रेल मंत्रालय ने ऐलान कर दिया है कि एक नया रिज़र्वेशन सिस्टम 'विकल्प', व एक विकल्पीय ट्रेन अकॉमोडेशन स्कीम (एटीएएस) 1 अप्रैल से लागू होगा। विकल्प स्कीम के तहत, वेट-लिस्ट वाले यात्री राजधानी, शताब्दी या दूसरी प्रीमियम/स्पेशल ट्रेन में यात्रा का विकल्प चुन सकते हैं, चाहें उन्होंने उसी डेस्टिनेशन के लिए किसी दूसरे मेल/एक्सप्रेस ट्रेन में टिकट बुक किया हो। इसके लिए कोई अतिरिक्त शुल्क भी नहीं देना हहोगा।
विकल्प स्कीम का उद्देश्य सभी बड़े रूट पर प्रीमियम ट्रेनों में खाली रहने वाली सीट का उपयोग करना है। अभी, रेलववे इस स्कीम की शुरुआत कुछ रूट पर पायलट प्रोजेक्ट के तहत कर रही है।
विकल्प स्कीम की ख़ास बातें
अभी विकल्प स्कीम सिर्फ ई-टिकट के लिए ही उपलब्ध होगी। इस स्कीम के तहत, वेट-लिस्ट वाले यात्रियों को विकल्प स्कीम चुनने का मौका दिया जाएगा। विकल्प, चुनने वाले उन यात्रियों को जो चार्ट बनने के बाद भी पूरी तरह से वेट-लिस्ट में रहते हैं उन्हें ही किसी दूसरी ट्रेन में सीट दी जाएगी।
यात्रियों से इसके लिए अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा और ना ही किराए में फर्क होने पर कोई रिफंड वापस दिया जाएगा। किसी दूसरी ट्रेन में विकल्प अकॉमोडेशन मुहैया कराए जाने पर साधारण यात्री की सुविधा मिलेगी और वह अपग्रेड करने के योग्य होगा।
रेलवे ने कहा कि विकल्प स्कीम से सभी ट्रेनों में खाली रहने वाली सीट का उपयोग किया जा सकेगा। विकल्प स्कीम चुनने वाले वेट-लिस्ट वाले यात्रियों को चार्ट बनने के बाद पीएनआर स्टेटस चुनना होगा। नई स्कीम के तहत दूसरी ट्रेन में सीट मिलने पर वेट लिस्ट वाले यात्रियों को ओरिजिनल ट्रेन में चढ़ने का विकल्प नहीं मिलेगा।
विकल्प- चुनने वाले यात्री, जिन्हें दूसरी ट्रेन में सीट मिली है, उन्हें ओरिजिनल ट्रेन में वेट-लिस्ट चार्ट में नहीं गिना जाएगा।
जब विकल्प चुनने वाला कोई यात्री सीट मिलने के बाद , कैंसिल करने का विकल्प चुनता है, तो उसकी सीट पक्की हो जाएगी और कैंसिलेशन के नियम पहले की तरह ही अप्लाई होंगे।
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