• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • 45 साल पहले क्‍या एलियंस ने भेजा था Wow! सिग्‍नल? नई रिसर्च में सामने आई यह जानकारी

45 साल पहले क्‍या एलियंस ने भेजा था Wow! सिग्‍नल? नई रिसर्च में सामने आई यह जानकारी

Alien Signal : रिसर्चर्स ने सिग्‍नल वाली संभावित जगह को स्‍कैन करने के लिए टेलिस्‍कोपों की मदद ली। लेकिन उन्‍हें कुछ हासिल नहीं हुआ है।

45 साल पहले क्‍या एलियंस ने भेजा था Wow! सिग्‍नल? नई रिसर्च में सामने आई यह जानकारी

Alien Signal : वैज्ञानिकों ने ना सिर्फ वाव सिग्‍नल के आसपास के क्षेत्र की जांच की, बल्कि आकाश में उन क्षेत्रों को भी टटोला, जहां तारकीय घनत्‍व (stellar densities) अधिक है।

ख़ास बातें
  • 1800 प्रकाश-वर्ष दूर सैजिटेरीअस तारामंडल से आया था सिग्‍नल
  • वैज्ञानिकों ने इस क्षेत्र की जांच की
  • उन्‍हें एलियन लाइफ का कोई सबूत नहीं मिला
विज्ञापन
करीब 45 साल से एक सिग्‍नल ने वैज्ञानिकों को रोमांचित किया हुआ है। इसे वाव (Wow) सिग्‍नल कहा जाता है। साल 1977 में जब यह सिग्‍नल धरती पर आया था, तब साइंटिस्‍ट इसकी उत्पत्ति का पता नहीं लगा पाए थे। इस साल उन्‍हें बड़ी कामयाबी मिली। सिग्‍नल के सोर्स को लेकर वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया कि यह 1800 प्रकाश-वर्ष दूर सैजिटेरीअस तारामंडल में स्थित एक सूर्य जैसे तारे से आया होगा। इसके बाद वैज्ञानिकों ने पड़ताल शुरू कर दी कि क्‍या इस सिग्‍नल का संबंध एलियंस से है।  रिसर्चर्स ने सिग्‍नल वाली संभावित जगह को स्‍कैन करने के लिए टेलिस्‍कोपों की मदद ली। लेकिन उन्‍हें कुछ हासिल नहीं हुआ है। तथाकथित वाव सिग्‍नल इस बार खाली आया। वैज्ञानिकों को सिग्‍नल के सोर्स के आसपास एलियन जीवन के सबूत नहीं मिले हैं। 

स्‍पेसडॉटकॉम से बातचीत में प्रोजेक्‍ट सहयोगी वेल फराह ने कहा कि उन्‍होंने ना सिर्फ वाव सिग्‍नल के आसपास के क्षेत्र की जांच की, बल्कि आकाश में उन क्षेत्रों को भी टटोला, जहां तारकीय घनत्‍व (stellar densities) अधिक है। इनमें गैलेक्टिक सेंटर और गैलेक्टिक डिस्क भी शामिल है। हालांकि अभी कई और तारे हैं, जिन्‍हें खोजे जाने की जरूरत है। 

वाव सिग्‍नल को ‘एलियन ब्रॉडकास्‍ट' भी कहा जाता है। यह सिग्‍नल 15 अगस्त 1977 को ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में बिग ईयर टेलीस्कोप ऑब्‍जर्वेट्री ने रिसीव किया था। इसे वाव नाम मिला। खगोलशास्त्री जेरी एहमैन ने इसे यह नाम दिया था। बताया जाता है कि करीब 1 मिनट और 12 सेकंड तक यह सिग्‍नल स्‍पॉट हुआ था।  

माना जा रहा था कि हमारी आकाशगंगा में एक ऐसी बुद्धिमान सभ्यता है, जो खुद के बारे में बताना चाहती है। संभवत: उसी ने सिग्‍नल ने ब्रॉडकास्‍ट किया था। हालांकि अमेरिकन एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी ने बताया था कि रिसर्चर्स ने बार-बार उस जगह पर खोज की, जहां सिग्‍नल मिला था, लेकिन उन्‍हें कुछ हाथ नहीं लगा। इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ है, जिस जगह से इस सिग्‍नल के आने का अनुमान लगाया गया था, वहां से भी वैज्ञानिकों को कोई क्‍लू नहीं मिला। लेकिन वैज्ञानिकों ने इस सिग्‍नल को पूरी तरह खारिज नहीं किया है। उनकी तलाश जारी है। 

सिग्‍नल के बारे में खास बात है कि इसे जेरी एहमन ने डिकोड किया था। सिग्नल को डिकोड करने के बाद उन्होंने एक खास कूट साइन- 6EQUJ5 पर लाल रंग से घेरा बनाकर उसके पास Wow! लिख दिया था। 
 

Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. वैज्ञानिकों ने खींची मरते हुए तारे की पहली क्‍लोजअप तस्‍वीर, कैसे किया यह? जानें
  2. Vivo की X Fold 4 के लॉन्च की तैयारी, 6,000mAh की हो सकती है बैटरी
  3. चैटजीपीटी बनाने वाली OpenAI ला रही वेब ब्राउजर! Google के छूटेंगे पसीने?
  4. Ola में 500 नौकरियों को खतरा! विवादों के बीच बड़ी छंटनी की तैयारी में कंपनी
  5. भारत में ब्लॉक हुए विदेशी हैकर्स के 17,000 WhatsApp एकाउंट्स
  6. 5000mAh बैटरी, 13MP कैमरा के साथ TECNO POP 9 भारत में लॉन्च, जानें कीमत और फीचर्स
  7. दूरदर्शन के OTT ‘वेव्‍स’ का सबसे सस्‍ता सब्‍सक्र‍िप्‍शन सिर्फ Rs 30 में, और कौन-कौन से प्‍लान? जानें
  8. WhatsApp का सबसे धांसू फीचर, वॉयस मैसेज सुनने का मन नहीं, तो उसे पढ़ पाएंगे, जानें पूरी डिटेल
  9. Xiaomi के लेटेस्ट फोन Redmi A4 5G में नहीं चलेगा Airtel 5G! खरीदने से पहले जान लें वजह
  10. 16GB रैम और 1.5K डिस्‍प्‍ले के साथ लॉन्‍च होंगे HONOR 300 और 300 Pro स्मार्टफोन, जानें बाकी खूबियां
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2024. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »