आदमी के सांस लेने से भी बढ़ रही ग्लोबल वार्मिंग! स्टडी में खुलासा

धरती को बर्बाद करने के लिए सांस लेना भी जिम्मेदार है, अब इसका प्रमाण मौजूद है।

आदमी के सांस लेने से भी बढ़ रही ग्लोबल वार्मिंग! स्टडी में खुलासा

आदमी के सांस लेने से भी गर्म हो रही है धरती! नई स्टडी ने चौंकाने वाला खुलासा किया है।

ख़ास बातें
  • नई स्टडी में शोधकर्ताओं ने मिथेन और नाइट्रस ऑक्साइड पर जोर दिया है।
  • कहा गया है कि ये दोनों गैसे ग्रीनहाउस इफेक्ट के लिए जिम्मेदार हैं।
  • सांस लेने से भी ऐसी गैसों की मात्रा बढ़ रही है।
विज्ञापन
आदमी के सांस लेने से भी गर्म हो रही है धरती! नई स्टडी ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। ग्लोबल वॉर्मिंग शब्द से अब लगभग दुनिया हर शख्स परिचित होगा। धरती का तापमान लगातार बढ़ रहा है। हमारी धरती गर्म हो रही है जिसके कारण इसके जलवायु तंत्र में बड़ी उथल-पुथल शुरू हो चुकी है। बाढ़, बवंडर, जंगल की आग की घटनाएं अब पहले से कई गुना ज्यादा सामने आ रही हैं। झुलसा देने वाली गर्मी ध्रुवों पर जमी बर्फ को तेजी से पिघला रही है, जैसा कि वैज्ञानिक भी कह रहे हैं। अब एक नई स्टडी कहती है कि आदमी का सांस लेना भी ग्लोबल वॉर्मिंग बढ़ा रहा है। 

यूनाइटेड किंगडम में वैज्ञानिकों ने एक नए शोध का जिक्र किया है जिसमें कहा गया है कि सांस लेने से भी ऐसी गैसों की मात्रा बढ़ रही है जो ग्लोबल वॉर्मिंग का कारण बन रही हैं। PLOS One नामक जर्नल में इस स्टडी को प्रकाशित किया गया है। स्टडी के अनुसार, हम जब सांस लेते हैं तो वातावरण में मिथेन और नाइट्रस ऑक्साइड घुलती है जो कि यूके में ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में 1% का योगदान करता है। यानी कि सांस के द्वारा भी मनुष्य धरती को गर्म कर रहा है। 

स्टडी की लीड ऑथर डॉक्टर निकोलस कोवान, जो कि यूके के एडिनबर्ग में सेंटर फॉर ईकोलॉजी एंड हाइड्रोलॉजी से संबंधित हैं, का कहना है कि धरती को बर्बाद करने के लिए सांस लेना भी जिम्मेदार है, अब इसका प्रमाण मौजूद है। और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। शोधकर्ताओं ने कहा है कि जब मनुष्य सांस लेता है तो ऑक्सीजन अंदर जाती है। यह फेफडों में जाकर फिर वहां से खून में पहुंचती है। जबकि खून में पहले से मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड, यहां फेफड़ों में वापस आ जाती है और फिर हम उसे बाहर फेंक देते हैं। हरेक मनुष्य कार्बन डाइऑक्साइड फेंकता है। 

लेकिन नई स्टडी में शोधकर्ताओं ने मिथेन और नाइट्रस ऑक्साइड पर जोर दिया है। जिसके लिए कहा गया है कि ये दोनों गैसे ग्रीनहाउस इफेक्ट के लिए बहुत अधिक जिम्मेदार हैं। लेकिन, चूंकि सांसों के द्वारा इनकी बहुत कम मात्रा वातावरण में घुलती है, इसलिए अब तक मनुष्यों से इनके उत्सर्जन को नजरअंदाज किया जाता रहा है। लेकिन मनुष्यों के साथ साथ अन्य जीव जंतु भी मिथेन और नाइट्रस ऑक्साइड फेंकते हैं, और इस तरह से सभी जीवों से निकलने वाली ये गैसें साथ मिलकर एक महत्वपूर्ण प्रभाव पैदा कर सकती हैं। शोधकर्ताओं ने 104 व्यस्क वॉलंटियर पर यह विश्लेषण किया। जिसमें उन्होंने पाया कि नाइट्रस ऑक्साइड प्रत्येक वॉलंटियर द्वारा छोड़ी जा रही थी। लेकिन मिथेन 31 प्रतिशत भागीदारों द्वारा ही छोड़ी जा रही थी। 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े:
हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Deep Ocean Mission: 4.5 हजार मीटर गहरे पानी में भारत ने लगाया कामयाबी का गोता! हाथ लगी बड़ी खोज
  2. भारत के EV मार्केट में जल्द एंट्री कर सकती है Tesla की राइवल Vinfast 
  3. Infinix Note 50 लॉन्‍च होगा 15 हजार रुपये में! मिलेगी 45W की चार्जिंग
  4. फ्री में Aadhaar अपडेट कराने की डेडलाइन को बढ़ाया गया, ऐसे उठाए इस सरकारी कैंपेन का फायदा
  5. बिल्ली पालने वाले सावधान! बर्ड फ्लू का हो सकता है खतरा- स्टडी
  6. 60W साउंड वाला पोर्टेबल स्पीकर Portronics Thunder 2.0 लॉन्च, RGB लाइट्स भी, जानें कीमत
  7. BSNL की प्रॉफिट में आने की तैयारी, 18,000 कर्मचारियों को दे सकती है VRS
  8. समुद्र में एलियन जैसा जीव! 8 हजार किलोमीटर गहराई में छुपा मिला 'डरावना प्राणी'
  9. 2 डिस्प्ले वाला नया फोन ला रही Xiaomi, जानें कैसा होगा Xiaomi Mix Flip 2, EEC पर खुलासा
  10. Rs 200 से कम कीमत के इस BSNL प्लान में 70 दिनों तक रीचार्ज की 'नो टेंशन', रोज मिलेगा 2GB डेटा!
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2024. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »