अगर यह पता चल जाए कि आप और कितने साल जिंदा रहेंगे, तो यकीनन बहुत से लोगों को जिंदगी प्लान करने में आसानी होगी। विज्ञान इस दिशा में आगे बढ़ चुका है। एक हाईटेक टेस्ट के तहत सिर्फ लार (saliva) का सैंपल लेकर इंसान की बायोलॉजिकल ऐज बताने का दावा किया गया है। कहा गया है कि इस मेथड से इंसान की जिंदगी के बाकी बचे साल का सटीक अनुमान लगाया जा सकता है। एक कंपनी यह टेस्ट ऑफर कर रही है, जिसकी चर्चा दुनियाभर में हो रही है।
द सन की
रिपोर्ट के अनुसार,
एलीसियम हेल्थ नाम की कंपनी 499 डॉलर (लगभग 39,486 रुपये) में बायोलॉजिकल ऐज की टेस्टिंग ऑफर कर रही है। टेस्ट के दौरान यह ग्राहक के डीएनए में 100,000 से ज्यादा ‘मिथाइलेशन पैटर्न' की टेस्टिंग करती है। इस टेस्ट से बढ़ती उम्र को तो रोका नहीं जा सकता, लेकिन कोई व्यक्ति अपने फ्यूचर को लेकर चीजें तय कर सकता है और उनकी बेहतर प्लानिंग कर सकता है।
यह टेस्ट इस बारे में सटीक अंदाजा लगा सकता है कि किसी इंसान के बाद कितना समय जीने के लिए बचा है। टेस्ट में मरीज की कोशिकाओं के ‘टेलोमेरेस' को मापा जाता है। यह DNA की एक्पेंडेबल कैप्स हैं, जो कोशिकाओं के रिपीट होने पर बंद हो जाते हैं। उम्र बढ़ने के साथ टेलोमेरेस की लंबाई कम होती जाती है। इस वजह से उम्र बढ़ने और बीमारी की चपेट में आने के लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
जिंदगी का अनुमान लगाने वाला यह टेस्ट वाकई दिलचस्प है, लेकिन कई और तरीकों से भी ऐसा पता लगाने का दावा किया जाता है। हाल ही में एक नई स्टडी में खुलासा हुआ है कि इंसान के एक पैर पर खड़े होने की क्षमता से उसकी जिंदगी का पता लगाया जा सकता है। ब्रिस्टल मेडिकल स्कूल के रिसर्चर्स ने यह स्टडी की है। उन्होंने 51 से 75 साल के 1700 लोगों से एक पैर पर खड़े होकर बैलेंस बनाने को कहा। रिसर्च में पता चला कि हर पांच में एक व्यक्ति टेस्ट में फेल हो गया। स्टडी में पता चला कि उम्र के साथ एक पैर पर खड़े होने की क्षमता प्रभावित होती है और सीधा कनेक्शन इंसान की लाइफ से है।
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