह दिखते थे। स्‍टडी के एक और लेखक जीन-मैरी वोलैंड के अनुसार ज्‍यादातर जीवाणुओं के डीएनए उनकी कोशिका द्रव्य में स्वतंत्र रूप से तैरते हैं, लेकिन इसने उन्हें व्यवस्थित रखा था। रिसर्चर्स को भी यह उम्‍मीद नहीं था कि यह एक दिन दुनिया के सबसे बड़े जीवाणु साबित हो जाएंगे। 

साइंस से जुड़ी कुछ अन्‍य खोजों की बात करें, तो खगोलविदों ने एक रोमांचक नई खोज की है। उन्‍होंने एक नए जन्‍मे पल्सर (pulsar) का पता लगाया है, जो सिर्फ 14 साल का हो सकता है। एक सुपरनोवा में हुए विस्फोट और उससे निकली ऊर्जा के बाद वैज्ञानिकों ने इस पल्सर ऑब्‍जर्व किया। सुपरनोवा में विस्‍फोट से पल्‍सर काफी पतला हो गया। इस खगोलीय निर्माण को ‘पल्सर विंड नेबुला' या ‘प्लेरियन' के रूप में जाना जाता है। इस पल्‍सर को पृथ्वी से 395 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर एक आकाशगंगा में पाया गया है। 
 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

द रेजिडेंट बोट । अगर आप मुझे ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. Realme 16 Pro सीरीज जल्द होगी भारत में लॉन्च, 200 मेगापिक्सल का प्राइमरी कैमरा
#ताज़ा ख़बरें
  1. Bitcoin में आ सकती है तेजी, Citigroup ने दिया 1,43,000 डॉलर का टारगेट
  2. Realme 16 Pro सीरीज जल्द होगी भारत में लॉन्च, 200 मेगापिक्सल का प्राइमरी कैमरा
  3. हर साल नया Pixel फोन? Google भारत में लाया नई अपग्रेड स्कीम, जानें सब कुछ
  4. U&i ने भारत में लॉन्च किए ईयरफोन्स, पावर बैंक और हाई-पावर चार्जर, कीमत Rs 349 से शुरू
  5. Sony Year-End Holiday Sale: PS5 पर बंपर डिस्काउंट, Games पर भी 3 हजार से ज्यादा छूट!
  6. Vivo X200T में मिल सकती है 50 मेगापिक्सल की ट्रिपल रियर कैमरा यूनिट
  7. Redmi Note 15 5G की कीमत हुई लॉन्च से पहले लीक, जानें कैसे होंगे फीचर्स
  8. Apple की कमाई बढ़ाने की तगड़ी प्लानिंग, यूजर्स को अब दिखाई देंगे और ज्यादा Ads!
  9. Realme Narzo 90 5G vs Vivo Y39 5G vs OnePlus Nord CE4 Lite 5G: जानें कौन सा फोन है बेस्ट
  10. फोन रिपेयर के नाम पर 16 हजार का बिल, यूजर ने AI की मदद से 1,450 में कर दिया ठीक!
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.