अंतरिक्ष में तैनात अबतक की सबसे बड़ी दूरबीन, जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (James Webb Space Telescope) दुनिया को ब्रह्मांड की अनदेखी तस्वीरों से रू-ब-रू करवा रही है। कहा जाता है कि जेम्स वेब टेलीस्कोप आने वाले वक्त में हबल टेलीस्कोप (Hubble Telescope) की जगह लेगा, जो पिछले 30 साल से अंतरिक्ष में तैनात है और दुनिया को तारों, आकाशगंगाओं आदि की बेहतरीन तस्वीरें दिखा चुका है। यह अभी भी अपना काम कर रहा है। इसकी बानगी एक नई इमेज में दिखाई देती है। हबल स्पेस टेलीस्कॉप ने गैस और धूल के बादल में लिपटे एक युवा तारे की तस्वीर खींची है। टेलीस्कोप के वाइड फील्ड कैमरा 3 की मदद से रिसर्चर्स ने यह तस्वीर क्लिक की। पृथ्वी से लगभग 9 हजार प्रकाश वर्ष दूर टॉरस तारामंडल में इसका पता चला।
माना जाता है कि IRAS 05506 + 2414 नाम का यह युवा तारा दो बड़े तारों की टक्कर से जन्मी एक विस्फोटक घटना का सबूत है। आमतौर पर एक युवा तारे की गैस और धूल के आउटफ्लो को उस मटीरियल की डिस्क से भेजा जाता है, जो तारे की परिक्रमा करती है। लेकिन IRAS 05506+2414 में यह मटीरियल 350 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से बाहर की ओर फैल रहा है।
यह तय करने के लिए कि IRAS 05506+2414 कितनी दूर है, खगोलविदों ने हबल के वाइड फील्ड कैमरा 3 का इस्तेमाल किया। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस तस्वीर से उन्हें तारे की चमक और एनर्जी के बारे में अच्छा आइडिया मिलेगा। जो उन्हें तारे के द्रव्यमान का अनुमान लगाने में सक्षम बनाता है। इस युवा तारे के अजीबोगरीब आउटफ्लो के सोर्स का पता लगाने के लिए द्रव्यमान की जानकारी होना काफी महत्वपूर्ण है।
इस युवा तारे की तरह ही वैज्ञानिकों ने हाल में टॉरस तारामंडल में एक
बेबी ग्रह का भी पता लगाया था। खगोलविदों ने ब्रह्मांड में सैकड़ों डिस्क देखी हैं, लेकिन वो कभी ग्रहों के जन्म और उनके गठन को ऑब्जर्व नहीं कर पाए हैं। सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स में पोस्टडॉक्टरल फेलो, फेंग लॉन्ग ने कहा कि ‘युवा ग्रहों का प्रत्यक्ष रूप से पता लगाना बहुत चुनौतीपूर्ण है और अब तक केवल एक या दो मामलों में ही सफलता मिली है।' उन्होंने कहा कि ऐसे ग्रहों को देखना बहुत मुश्किल होता है क्योंकि वो गैस और धूल की मोटी परतों में एम्बेडेड होते हैं।
इसके बजाए वैज्ञानिकों को उन सुरागों की तलाश करनी चाहिए जो उन्हें यह अनुमान लगाने में मदद कर सकें कि एक ग्रह धूल की आड़ में डेवलप हो रहा है। लॉन्ग ने LkCa 15 नाम की एक प्रोटोप्लेनेटरी डिस्क की फिर से जांच करके अपनी स्टडी शुरू की। यह पृथ्वी से लगभग 518 प्रकाश वर्ष दूर टॉरस तारामंडल में स्थित है। डिस्क में हो रहे ग्रह निर्माण के सबूत की रिपोर्ट करने के लिए वैज्ञानिकों ने ALMA ऑब्जर्वेट्री के ऑब्जर्वेशन को इस्तेमाल किया।
LkCa 15 के हाई-रेजालूशन ALMA डेटा की जांच करते हुए खगोलविद लॉन्ग ने दो विशेषताओं की खोज की। यह पहले नहीं दिख रही थीं। लॉन्ग ने प्रोटोप्लेनेटरी डिस्क में दो चमकीले ग्रुप्स का पता लगाया। लॉन्ग ने अपनी स्टडी में पाया कि दोनों के बीच लगभग 60 डिग्री में एक छोटा ग्रह है जो धूल के जमाव का कारण बन रहा है। यह लगभग नेपच्यून के आकार का है और एक से तीन मिलियन वर्ष पुराना है। यानी यह एक नवजान ग्रह है। हालांकि तकनीक मौजूद नहीं होने से इस ‘बेबी' ग्रह की सीधे इमेजिंग मुमकिन नहीं है।