आदमी के सांस लेने से भी बढ़ रही ग्लोबल वार्मिंग! स्टडी में खुलासा

धरती को बर्बाद करने के लिए सांस लेना भी जिम्मेदार है, अब इसका प्रमाण मौजूद है।

विज्ञापन
Written by हेमन्त कुमार, अपडेटेड: 17 दिसंबर 2023 15:12 IST
ख़ास बातें
  • नई स्टडी में शोधकर्ताओं ने मिथेन और नाइट्रस ऑक्साइड पर जोर दिया है।
  • कहा गया है कि ये दोनों गैसे ग्रीनहाउस इफेक्ट के लिए जिम्मेदार हैं।
  • सांस लेने से भी ऐसी गैसों की मात्रा बढ़ रही है।

आदमी के सांस लेने से भी गर्म हो रही है धरती! नई स्टडी ने चौंकाने वाला खुलासा किया है।

आदमी के सांस लेने से भी गर्म हो रही है धरती! नई स्टडी ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। ग्लोबल वॉर्मिंग शब्द से अब लगभग दुनिया हर शख्स परिचित होगा। धरती का तापमान लगातार बढ़ रहा है। हमारी धरती गर्म हो रही है जिसके कारण इसके जलवायु तंत्र में बड़ी उथल-पुथल शुरू हो चुकी है। बाढ़, बवंडर, जंगल की आग की घटनाएं अब पहले से कई गुना ज्यादा सामने आ रही हैं। झुलसा देने वाली गर्मी ध्रुवों पर जमी बर्फ को तेजी से पिघला रही है, जैसा कि वैज्ञानिक भी कह रहे हैं। अब एक नई स्टडी कहती है कि आदमी का सांस लेना भी ग्लोबल वॉर्मिंग बढ़ा रहा है। 

यूनाइटेड किंगडम में वैज्ञानिकों ने एक नए शोध का जिक्र किया है जिसमें कहा गया है कि सांस लेने से भी ऐसी गैसों की मात्रा बढ़ रही है जो ग्लोबल वॉर्मिंग का कारण बन रही हैं। PLOS One नामक जर्नल में इस स्टडी को प्रकाशित किया गया है। स्टडी के अनुसार, हम जब सांस लेते हैं तो वातावरण में मिथेन और नाइट्रस ऑक्साइड घुलती है जो कि यूके में ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में 1% का योगदान करता है। यानी कि सांस के द्वारा भी मनुष्य धरती को गर्म कर रहा है। 

स्टडी की लीड ऑथर डॉक्टर निकोलस कोवान, जो कि यूके के एडिनबर्ग में सेंटर फॉर ईकोलॉजी एंड हाइड्रोलॉजी से संबंधित हैं, का कहना है कि धरती को बर्बाद करने के लिए सांस लेना भी जिम्मेदार है, अब इसका प्रमाण मौजूद है। और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। शोधकर्ताओं ने कहा है कि जब मनुष्य सांस लेता है तो ऑक्सीजन अंदर जाती है। यह फेफडों में जाकर फिर वहां से खून में पहुंचती है। जबकि खून में पहले से मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड, यहां फेफड़ों में वापस आ जाती है और फिर हम उसे बाहर फेंक देते हैं। हरेक मनुष्य कार्बन डाइऑक्साइड फेंकता है। 

लेकिन नई स्टडी में शोधकर्ताओं ने मिथेन और नाइट्रस ऑक्साइड पर जोर दिया है। जिसके लिए कहा गया है कि ये दोनों गैसे ग्रीनहाउस इफेक्ट के लिए बहुत अधिक जिम्मेदार हैं। लेकिन, चूंकि सांसों के द्वारा इनकी बहुत कम मात्रा वातावरण में घुलती है, इसलिए अब तक मनुष्यों से इनके उत्सर्जन को नजरअंदाज किया जाता रहा है। लेकिन मनुष्यों के साथ साथ अन्य जीव जंतु भी मिथेन और नाइट्रस ऑक्साइड फेंकते हैं, और इस तरह से सभी जीवों से निकलने वाली ये गैसें साथ मिलकर एक महत्वपूर्ण प्रभाव पैदा कर सकती हैं। शोधकर्ताओं ने 104 व्यस्क वॉलंटियर पर यह विश्लेषण किया। जिसमें उन्होंने पाया कि नाइट्रस ऑक्साइड प्रत्येक वॉलंटियर द्वारा छोड़ी जा रही थी। लेकिन मिथेन 31 प्रतिशत भागीदारों द्वारा ही छोड़ी जा रही थी। 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े:

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. ISRO का मल्टी-बैंड कम्युनिकेशन सैटेलाइट इस सप्ताह होगा लॉन्च
#ताज़ा ख़बरें
  1. ISRO का मल्टी-बैंड कम्युनिकेशन सैटेलाइट इस सप्ताह होगा लॉन्च
  2. Apple के नए MacBook और iPads में मिल सकती है OLED स्क्रीन
  3. iQOO Neo 11: गेमर्स के लिए आया मिड-रेंज फोन, इसमें है 7500mAh बैटरी और कूलिंग सिस्टम, जानें कीमत
  4. Huawei Mate X7 के लॉन्च की तैयारी, मिल सकता है 7.95 इंच फोल्डेबल डिस्प्ले 
  5. Smartphone Blast: हाथ में फट गया Samsung का ये नया फ्लैगशिप फोन! फिर उठे सेफ्टी पर सवाल
  6. बैंक के Wi-Fi का नाम अचानक हुआ 'Pak Zindabad', मच गया हड़कंप!
  7. इतना छोटा, लेकिन है पावरहाउस! Asus के नए Mini Gaming PC का कॉन्फिगरेशन जानकर रह जाओगे दंग
  8. BSNL को मिले Bharti Airtel से ज्यादा नए मोबाइल सब्सक्राइबर्स
  9. IND vs AUS Live: भारत-ऑस्ट्रेलिया सेमीफाइनल मैच LIVE ऐसे देखें बिल्कुल फ्री!
  10. मुनाफा बढ़ने के बाद भी इस बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनी ने नौकरी से निकाल दिए 200 से ज्यादा कर्मचारी
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.