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Chandrayaan-3 : कैसा दिखता है भारत का नया मून मिशन, ISRO ने दिखाई तस्‍वीरें

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  • Chandrayaan-3 : कैसा दिखता है भारत का नया मून मिशन, ISRO ने दिखाई तस्‍वीरें
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    Chandrayaan-3 : कैसा दिखता है भारत का नया मून मिशन, ISRO ने दिखाई तस्‍वीरें

    भारत का तीसरा मून मिशन ‘चंद्रयान-3' (Chandrayaan-3) अपनी उड़ान के लिए तैयार हो रहा है। इंडियन स्‍पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) मिशन से जुड़ी जरूरी औपचारिकताओं को पूरा कर रहा है। इसरो ने चंद्रयान-3 मिशन की नई तस्‍वीरें जारी की हैं। इसमें ‘चंद्रयान-3' के सभी जरूरी उपकरणों को देखा जा सकता है। आइए इन तस्‍वीरों को देखते हुए समझते हैं क्‍या है भारत का ‘चंद्रयान-3' मिशन, जो अगले महीने लॉन्‍च किया जाना है।
  • क्‍या है चंद्रयान-3 मिशन
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    क्‍या है चंद्रयान-3 मिशन

    चंद्रयान-3 मिशन को जानने के लिए समझना होगा चंद्रयान-2 मिशन को। सितंबर 2019 में चंद्रयान-2 मिशन के दौरान इसरो का लैंडर ‘विक्रम' चंद्रमा की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस कारण चांद पर यान उतारने की भारत की पहली कोशिश नाकाम हो गई थी। इसके बार तैयारी शुरू हुई चंद्रयान-3 की। यह चंद्रयान-2 का ही एक फॉलोअप मिशन है। इसका मकसद चंद्रमा पर सेफ लैंडिंग समेत सतह पर चहलकदमी करने की क्षमताओं को प्रदर्शित करना है।
  • चंद्रयान-3 में लगाए गए हैं एक्‍स्‍ट्रा सेंसर
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    चंद्रयान-3 में लगाए गए हैं एक्‍स्‍ट्रा सेंसर

    चंद्रयान-3 मिशन के बारे में हाल ही में ISRO के चेयरमैन एस. सोमनाथ ने जानकारी दी थी। उन्‍होंने बताया था कि इस बार मिशन में अतिरिक्त सेंसर को जोड़ा गया है। गति को मापने के लिए चंद्रयान-3 में एक ‘लेजर डॉपलर वेलोसीमीटर' सिस्टम भी इंस्टाल किया गया है।
  • सोलर पैनल लगाए, लैंडिंग लैग्‍स ज्‍यादा मजबूत
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    सोलर पैनल लगाए, लैंडिंग लैग्‍स ज्‍यादा मजबूत

    इसरो चीफ के मुताबिक, चंद्रयान-3 मिशन को पहले से ज्‍यादा फ्यूल कैपेसिटी और मजबूत लैंडिंग लेग्स के साथ डिजाइन किया गया है। मिशन की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए इसमें सोलर पैनल लगाए गए हैं। एस सोमनाथ ने कहा कि मिशन से जुड़ीं अंतिम तैयारियां चल रही हैं। मिशन लॉन्च के लिए LVM-3 रॉकेट का इस्तेमाल किया जा रहा है।
  • इस बार हर हाल में होगी लैंडिंग!
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    इस बार हर हाल में होगी लैंडिंग!

    चंद्रयान-2 मिशन के दौरान लैंडर ‘विक्रम' चंद्रमा की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस बार ऐसा ना हो, इसके लिए मिशन के एल्गोरिदम में बदलाव किया गया है। निर्धारित स्थान पर लैंडिंग न होने की स्थिति में एल्‍गोरिदम की मदद से लैंडर को किसी अन्य क्षेत्र में लैंड करवाया जाएगा। इसरो ने चंद्रयान-3 में नए सॉफ्टवेयर भी जोड़े हैं।
  • कब लॉन्‍च होगा मिशन
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    कब लॉन्‍च होगा मिशन

    इसरो चीफ ने कहा है कि चंद्रयान-3 मिशन को 12 से 19 जुलाई के बीच लॉन्च किया जाएगा। लॉन्‍च के दौरान किसी तरह की समस्‍या से बचने के लिए चंद्रयान-3 के हार्डवेयर, स्‍ट्रक्‍चर, कंप्यूटर, सॉफ्टवेयर और सेंसर में सुधार किया गया है। चंद्रयान 3 मिशन में देश में डिवेलप किया गया एक लैंडर मॉड्यूल, प्रोपल्शन मॉड्यूल और रोवर मौजूद है। तस्‍वीरें, इसरो से।
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