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अंटार्कटिका में टूटा लंदन शहर जितना बड़ा ‘बर्फ का टुकड़ा', देखें तस्‍वीरें

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  • अंटार्कटिका में टूटा लंदन शहर जितना बड़ा ‘बर्फ का टुकड़ा', देखें तस्‍वीरें
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    अंटार्कटिका में टूटा लंदन शहर जितना बड़ा ‘बर्फ का टुकड़ा', देखें तस्‍वीरें

    दुनिया का वह इलाका जहां सबसे ज्‍यादा बर्फ है, अंटार्कटिका (Antarctica) कहलाता है। बीते कई वर्षों से अंटार्कटिका खबरों में है। वजह आप जानते होंगे। ग्‍लोबल वॉर्मिंग ने अंटार्कटिका को भी प्रभावित किया है। वहां बर्फ का पिघलना तेज हुआ है। विशाल हिमखंडों के टूटने की खबरें सामने आती रहती हैं। रिपोर्टों के अनुसार, पश्चिमी अंटार्कटिका में स्थित ब्रंट आइस शेल्फ (Brunt Ice Shelf) में कई साल दरार थी। इस रविवार को इस शेल्‍फ से बर्फ का एक बड़ा टुकड़ा यानी हिमखंड टूट गया। इसका आकार लंदन शहर के बराबर बताया जा रहा है।
  • बर्फ का तिकोना टुकड़ा हुआ अलग
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    बर्फ का तिकोना टुकड़ा हुआ अलग

    स्‍पेसडॉटकॉम ने ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वे (BAS) के एक बयान के आधार पर बताया है कि हिमखंड के टूटने के बाद कई सैटेलाइट्स ने इस इलाके में उड़ान भरी है। उनसे ली गई तस्‍वीरों से पता चला है कि बर्फ का तिकोना टुकड़ा अब बाकी हिस्‍से से अलग हो गया है।
  • ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वे ने दी जानकारी
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    ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वे ने दी जानकारी

    ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वे बीते काफी समय से ब्रंट आइस शेल्फ पर हैली रिसर्च स्‍टेशन बनाकर काम कर रहा है। उसका अनुमान है कि बर्फ का यह ‘टुकड़ा' आकार में 600 वर्ग मील यानी करीब 1,550 वर्ग किलोमीटर है। यह लंदन के लगभग बराबर और अमेरिका के ह्यूस्टन से थोड़ा बड़ा है।
  • जलवायु परिवर्तन से नहीं है संबंध
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    जलवायु परिवर्तन से नहीं है संबंध

    हालांकि इस हिमखंड का जलवायु परिवर्तन से कोई संबंध नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार, BAS का कहना है कि यह ‘प्राकृतिक प्रक्रियाओं' के कारण हुआ है, जो बीते 10 साल से चल रही थी। यह हिमखंड एक दरार के साथ टूटा जिसे चैस-1 के नाम से जाना जाता है। वैज्ञानिक साल 2012 से इसे मॉनिटर कर रहे थे।
  • टूटे हुए टुकड़े को दिया जाएगा नया नाम
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    टूटे हुए टुकड़े को दिया जाएगा नया नाम

    ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वे के अनुसार इस रविवार को अलग हुआ हिमखंड बीते दो साल में दूसरी ऐसी घटना है, जिसने ब्रंट आइस शेल्फ को प्रभावित किया है। बीएएस ने यहां जो स्टेशन सेटअप किया है, वह जीपीएस सेंसर से चलने वाले ऑटोमैटिक नेटवर्क और सैटेलाइट डेटा की मदद से इलाके की मॉनिटरिंग करता है। BAS का मानना है कि जो हिमखंड अलग हुआ है, उसे अंटार्कटिक तटीय करंट पश्चिम की दिशा में दूर ले जाएगा। हिमशैल को जल्द ही यू.एस. नेशनल आइस सेंटर द्वारा एक नाम दिया जाएगा। (तस्‍वीरें, स्‍पेसडॉटकॉम, unsplash और BAS से)
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