शरीर पर टैटू बनवाने का शौक बहुत से लोगों में देखा जाता है। जब त्वचा पर कोई टैटू बनाया जाता है तो इसकी स्याही त्वचा के अंदर कोशिकाओं तक चली जाती है। यानी कि स्किन की सेल्स और ब्लड के साथ इसका सीधा संपर्क हो जाता है। ऐसे में वैज्ञानिकों ने टैटू की स्याही से जुड़े स्वास्थ्य प्रभावों के बारे में जानने की कोशिश की है। इसे लेकर एक स्टडी की गई है जो टैटू के स्वास्थ्य पर होने वाले असर के बारे में बात करती है।
Analytical Chemistry नामक जर्नल में प्रकाशित की गई यह स्टडी
टैटू से जुडे़ हेल्थ रिस्क के बारे में कई पहलुओं पर बात करती है। स्टडी को बिंघामटन यूनिवर्सिटी से जॉन स्विर्क ने लीड किया है। इसमें अमेरिका में टैटू की स्याही बनाने वाली 9 बड़ी ब्रैंड्स का विश्लेषण किया गया। जिसमें पाया गया कि 54 में से 45 इंक सैम्पलों में ऐसे पदार्थ मौजूद हैं जो स्वास्थ्य को खतरे में डाल सकते हैं। इनमें से एक का नाम है पॉलिथीन ग्लाइकॉल।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार, यह ऐसी दवा है जो कब्ज के इलाज में इस्तेमाल होती है। इसके बारे में आगे स्टडी की जा रही है कि टैटू में इसका इस्तेमाल हेल्थ को कैसे प्रभावित कर सकता है।
स्टडी सुझाव देती है टैटू आर्टिस्ट चुनते समय ध्यान रखें कि वह जाना-पहचाना हो, जिसका मार्केट में नाम हो। बनाने वाला हाई क्वालिटी की, जांची-परखी इंक का इस्तेमाल करता हो। साथ ही वह पूरी साफ-सफाई और सेफ्टी का ध्यान रखता हो।
स्टडी में एक और पिग्मेंट के बारे में बात की गई है जो कि 2-फिनॉक्सीइथेनॉल है। यह भी हेल्थ के लिए हानिकारक बताया गया है। अगर यह केमिकल हाई डॉज में बॉडी में जाता है तो यह त्वचा, फेफड़ों, और लीवर के हानिकारक हो सकता है। साथ ही गुर्दे के लिए भी नुकसानदेह है। स्टडी में पाए गए इन खतरनाक केमिकल्स के अलावा और भी हेल्थ रिस्क टैटू से जुड़े बताए गए हैं। मायो क्लीनिक इस बारे में कहता है कि टैटू MRI स्कैन में भी समस्या पैदा कर सकता है, क्योंकि यह इमेज को सही ढंग से कैप्चर करने में बाधा बन सकता है।
पिछले साल Pew Research Center ने एक
सर्वे किया था जिसमें कहा गया था कि 32 प्रतिशत व्यस्कों में कम से कम एक टैटू शरीर पर पाया गया है। जबकि 22 प्रतिशत में कम से कम दो टैटू शरीर पर पाए गए। यानि लोग एक से ज्यादा टैटू भी शरीर पर बनवाते हैं जिससे खतरा और ज्यादा हो जाता है। 47 प्रतिशत ने कहा कि वे टैटू के माध्यम से अपनी सोच, विचारों को जाहिर करते हैं। जबकि 32 प्रतिशत ने कहा कि इससे वे अपने लुक को और ज्यादा आकर्षक बनाने की कोशिश करते हैं।