Nasa के जेम्‍स वेब टेलीस्‍कोप ने दिखाई काबिलियत, तारों से घिरे आकाश की खूबसूरत इमेज ली

नासा ने दो अलग-अलग इक्विपमेंट द्वारा ली गईं इन इमेजेस के तुलनात्मक अध्ययन पर एक ब्लॉग प्रकाशित किया है।

विज्ञापन
अपडेटेड: 10 मई 2022 17:13 IST
ख़ास बातें
  • नासा ने पिछले साल के आखिर में जेम्‍स वेब टेलीस्‍कोप को लॉन्‍च किया था
  • फ‍िलहाल यह अंतरिक्ष में खुद को सेटअप कर रहा है
  • इसने जो तस्‍वीर खींची है, वह एक तरह का परीक्षण था

इस इमेज को जेम्‍स वेब के सबसे ठंडे इंस्‍ट्रूमेंट द्वारा एक टेस्‍ट के तौर पर खींचा गया था।

नासा (Nasa) के स्पिट्जर स्पेस टेलीस्कोप (Spitzer Space Telescope) के इन्फ्रारेड एरे कैमरा ने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के लिए बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। रिटायर्ड हो चुकी इस ऑब्‍जर्बेट्री ने गहरे अंतरिक्ष यानी डीप स्‍पेस की कई शानदार इमेजेस को कैप्चर किया है। खास बात यह है कि इस ऑब्‍जर्वेट्री को अपना योग्‍य उत्‍तराधिकारी भी मिल गया है। नासा ने पिछले साल के आखिर में जेम्‍स वेब टेलीस्‍कोप को लॉन्‍च किया था, जो खुद को अंतरिक्ष में सेटअप कर रहा है। इस टेलीस्कोप पर रखे गए चार इंस्‍ट्रूमेंट्स में से एक ने आकाश के एक हिस्से बेहतरीन इमेज कैप्‍चर की है। ऐसी ही इमेज पहले स्पिट्जर ने भी ली थी। मगर लेटेस्‍ट इमेज में काफी बेहतर डिटेल है। 

यह इमेज 7.7 माइक्रोन पर दिखाई गई है, जो बड़े मैगेलैनिक बादल के एक हिस्से को दिखाती है। यह आकाशगंगा की एक छोटी उपग्रह आकाशगंगा है। आकाश के इस हिस्से में तारों का घना इलाका है। जेम्‍स वेब टेलीस्‍कोप ने इसे बखूबी के साथ कैप्‍चर किया है। 

नासा ने दो अलग-अलग इक्विपमेंट द्वारा ली गईं इन इमेजेस के तुलनात्मक अध्ययन पर एक ब्लॉग प्रकाशित किया है। इसमें बताया गया है कि स्पिट्जर टेलीस्‍कोप ने उस इमेज को 0.8 माइक्रोन पर लिया था, जबकि जेम्‍स वेब ने इसे 7.7 माइक्रोन पर कैप्‍चर किया है। यह प्रमुख वजह रही जिससे इन दोनों तस्‍वीरों की क्‍वॉलिटी में अंतर आया। 

जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप में चार साइंस इंस्‍ट्रूमेंट हैं। इसका प्राइमरी मिरर काफी बड़ा और डिटेक्‍टर बेहतर है। यह वैज्ञानिकों को क्‍लीयरिटी के साथ आकाश को देखने देता है। इससे वैज्ञानिकों को अपनी खोजों का दायरा बढ़ाने में मदद मिलेगी। इस इमेज को जेम्‍स वेब के सबसे ठंडे इंस्‍ट्रूमेंट द्वारा एक टेस्‍ट के तौर पर खींचा गया था। 

MIRI के साथ ली गई टेस्‍ट इमेज वैज्ञानिकों को यह पता लगाने में मदद करती है कि जेम्‍स वेब टेलीस्कोप, डीप स्‍पेस रिसर्च में कितना सुधार कर सकता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि एक बार जब यह टेलीस्‍कोप पूरी तरह से काम करने लगेगा, तब यह दुनिया को कई बेहतरीन तस्‍वीरों से रू-ब-रू कराएगा। यह इमेज जेम्‍स वेब की टीम द्वारा किए जा रहे एक टेस्‍ट का हिस्‍सा है। गौरतलब है कि जेम्‍स वेब टेलीस्‍कोप अंतरिक्ष में भेजा गया अबतक का सबसे महंगा टेलीस्‍कोप है। 
 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. Top Smartphones Under Rs 50,000: Motorola, Google, Realme, Oppo के 5 टॉप स्मार्टफोन!
  2. OnePlus 13s Launch LIVE: वनप्लस का पहला कॉम्पैक्ट फ्लैगशिप स्मार्टफोन आज होगा लॉन्च, जानें कैसे होंगे फीचर्स
  3. 50MP कैमरा, 4700mAh बैटरी वाले इस Samsung फोन को मात्र 34 हजार में खरीदें
#ताज़ा ख़बरें
  1. 50MP कैमरा, 4700mAh बैटरी वाले इस Samsung फोन को मात्र 34 हजार में खरीदें
  2. Top Smartphones Under Rs 50,000: Motorola, Google, Realme, Oppo के 5 टॉप स्मार्टफोन!
  3. Mahindra की XEV 9e और BE 6 इलेक्ट्रिक SUVs को जोरदार रिस्पॉन्स, 10,000 यूनिट्स की डिलीवरी
  4. भारत में जल्द सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस लॉन्च कर सकती है Elon Musk की Starlink
  5. AI का इस्तेमाल बढ़ने के बावजूद इंजीनियर्स की हायरिंग जारी रखेगी Google
  6. Oppo की Reno 14 के लॉन्च की तैयारी, NBTC साइट पर हुई लिस्टिंग
  7. Jio ने 5G कवरेज, क्वालिटी और अपलोड स्पीड में मारी बाजी, Airtel की डाउनलोड स्पीड पर पकड़ बरकरार!
  8. Nintendo Switch 2 में मिला 7.9-इंच डिस्प्ले, 30 गेम्स का सपोर्ट और 120Hz रिफ्रेश रेट, इस कीमत पर हुआ लॉन्च
  9. Xiaomi 16 में मिल सकता है 6.9 इंच डिस्प्ले, 7,000mAh की बैटरी
  10. Redmi Pad 2 भारत में 18 जून को होगा लॉन्च, डिजाइन और स्पेसिफिकेशंस हुए टीज
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.