मोबाइल फोन रेडिएशन से नहीं होता ब्रेन कैंसर! WHO की नई स्टडी

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) को मोबाइल फोन के इस्तेमाल और ब्रेन कैंसर के बीच में कोई संबंध नहीं मिला है।

विज्ञापन
Written by हेमन्त कुमार, अपडेटेड: 8 सितंबर 2024 09:13 IST
ख़ास बातें
  • WHO का दावा है कि मोबाइल फोन के इस्तेमाल से ब्रेन कैंसर का खतरा नहीं है।
  • WHO ने 63 स्टडीज के डेटा को खंगाला है जो 1994 से 2022 के बीच की गईं।
  • IARC फोन रेडिएशन को अभी भी संभवतः कैंसरकारी Group 2B के तहत रखती है।

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) को मोबाइल फोन के इस्तेमाल और ब्रेन कैंसर के बीच में कोई संबंध नहीं मिला है।

मोबाइल फोन की रेडिएशन से ब्रेन कैंसर नहीं होता है! वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) की स्टडी में दावा किया गया है कि मोबाइल फोन के इस्तेमाल से ब्रेन कैंसर का खतरा नहीं बढ़ता है। काफी समय से यह विवाद का विषय रहा है कि मोबाइल फोन के ज्यादा इस्तेमाल से कई तरह का कैंसर हो सकता है। लेकिन WHO ने अपनी स्टडी के माध्यम से दावा किया है कि इनका ऐसा कोई संबंध नहीं है। आइए जानते हैं नई स्टडी क्या कहती है। 

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) को मोबाइल फोन के इस्तेमाल और ब्रेन कैंसर के बीच में कोई संबंध नहीं मिला है। Reuters के अनुसार, WHO ने 63 स्टडीज के डेटा को खंगाला है जो 1994 से 2022 के बीच की गईं। इससे निष्कर्ष निकाला गया कि मोबाइल फोन से निकलने वाली रेडियोफ्रिक्वेंसी (RF) रेडिएशन और ब्रेन कैंसर के बीच में कोई लिंक नहीं है। शोधकर्ताओं ने कई तरह के कैंसर पर स्टडी की जिसमें ब्रेन कैंसर, पिट्यूट्री ग्लैंड कैंसर, स्लाइवरी ग्लैंड कैंसर, ल्यूकीमिया आदि शामिल हैं। 

पिछले कुछ दशकों में मोबाइल फोन का इस्तेमाल कई गुना बढ़ चुका है। अब लोग पहले से ज्यादा समय तक, और अधिक संख्या में मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन ब्रेन कैंसर के मामलों इस लिहाज से कोई खास वृद्धि नहीं हुई है। यानी मोबाइल रेडिएशन ब्रेन कैंसर का कारण नहीं हो सकता है। स्टडी से निकाला गया निष्कर्ष WHO और अन्य अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठनों द्वारा किए गए पिछले शोधों के अनुरूप ही है। 

हालांकि यह लेटेस्ट स्टडी मोबाइल यूजर्स को एक तरह का भरोसा अवश्य दिलाती है। लेकिन अभी भी WHO और अन्य हेल्थ एजेंसियों को RF रेडिएशन से जुड़े किसी भी तरह के हेल्थ रिस्क के बारे में आगे भी स्टडी करने की आवश्यकता है। 

इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) मोबाइल फोन रेडिएशन को अभी भी संभवतः कैंसरकारी (Group 2B) के तहत क्लासिफाई करती है। जिससे पता चलता है कि मोबाइल फोन और कैंसर के खतरे के संबंध को पूर्ण रूप से नकारा नहीं जा सकता है। जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी का विकास जारी है और वायरलेस डिवाइसेज तेजी से लोगों के बीच फैलते जा रहे हैं, इस वजह से ताजा वैज्ञानिक शोधों और निष्कर्षों के बारे में जानकारी रखना हर किसी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. iPhone 16 Plus मिल रहा 10 हजार से भी ज्यादा सस्ता, देखें पूरा ऑफर
#ताज़ा ख़बरें
  1. Portronics Toad Ergo 4: दाम में Rs 899, लेकिन फीचर्स में लोडेड! एक साथ 3 डिवाइस से हो सकता है कनेक्ट
  2. Amazon दिवाली सेल में 65 हजार तक डिस्काउंट, 47999 रुपये से भी सस्ता iPhone 15, OnePlus 13 की गिरी कीमत
  3. Nokia 800 Tough: 6 साल बाद वापसी कर रहा है Nokia का चट्टान सी मजबूती वाला फीचर फोन!
  4. OnePlus 15 में मिलेगी अब तक की सबसे बड़ी बैटरी, चार्जिंग कैपेसिटी का हुआ खुलासा, जानें सबकुछ
  5. Samsung Galaxy A07 4G vs Lava Bold N1 5G vs Tecno Pop 9 5G: 10 हजार से कम में कौन है बेस्ट
  6. Flipkart सेल में Samsung Galaxy A35 5G पर मिल रहा 13 हजार से भी ज्यादा डिस्काउंट, ऐसे खरीदें
  7. BSNL जल्द लॉन्च करेगी 5G सर्विस, 4G टावर्स होंगे अपग्रेड
  8. Lava Bold N1 Lite जल्द हो सकता है भारत में लॉन्च, 5,000mAh की होगी बैटरी
  9. BSNL का दिवाली से पहले धमाका! 330 दिनों तक डेली 1.5GB, अनलिमिटिड कॉलिंग, फ्री बेनिफिट्स वाला धांसू प्लान
  10. गाड़ी चलाने वालों के लिए बड़ा अपडेट: मोबाइल नंबर अपडेट करना जरूरी, घर बैठे बदलें ऐसे करें काम
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.