स्‍टडी में दावा, गर्भनाल की क्षतिग्रस्‍त स्‍टेम कोशिकाएं हो सकती हैं ठीक

यह तरीका गर्भावस्था की जटिलताओं जैसे- प्रीक्लेम्पसिया (preeclampsia) के दौरान काम आ सकता है।

विज्ञापन
गैजेट्स 360 स्टाफ, अपडेटेड: 8 अगस्त 2022 13:55 IST
ख़ास बातें
  • आजकल पैरंट्स शिशु की गर्भनाल में रक्त जमा करने का ऑप्‍शन चुनते हैं
  • लेकिन कई बार गर्भनाल की स्टेम कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं
  • वैज्ञानिकों ने स्‍टडी में कोशिकाओं को ठीक करने की तकनीक बताई है

रणनीति के तहत हरेक क्षतिग्रस्त स्टेम सेल को नैनोपार्टिकल बैकपैक (nanoparticle backpack) दिया जाता है।

क्या आप जानते हैं कि नवजात शिशु की गर्भनाल ‘लिम्फोमा और ल्यूकेमिया' जैसी जीवन रक्षक स्टेम कोशिकाओं का घर होती है? इसी वजह से आजकल पैरंट्स शिशु की गर्भनाल में रक्त जमा करने का ऑप्‍शन चुनते हैं। हालांकि अगर गर्भावस्था गर्भावधि (gestational) डायब‍िटीज से प्रभावित होती है, तो गर्भनाल की स्टेम कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं और गर्भनाल बेकार हो जाती है। अब नोट्रे डेम (Notre Dame) यूनिवर्सिटी के बायोइंजीनियरों ने अपनी स्‍टडी में एक रणनीति का जिक्र किया है, जिससे क्षतिग्रस्त स्टेम कोशिकाओं को ठीक किया जा सकता है, जिससे वह दोबारा नए ऊतकों को विकसित कर सकती हैं। इस रणनीति के तहत हरेक क्षतिग्रस्त स्टेम सेल को नैनोपार्टिकल बैकपैक (nanoparticle backpack) दिया जाता है।

स्‍टडी के अनुसार, 150 नैनोमीटर व्यास के हरेक गोलाकार नैनोपार्टिकल में दवा को स्टोर करने और उसे धीरे-धीरे स्टेम सेल में ट्रांसफर करने की क्षमता होती है।

नॉट्रे डेम में बायोइंजीनियरिंग ग्रैजुएट प्रोग्राम में एयरोस्पेस और मैकेनिकल इंजीनियरिंग के असिस्‍टेंट प्रोफेसर डोनी हंजय ने कहा कि हरेक स्टेम सेल एक सैनिक की तरह है। यह स्मार्ट और प्रभावी है। यह जानती है कि कहां जाना है और क्या करना है। लेकिन हम जिन ‘सैनिकों' के साथ काम कर रहे हैं, वो कमजोर हैं। उन्हें नैनोपार्टिकल ‘बैकपैक' देकर हम उन्हें प्रभावी ढंग से काम करने के लिए तैयार कर रहे हैं।

रिसर्चर्स ने ‘बैकपैक' को हटाकर भी क्षतिग्रस्त कोशिकाओं पर प्रयोग किया। पता चला कि कोशिकाओं ने अधूरे ऊतकों का निर्माण किया। वहीं ‘बैकपैक' इस्‍तेमाल करने पर कोशिकाओं ने नए ब्‍लड वेसल भी बनाए। हंजय ने कहा उनकी स्‍टडी अब तक डेवलप किसी भी मेथड का सबसे डेवलप हिस्‍सा है। उन्‍होंने कहा कि दवा को सीधे ब्‍लड में इंजेक्ट करने पर कई तरह के जोखिम और साइड इफेक्‍ट्स की संभावना रहती है। 

हंजय और उनकी टीम को लगता है कि यह तरीका गर्भावस्था की जटिलताओं जैसे- प्रीक्लेम्पसिया (preeclampsia) के दौरान काम आ सकता है। रिसर्चर ने कहा कि भविष्य में स्टेम कोशिकाओं को त्यागने के बजाए हम आशा करते हैं कि डॉक्‍टर उन्हें फिर से जीवित करने और शरीर को दोबारा रीजेनरेट करने के लिए उनका इस्‍तेमाल करने में सक्षम होंगे। उन्‍होंने उदाहरण देते हुए समझाया कि प्रीक्लेम्पसिया के कारण समय से पहले पैदा हुए बच्चे को आधे-अधूरे फेफड़े के साथ एनआईसीयू में रहना पड़ता है। हमारी तकनीक बच्‍चे के डेवलपमेंट में सुधार कर सकती है।  
 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

द रेजिडेंट बोट । अगर आप मुझे ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. iPhone 17 Air के लॉन्च से पहले हो गया फीचर्स का खुलासा, जानें क्या होगा खास
  2. Tecno Pova Slim 5G vs Samsung Galaxy A17 5G vs iQOO Z10R 5G: जानें 20 हजार में कौन सा फोन है बेहतर?
#ताज़ा ख़बरें
  1. Moto Pad 60 Neo जल्द होगा भारत में लॉन्च, 7,040mAh की बैटरी
  2. Mercedes-Benz ने 39 इंच की हायपरस्क्रीन के साथ लॉन्च की इलेक्ट्रिक SUV GLC EV, जानें रेंज, स्पेसिफिकेशंस
  3. Xiaomi 15T सीरीज जल्द होगी लॉन्च, Leica-ट्यून्ड होगी रियर कैमरा यूनिट
  4. आपके Samsung डिवाइस को Android 16-बेस्ड One UI 8 कब मिलेगा? लीक हुई इस लिस्ट में देखें
  5. Dish TV ने भारत में लॉन्च किए VZY स्मार्ट TVs, जानें प्राइस, फीचर्स
  6. Skoda ला रही है 425 Km रेंज वाली 'बजट' इलेक्ट्रिक SUV Epiq, Tata और Mahindra की EV को देगी टक्कर!
  7. 5,000mAh की बैटरी, 6.74 इंच डिस्प्ले के साथ लॉन्च हुआ Honor Play 10 
  8. IFA 2025 में Dreame का हाई-टेक शो, पेश किए स्मार्ट वैक्यूम्स
  9. ऑनलाइन मनी गेमिंग पर बैन के खिलाफ याचिकाओं की सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई
  10. Infinix Note 50s 5G+ फोन आया नए 'Mystic Plum' कलर में, जानें क्या है खासियत?
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.