क्या हमें खत्म कर सकते हैं सौर तूफान, साल 1859 की घटना फिर हुई तो क्या होगा? जानें
बीते कुछ वक्त से सौर तूफानों (solar storm) के बारे में काफी लिखा-पढ़ा गया है। सूर्य से निकलने वाले तूफान कभी कोरोनल मास इजेक्शन (CME) तो कभी सोलर फ्लेयर (Solar Flare) के रूप में पृथ्वी के वायुमंडल तक पहुंच रहे हैं। ये तूफान इतने खतरनाक हैं कि धरती पर कई दिनों तक इंटरनेट ठप कर सकते हैं। पावर ग्रिडों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। अंतरिक्ष में हमारे सैटेलाइट्स को तबाह कर सकते हैं। इन तूफानों की संख्या क्यों बढ़ गई है? कब तक पृथ्वी को सौर तूफानों से जूझना होगा? क्या ये हमें खत्म कर सकते हैं? आइए जानते हैं।
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क्यों बढ़ गए हैं सौर तूफान?
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) के अनुसार, हमारा सूर्य 11 साल के एक चक्र से गुजरता है। इस चक्र के मध्य में सूर्य अस्थिर हो जाता है, जिसमें धीरे-धीरे कमी आती है। मौजूदा वक्त में सूर्य उसी अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है। साल 2025 तक सूर्य अस्थिर रहेगा, जिस वजह से उसमें सनस्पॉट उभरेंगे और सौर तूफानों की घटनाएं बहुत ज्यादा संख्या में होती रहेंगी।
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कितने तरह के सौर तूफान?
सूर्य से निकलने वाले तूफान कई तरह के होते हैं। विशेष रूप से इन्हें कोरोनल मास इजेक्शन यानी सीएमई और सोलर फ्लेयर के रूप में जाना जाता है। इनकी तीव्रता का पता चलने के बाद नासा तूफानों को अलग-अलग कैटिगरी में बांटती है। जिन तूफानों का फोकस पृथ्वी की ओर होता है, उन पर विशेष नजर रखी जाती है। नासा की सोलर डायनैमिक्स ऑब्जर्वेट्री (SDO) सौर तूफानों का पता लगाती है।
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क्या इंसानों पर होता है सीधा असर?
अच्छी बात है कि सौर तूफानों का इंसानों पर कोई सीधा असर नहीं होता है। हमारी पृथ्वी के चारों ओर जो आवरण है, वह हमें सौर तूफानों के सीधे संपर्क में आने से बचाता है। हालांकि अंतरिक्ष में मौजूद यात्री सौर तूफानों की चपेट में आ सकते हैं। ये तूफान पृथ्वी पर अस्थायी रेडियो ब्लैकआउट कर सकते हैं। इंटरनेट सर्विसेज को बाधित कर सकते हैं। बिजली सप्लाई तबाह कर सकते हैं।
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जब पृथ्वी पर सौर तूफानों ने मचाई थी आफत
सौर तूफान के असर का सबसे ताजा उदाहरण साल 1989 में देखने को मिला था। तब कनाडा के एक शहर में 12 घंटों के लिए बिजली गुल हो गई थी। इस कारण स्कूलों और बिजनेसेज को बंद करना पड़ा था। सौर तूफान की एक बड़ी घटना को कैरिंगटन घटना के नाम से भी जाना जाता है। साल 1859 के उस वाकये में टेलीग्राफ लाइनों को बहुत नुकसान पहुंचा था। ऑपरेटर्स को बिजली के झटके लगे थे और कुछ लाइनों में आग भी लग गई थी।
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कैरिंगटन जैसा सौर तूफान आज आया तो?
कैरिंगटन घटना जैसा सौर तूफान आज पृथ्वी पर आया तो हमारे सैटेलाइट्स, पावर ग्रिड, रेडियो कम्युनिकेशन, जीपीएस सिस्टम प्रभावित हो सकते हैं। इससे इंसान सीधे तौर पर प्रभावित होगा। अस्पतालों, इंडस्ट्री, स्कूलों आदि में कामकाज ठप हो सकता है। हालांकि नासा का कहना है कि भविष्य में जब इस तरह की घटनाएं पृथ्वी को प्रभावित करने वाली होंगी, तो 30 मिनट पहले अलर्ट जारी किया जा सकेगा। तस्वीरें नासा से।
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