अटलांटिक महासागर के नीचे बड़ी हलचल के संकेत, वैज्ञानिकों की बढ़ी चिंता

जिब्राल्टर को स्टडी करके वैज्ञानिक इस घटना को समय से पहले ही जान-समझ पा रहे हैं।

विज्ञापन
Written by हेमन्त कुमार, अपडेटेड: 17 मार्च 2024 14:43 IST
ख़ास बातें
  • समुद्र में हो रही एक गतिविधि ने वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ा दी है।
  • महासागर में एक सबडक्शन जोन पैदा हो सकता है जो कि जल्द ही सक्रिय होगा।
  • इसे वैज्ञानिक अब तक सोया हुआ समझ रहे थे।

अटलांटिक महासागर में एक बड़ा संभावित बताया गया है।

समुद्र में हो रही एक गतिविधि ने वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ा दी है। अटलांटिक महासागर में एक बड़ा बदलाव संभावित है। महासागर में एक सबडक्शन जोन पैदा हो सकता है जो कि जल्द ही सक्रिय होगा। सबडक्शन जोन ऐसे क्षेत्र को कहा जाता है जहां पर धरती के नीचे मौजूद टेक्टॉनिक प्लेट दूसरी प्लेट में जाकर मिल जाती है। यानी एक प्लेट दूसरी प्लेट के ऊपर या नीचे चली जाती है। ऐसा ही एक सबडक्शन जोन जिब्राल्टर जलडमरूमध्य के नीचे जल्द ही एक्टिवेट हो सकता है जिसे वैज्ञानिक अब तक सोया हुआ समझ रहे थे। यह अटलांटिक महासागर का नक्शा ही बदल कर रख देगा। 

हम जानते हैं कि पृथ्वी की ऊपरी सतह के नीचे टेक्टॉनिक प्लेट मौजूद हैं जो खिसकती भी हैं। इनमें होने वाली हल्की सी गतिविधि भी धरती की सतह पर विनाशकारी भूकंप ले आती है, ज्वालामुखी फटने लगते हैं। जिब्राल्टर के नीचे ऐसा ही जोन मौजूद है जिसे जिब्राल्टर आर्क भी कहा जाता है। रिपोर्ट के अनुसार, यह 3 करोड़ सालों से पश्चिम की ओर गति कर रहा है। पिछले 50 लाख सालों से यह सोया हुआ था। इसमें कोई गतिविधि नहीं हो रही थी। वैज्ञानिकों ने इसे सुप्त मान लिया था। 

अब Geology जर्नल में एक स्टडी प्रकाशित हुई है जो कहती है कि सबडक्शन जोन की निष्क्रियता अस्थायी थी। शोधकर्ताओं ने इसके इतिहास और भविष्य को जानने के लिए कंप्यूटर सिमुलेशन का इस्तेमाल किया। वैज्ञानिकों ने पाया कि यह स्ट्रेट के साथ-साथ टूट सकता है, और अटलांकि में 2 करोड़ सालों में प्रवेश कर सकता है। ऐसा पहली बार नहीं होगा जब अटलांकि में सबडक्शन हुआ हो। इसमें ऐसे दो और जोन पहले से भी मौजूद हैं। 

जिब्राल्टर को स्टडी करके वैज्ञानिक इस घटना को समय से पहले ही जान-समझ पा रहे हैं। पिछले कुछ सालों में इसमें बहुत धीमी गतिविधि हुई है जिससे पता चलता है कि क्षेत्र में भूकंप और ज्वालामुखी की घटनाएं बहुत हल्की हैं। स्टडी कहती है कि इन सबसे पता चलता है कि सबडक्शन निष्क्रिय नहीं, बल्कि सक्रिय है। अगर जिब्राल्टर आर्क जाग जाती है तो प्रशांत महासागर की रंग ऑफ फायर की तरह दिखेगी। क्योंकि अटलांटिक के दोनों तरफ मौजूद सबडक्शन जोन धीरे धीरे इसे घेरते आ रहे हैं। अभी निकट भविष्य में भूकंप और ज्वालामुखी की बड़ी घटनाएं नहीं देखी जा सकती हैं। क्षेत्र में आखिरी बड़ा भूकंप 250 साल पहले आया था। 
 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: , Subduction zone, Atlantic

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. 6000mAh बैटरी, 32MP कैमरा से लैस Realme Narzo 80 Lite भारत में लॉन्च, जानें फीचर्स और कीमत
  2. boAt SmartRing Active Plus लॉन्च, हेल्थ और फिटनेस दोनों का रखेगी ख्याल
#ताज़ा ख़बरें
  1. Xiaomi Pad 7S Pro में मिलेगी 12,160mAh की दमदार बैटरी, इस सप्ताह होगा लॉन्च
  2. Realme Narzo 80 Lite 5G vs Lava Storm Play 5G vs Moto G45 5G: 10K में कौन सा फोन रहेगा बेस्ट?
  3. Reliance Jio Down: जियो यूजर्स परेशान, न कॉल मिल रही, न चल रहा इंटरनेट, आखिर हुआ क्या?
  4. Oppo K13x 5G जल्द होगा भारत में लॉन्च, 15,000 रुपये से कम हो सकता है प्राइस
  5. 6000mAh बैटरी, 32MP कैमरा से लैस Realme Narzo 80 Lite भारत में लॉन्च, जानें फीचर्स और कीमत
  6. Realme Narzo 80 Lite आज हो रहा भारत में लॉन्च, जानें अनुमानित कीमत, फीचर्स से लेकर सबकुछ
  7. boAt SmartRing Active Plus लॉन्च, हेल्थ और फिटनेस दोनों का रखेगी ख्याल
  8. Fairphone 6 के स्पेसिफिकेशंस हुए लीक, यूजर्स खुद बदल पाएंगे डिस्प्ले, कैमरा जैसे पार्ट!
  9. 50MP कैमरा, 6400mAh बैटरी वाले iQOO फोन पर बंपर डिस्काउंट, चेक करें पूरी डील
  10. ये हैं 30 हजार में आने वाले बेस्ट स्मार्टफोन, Motorola Edge 60 से लेकर Phone 3a और Realme P3 Ultra 5G शामिल
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.