एलियंस हमारे सौर मंडल में ही हैं! Nasa की साइंटिस्‍ट ने बताया ‘पता’, आप भी जानें

Aliens : उनका दावा है कि जिन स्थितियों में मानव जीवन असंभव हो जाता है, ऐसे बादलों वाले ग्रह पर छिपे हुए जीवन के संकेत दिखाते हैं।

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Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 27 अगस्त 2023 20:02 IST
ख़ास बातें
  • नासा के वैज्ञानिक ने दी चौंकाने वाली जानकारी
  • हमारे सोलर सिस्‍टम में हो सकते हैं एलियंस
  • शुक्र ग्रह पर हो सकती है अलौकिक जीवन की मौजूदगी

गौरतलब है कि शुक्र ग्रह एसिड के घने बादलों से ढका हुआ है। इसकी सतह का तापमान 475 डिग्री सेल्सियस से अधिक रिकॉर्ड किया गया है।

एलियंस (Aliens) पर छोटी से छोटी जानकारी भी रोमांच को बढ़ा देती है। पृथ्‍वी पर बड़ी संख्‍या में ऐसे लोग-वैज्ञानिक हैं, जो मानते हैं कि धरती के बाहर भी जीवन हो सकता है। हालांकि इसका सटीक पता आज तक नहीं चल पाया है। अब अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) की एक साइंटिस्‍ट ने बड़ा दावा किया है। उनका कहना है कि एलियंस हमारे सोलर सिस्‍टम में मौजूद हो सकते हैं। वह जिस ग्रह पर हो सकते हैं, वह पृथ्‍वी के करीब है। कौन सा है वह ग्रह? क्‍या कहा साइंटिस्‍ट ने? आइए जानते हैं। 

नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर की एक रिसर्च साइंटिस्‍ट डॉ. मिशेल थेलर ने शुक्र ग्रह (Venus) पर जीवन के संभावित संकेतों का एक सिद्धांत प्रस्तावित किया है। द सन को दिए इंटरव्‍यू में उनका दावा है कि जिन स्थितियों में मानव जीवन असंभव हो जाता है, ऐसे बादलों वाले ग्रह पर छिपे हुए जीवन के संकेत दिखाते हैं। 

गौरतलब है कि शुक्र ग्रह एसिड के घने बादलों से ढका हुआ है। इसकी सतह का तापमान 475 डिग्री सेल्सियस से अधिक रिकॉर्ड किया गया है। शुक्र ग्रह का वातावरण ऐसे संकेत दिखाता है, जो तभी नजर आते हैं, जब ग्रह पर कोई बैक्टीरिया हो। 

डॉ. थेलर का मानना है कि कार्बन डाइऑक्साइड से भरे शुक्र ग्रह के वातावरण में जीवन मौजूद हो सकता है। शुक्र ग्रह को पृथ्वी का जुड़वां भी कहा जाता है। इसके बावजूद इंसान यहां नहीं रह सकता। मिशेल थेलर ने जो सिद्धांत दिया है, उसे यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लंदन के एक खगोल जीवविज्ञानी प्रोफेसर डोमिनिक पापिनौ ने संदेहास्‍पद बताया है। कहा है कि एलियंस का पता लगाने के लिए दूसरी जगहों पर ध्‍यान देना चाहिए। 

पापिनौ को लगता है कि शुक्र ग्रह पर जीवन की खोज होना मुश्किल है। उन्‍हें लगता है कि जीवन पनपने के लिए लिक्विड वॉटर का होना जरूरी है। शुक्र ग्रह पर ऐसा मुमकिन नहीं लगता क्‍योंकि वह बहुत अधिक गर्म है। हालांकि दोनों ही वैज्ञानिक इस बात पर सहमत है कि हमारे सौरमंडल के बर्फीले चंद्रमाओं में सूक्ष्मजीवी (microbial) जीवन की मौजूदगी हो सकती है। 
 
 

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