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चंद्रमा पर रोवर भेजने जा रहे स्‍टूडेंट्स, Nasa भी रह गई पीछे! जानें ‘मिशन आइरिस' के बारे में

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  • चंद्रमा पर रोवर भेजने जा रहे स्‍टूडेंट्स, Nasa भी रह गई पीछे! जानें ‘मिशन आइरिस' के बारे में
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    चंद्रमा पर रोवर भेजने जा रहे स्‍टूडेंट्स, Nasa भी रह गई पीछे! जानें ‘मिशन आइरिस' के बारे में

    अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने चंद्रमा के लिए कई मिशन तैयार किए हैं। आर्टिमिस मिशन इनमें सबसे बड़ा है। आर्टिमिस 1 (Artemis 1) मिशन सफल रहा है और अब तैयारी आर्टिमिस II (Artemis II) मिशन की हो रही है। हाल में नासा ने उन 4 अंतरिक्ष यात्रियों के नाम का ऐलान भी कर दिया, जो इस मिशन के साथ चांद का चक्‍कर लगाएंगे। इसके अलावा, अमेरिका, चंद्रमा पर अपना पहला ऑटोनॉमस रोवर भी लगाने जा रहा है। खास बात है कि इस रोवर को नासा ने नहीं, बल्कि कॉलेज स्‍टूडेंट्स के एक ग्रुप ने तैयार किया है।
  • क्‍या है आइरिस रोवर
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    क्‍या है आइरिस रोवर

    लाइव साइंस की रिपोर्ट के अनुसार, जिस रोवर को चांद पर पहुंचाया जाना है, उसका नाम है- आइरिस रोवर। इसे पेन्सिलवेनिया में कार्नेगी मेलन यूनिवर्सिटी (Carnegie Mellon University) के स्‍टूडेंट्स, टीचर्स और पूर्व स्‍टूडेंट्स ने 3 साल में तैयार किया था। इस रोवर को नासा के कमर्शल लूनार पेलोड सर्विसेज (CLPS) प्रोग्राम के तहत चांद पर ले जा रहा है।
  • देर से हो रहा है लॉन्‍च
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    देर से हो रहा है लॉन्‍च

    आइरिस रोवर साल 2021 या 2022 की शुरुआत में लॉन्‍च हो जाना चाहिए था, लेकिन नासा की वजह से इसमें देरी हुई। रिपोर्ट्स के अनुसार नासा ने मून मिशन में शुरुआती असफलताएं देखीं। आर्टिमिस 1 का मिशन भी टलते-टलते काफी देर से हो पाया। इस कारण आइरिस रोवर की लॉन्चिंग भी टलती गई। आखिरकार अब इस रोवर को चांद पर भेजने का समय आ गया है।
  • नासा को पीछे छोड़ा स्‍टूडेंट्स ने!
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    नासा को पीछे छोड़ा स्‍टूडेंट्स ने!

    आइरिस रोवर के जरिए अमेरिकी स्‍टूडेंट्स ने अपने ही देश की अंतरिक्ष एजेंसी को पीछे छोड़ दिया है। नासा भी चंद्रमा पर रोवर भेजने की तैयारी कर रही है। उसका नाम है- वाइपर रोवर, जिसे अगले साल लॉन्‍च किए जाने का लक्ष्‍य है। उससे पहले ही अमेरिकी स्‍टूडेंट्स का बनाया आइरिस रोवर चांद पर पहुंच जाएगा। इस रोवर का मकसद चंद्रमा की सतह को परखना है। यह रोवर चांद की सतह की तस्‍वीरें लेकर पृथ्‍वी पर भेजेगा।
  • 2 किलो का रोवर, 60 घंटे का मिशन
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    2 किलो का रोवर, 60 घंटे का मिशन

    जानकारी के अनुसार, आइरिस रोवर करीब 2 किलोग्राम का है, लगभग एक शूबॉक्‍स जितना। इसके पहिए कार्बन फाइबर के बने हैं और बॉटल कैप जितने छोटे हैं। यह रोवर चांद पर 60 घंटों के मिशन पर उतरेगा। इसका मकसद होगा, भौगोलिक अध्ययन के लिए चंद्रमा की सतह की तस्वीरें खींचना। सबकुछ ठीक रहा, तो 4 मई को आइरिस रोवर को लॉन्‍च कर दिया जाएगा। तस्‍वीरें, @cmu_iris और अन्‍य से। पहली इमेज खबर से संबंधित, बाकी सभी सांकेतिक।
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