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5G स्पेक्ट्रम नीलामी: जानें कितना होगा 5जी का रेट और क्या हैं फायदे और नुकसान

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    5G स्पेक्ट्रम नीलामी: जानें कितना होगा 5जी का रेट और क्या हैं फायदे और नुकसान

    भारत 5G युग की ओर जा रहा है, क्योंकि मेगा 5G स्पेक्ट्रम नीलामी शुरू हो गई है। अगर पिछली दो नीलामियों में से एक को देखें तो मेगा बोली लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद संभावना है। 5जी नेटवर्क 4जी से 10 गुना तेज और 3जी से 30 गुना तेजी से शुरू होगा। इसमें टॉप कंपनियां Reliance Jio, Bharti Airtel और Vodafone Idea 5जी एयरवेव के लिए बोली लगा रही हैं। वहीं नए प्लेयर्स में अदानी डाटा नेटवर्क्स ने भी कुछ 5G एयरवेव के लिए पिच की है जो कि खासतौर पर कैप्टिव उपयोग के लिए है।
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    5G स्पेक्ट्रम नीलामी: जानें कितना होगा 5जी का रेट और क्या हैं फायदे और नुकसान

    कौन सी कंपनियां हैं दौड़ में: दौड़ में 4 बड़ी कंपनियों में रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और अदानी ग्रुप है। चारों ने मिलकर ईएमडी में 21,400 करोड़ रुपये जमा किए हैं। रिलायंस जियो इंफोकॉम ने 14,000 रुपये का ईएमडी जमा किया है जबकि भारती एयरटेल ने 5,500 करोड़ रुपये का निवेश किया है। नकदी की तंगी से जूझ रही Vodafone Idea ने 2,200 करोड़ रुपये बयाना राशि के तौर पर जमा किए, जिससे साफ होता है कि वह अपने प्राथमिकता वाले मार्केट में 5G एयरवेव खरीदेगा। 4जी स्पेक्ट्रम के लिए 2021 की नीलामी में रिलायंस जियो ने अपनी जमा राशि का 77.9 प्रतिशत उपयोग किया, जबकि एयरटेल ने 87.7 प्रतिशत का उपयोग किया।
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    5G स्पेक्ट्रम नीलामी: जानें कितना होगा 5जी का रेट और क्या हैं फायदे और नुकसान

    कितने दिनों तक चलेगी नीलामी और कब रोलआउट होगा 5जी स्पेक्ट्रम: 5जी नीलामी जुलाई के आखिर तक खत्म होने की उम्मीद है। इस साल सितंबर तक 5जी स्पेक्ट्रम रोलआउट होने की संभावना है। ऐसी उम्मीद है कि 5G रोलआउट अलग-अलग फेज में हो रहा है और शुरुआत में महानगरों और बड़े शहरों तक ही सीमित होगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि 5G डिवाइस इकोसिस्टम अभी भी देश में नया है। भारत में कुल स्मार्टफोन बेस का सिर्फ 7 प्रतिशत ही 5G सपोर्ट करता है। इसके अलावा अब तक भारत में बड़े स्तर पर 5G इस्तेमाल कम हो रहा है।
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    5G स्पेक्ट्रम नीलामी: जानें कितना होगा 5जी का रेट और क्या हैं फायदे और नुकसान

    मोबाइल यूजर्स को 5G के लिए कितना देना होगा भुगतान: मोबाइल फोन यूजर्स को शुरू में तेज डाटा स्पीड के लिए ज्यादा भुगतान करना पड़ सकता है। भारतीय टेलीकॉम कंपनियां 2जी/3जी डाटा प्लान बनाम 4जी पैक पर प्रीमियम चार्ज करने से परहेज करती हैं। मगर ऐसी संभावना है कि हाई स्पीड के साथ टॉप-एंड ग्राहकों से शुरुआती दौर में कंपनियां 4जी के मुकाबले 5जी सर्विस के लिए प्रीमियम चार्ज कर सकती हैं। ऐसी उम्मीद है कि 5जी सर्विस 10-20 प्रतिशत प्रीमियम हो सकती है क्योंकि 5G शुरू में शहरी मार्केट्स में लॉन्च होगा।
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    क्या टेलीकॉम कंपनियां सरेंडर कर सकती हैं स्पेक्ट्रम: टेलीकॉम कंपनियों को स्पेक्ट्रम सरेंडर करने की अनुमति है। हालांकि अधिग्रहण की तारीख से न्यूनतम 10 साल की अवधि के बाद नीलामी की जाएगी। मौजूदा स्पेक्ट्रम की नीलामी 20 साल की अवधि के लिए की जा रही है।
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