सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing), यह शब्द आपने पहली बार कब सुना? ज्यादातर लोगों ने कोविड-19 महामारी के दौरान इस शब्द से पहली बार परिचय पाया होगा। कोरोना महामारी के दौरान लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का काफी पालन किया। इसका मलतब एक-दूसरे से सामाजिक दूरी बनाए रखना है, ताकि संक्रमण का प्रसार रोकने में मदद मिले। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पेड़ भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हैं।
सोशल मीडिया में एक वीडियो शेयर किया गया है। इसके जरिए बताने की कोशिश की गई है कि इंसानों की तरह पेड़-पौधे भी एक-दूसरे से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस घटना में पेड़ों का टॉप एरिया एक-दूसरे से दूरी बनाकर रखता है। पेड़ अपने टॉप से एक-दूसरे को स्पर्श नहीं करते। इस घटना को
'क्राउन शाइनस' (crown shyness) (संकोच) कहा जाता है। बताया जाता है कि ऐसा करने से पेड़ स्वस्थ रहते हैं।
इंडियन फॉरेस्ट सर्विस ऑफिसर रमेश पांडे ने ट्विटर पर यह वीडियाे शेयर किया है। इसमें 'क्राउन शाइनस' को दिखाया गया है। उन्होंने लिखा, विशेष रूप से एक ही प्रजाति के वृक्षों की छत्रछाया एक-दूसरे को स्पर्श नहीं करती है। यह एक तरह की सोशल डिस्टेंसिंग है, जिसे क्राउन शाइनस कहा जाता है।
वैज्ञानिक स्पष्ट रूप से इसकी कोई व्याख्या नहीं करते। अलग-अलग विशेषज्ञों ने इस घटना के अलग-अलग सिद्धांत दिए हैं। कुछ का मानना है कि पेड़ों के टक्कर को रोकने और परजीवियों के प्रसार को रोकने के लिए क्राउन शाइनस पेड़ों के बीच होता है। कुछ विशेषज्ञ कहते हैं कि पेड़ इसलिए ऐसा करते हैं ताकि सूर्य की रोशनी सभी शाखाओं तक पहुंच सके। एक दिन पहले शेयर किए गए वीडियो को अब तक 61,700 से ज्यादा व्यूज और 2,700 से ज्यादा लाइक मिल चुके हैं।
लोग इस वीडियो को पसंद कर रहे हैं। कमेंट कर रहे हैं। कई लोगों के मन में जिज्ञासा भी दिखाई दे रही है, क्योंकि वह सवाल पूछ रहे हैं। कुल मिलाकर वीडियो दिलचस्प है। 30 सेकंड के इस फुटेज को देखकर पता चलता है कि पेड़ एक-दूसरे से कैसे डिस्टेंस बनाए रखते हैं।