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3500 साल पहले एक शख्‍स की हुई थी ‘ब्रेन सर्जरी'! रिसर्चर्स ने खोजा सबूत, आप भी देखें

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  • 3500 साल पहले एक शख्‍स की हुई थी ‘ब्रेन सर्जरी'! रिसर्चर्स ने खोजा सबूत, आप भी देखें
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    3500 साल पहले एक शख्‍स की हुई थी ‘ब्रेन सर्जरी'! रिसर्चर्स ने खोजा सबूत, आप भी देखें

    अमूमन माना जाता है कि दुनिया अब एडवांस हो रही है, लेकिन जमीन में दफ्त कई सबूत जब बाहर आते हैं, तो नजरिए को बदल डालते हैं। अगर आपको यह जानने को मिले इस दुनिया में आज से करीब 3500 साल पहले भी ब्रेन सर्जरी होती थीं, सुनकर चौंकना तो बनता ही है। रिसर्चर्स को एक दुर्लभ प्रकार की ब्रेन सर्जरी का सबसे पहला सबूत मिला है। यह सबूत लगभग 3500 साल पहले का बताया जा रहा है। रिपोर्टों के अनुसार, वैज्ञानिकों ने दो व्यक्तियों के अवशेषों की जांच की। माना जाता है कि वो भाई थे और इस्राइल में एक मकबरे में दफन किए गए थे। यह जगह अब तेल मेगिद्दो (Tel Megiddo) के नाम से जानी जाती है जोकि एक नेशनल पार्क है।
  • सिर में मिला छेद
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    सिर में मिला छेद

    अवशेषों की जांच के दौरान रिसर्चर्स को एक अवशेष की ललाट में चौकोर छेद मिला, जो एक इंच से थोड़ा बड़ा था। माना जा रहा है कि व्‍यक्ति के माथे से हड्डी का एक छोटा टुकड़ा एक प्राचीन चिकित्‍सा प्रक्रिया के रूप में निकाला गया था, जिसे ट्रेफिनेशन (trephination) के रूप में जाना जाता है। माना जाता है कि सर्जरी की यह प्रक्रिया हजारों वर्षों से अस्तित्‍व में है, लेकिन इस तरह का ट्रेफिनेशन अपनी तरह का पहला उदाहरण है।
  • बीमारियों के इलाज में होती थीं ऐसी सर्जरी
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    बीमारियों के इलाज में होती थीं ऐसी सर्जरी

    ब्राउन यूनि‍वर्सिटी की वेबसाइट में बताया गया है कि यूनिवर्सिटी के जौकोव्स्की इंस्टीट्यूट फॉर आर्कियोलॉजी एंड द एंशिएंट वर्ल्ड की पीएचडी कैंडिडेट राहेल कालिशर ने इस रिसर्च में योगदान दिया। माना जाता है कि प्राचीन काल में इस तरह की सर्जरी विभ‍िन्‍न बीमारियों के इलाज में की जाती थी। सिर में छेद इस तरह से किया जाता था कि मस्तिष्‍क को कोई नुकसान ना पहुंचे। यह स्‍टडी पीएलओएस वन पत्रिका में प्रकाशित हुई है।
  • लेकिन कई एक्‍सपर्ट सहमत नहीं
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    लेकिन कई एक्‍सपर्ट सहमत नहीं

    हालांकि कई विशेषज्ञों इस बात से सहमत नहीं हैं। उनका मानना है कि उस खोपड़ी में छेद किसी बीमारी के इलाज के लिए नहीं, बल्कि व्‍यक्ति की मौत के बाद धार्मिक उद्देश्‍यों के लिए किया गया होगा। रिपोर्ट के अनुसार, कंकालों के परीक्षण से पता चला है कि दोनों भाई शरीर कमजोर होने वाली बीमारियों से पीड़‍ित थे, जिससे उनकी कुछ हड्डियां भी बेकार हो गई थीं। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि वो बीमारियां उन पुरुषों में आनुवंशिक रही होंगी।
  • छोटे भाई की मौत पहले हुई!
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    छोटे भाई की मौत पहले हुई!

    रिसर्चर्स के विश्लेषण से पता चलता है कि दोनों भाइयों में पहले छोटे भाई की मौत हुई होगी, तब उसकी उम्र 20 साल के आसपास रही होगी। कुछ साल बाद बड़े भाई की भी मौत हो गई और वह 21 से 46 साल के बीच उम्र का रहा होगा। ध्‍यान देने वाली बात है कि बड़े भाई के सिर में छेद के सबूत मिले हैं। अनुमान है कि उसकी मौत से करीब हफ्ता भर पहले सिर में चौकोर छेद किया गया था।
  • मौत से हफ्ता भर पहले की गई सर्जरी!
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    मौत से हफ्ता भर पहले की गई सर्जरी!

    वैज्ञानिकों को अपनी रिसर्च में जो तथ्‍य मिले, उनसे वह इस निष्‍कर्ष तक पहुंचे कि व्‍यक्ति बीमारी से पीड़‍ित था। उसके सिर में छेद करके हड्डी निकालना उसके जीवन को बचाने की एक प्रक्रिया रही होगी। रिसर्चर्स इस निष्‍कर्ष तक पहुंचे हैं कि दोनों भाई अच्‍छे परिवारों से ताल्‍लुक रखते थे, क्‍योंकि उन्‍हें चीनी-मिट्टी के बर्तनों आदि के साथ दफनाया गया था। हालांकि कई विशेषज्ञों को यही लगता है कि व्‍यक्ति के सिर में छेद इलाज के लिए नहीं, बल्कि सामाजिक मान्‍यताओं के चलते किया गया था, वह भी उसकी मौत के बाद। तस्‍वीरें, Brown University, journals.plos.org और Unsplash से।
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