Elon Musk की तीसरी चाल! फरवरी में फ‍िर उड़ा सकते हैं दुनिया का सबसे भारी रॉकेट Starship

SpaceX Starship 3rd Flight test : कंपनी ने पिछले साल 2 टेस्‍ट किए थे। दोनों ही बार रॉकेट को तबाह करना पड़ा, क्‍योंकि वह अपने लक्ष्‍य से भटक गया था।

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Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 11 जनवरी 2024 15:20 IST
ख़ास बातें
  • Elon Musk की कंपनी तीसरी बार करने वाली एक टेस्‍ट
  • स्‍टारशिप रॉकेट को फ‍िर से किया जाएगा टेस्‍ट
  • दुनिया का सबसे भारी रॉकेट है स्‍टारशिप

अगर स्‍पेसएक्‍स, स्‍टारशिप रॉकेट का सफल लॉन्‍च कर पाती है, तो इंसानों को चांद से आगे मंगल ग्रह तक भेजने की उम्‍मीद बढ़ जाएगी।

SpaceX Starship 3rd Flight test : एलन मस्‍क की स्‍पेस कंपनी ‘स्‍पेसएक्‍स' (SpaceX) तीसरी कोशिश करने जा रही है। दुनिया के सबसे भारी रॉकेट ‘स्‍टारशिप' (Starship) का तीसरा फ्लाइट टेस्‍ट फरवरी में किया जा सकता है। कंपनी ने पिछले साल 2 टेस्‍ट किए थे। दोनों ही बार रॉकेट को तबाह करना पड़ा, क्‍योंकि वह अपने लक्ष्‍य से भटक गया था। दुनियाभर की स्‍पेस एजेंसियों की नजर इस रॉकेट पर है। अगर स्‍पेसएक्‍स, स्‍टारशिप रॉकेट का सफल लॉन्‍च कर पाती है, तो इंसानों को चांद से आगे मंगल ग्रह तक भेजने की उम्‍मीद बढ़ जाएगी।    

स्‍पेसडॉटकॉम की रिपोर्ट में स्‍पेसएक्‍स की वाइस प्रेसिडेंट ऑफ कस्‍टमर ऑपरेशंस एंड इंटीग्रेशन जेसिका जेनसेन के हवाले से कहा गया है कि कंपनी स्‍टारशिप की तीसरी फ्लाइट के लिए अप्रूवल का इंतजार कर रही है। हमारी तरफ से हम जनवरी में टेस्‍ट के लिए रेडी हैं। FAA से लाइसेंस मिलने का इंतजार है।  
 

क्‍या है स्‍टारशिप रॉकेट 

स्टारशिप एक रीयूजेबल रॉकेट है। इसमें मुख्‍य रूप से दो भाग हैं। पहला है- पैसेंजर कैरी सेक्‍शन यानी जिसमें यात्री रहेंगे, जबकि दूसरा है- सुपर हैवी रॉकेट बूस्‍टर। स्‍टारशिप और बूस्‍टर को मिलाकर इसकी लंबाई 394 फीट (120 मीटर) है। जबकि वजन 50 लाख किलोग्राम है। जानकारी के अनुसार, स्टारशिप रॉकेट 1.6 करोड़ पाउंड (70 मेगान्यूटन) का थ्रस्ट उत्पन्न करने में सक्षम है। यह नासा के स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) रॉकेट से लगभग दोगुना अधिक है। 
 

स्‍टारशिप की कामयाबी से क्‍या होगा? 

अगर स्‍पेसएक्‍स अपने लॉन्‍च में सफल होती है, तो भविष्‍य में इस रॉकेट की मदद से इंसानों और जरूरी साजो-सामान को चंद्रमा और मंगल ग्रह तक ले जाया जा सकेगा। ऐसा हुआ तो इंसान सिर्फ पृथ्‍वी तक सीमित ना होकर म‍ल्‍टीप्‍लैनेटरी प्रजाति बन जाएगा। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी, आर्टिमिस मिशन के तहत इंसानों को चांद पर भेजने की योजना बना रही है। चांद के बाद मंगल ग्रह पर इंसानों को भेजने की योजना है। अगले कुछ दशकों को इस प्‍लान को पूरा करने के लिए स्‍टारशिप जैसे रॉकेट बहुत काम आ सकते हैं। 
 
 

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