ले मैक्स 2 का रिव्यू

Le Max 2 Review in Hindi। आज हम ले मैक्स 2 को रिव्यू करेंगे। यह ले मैक्स (रिव्यू) का अपग्रेडेड वेरिएंट है। आइए जानते हैं कि नया वेरिएंट पुराने की तुलना में कितना बेहतर है? क्या इसके अंदर शाओमी एमआई 5 (रिव्यू) और वनप्लस 3 (रिव्यू) को चुनौती देने वाली बात है?

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रॉयडन सरेजो, अपडेटेड: 12 जुलाई 2017 11:48 IST
लेईको ने इस साल की शुरुआत में भारत में अपने पहले स्मार्टफोन के जरिए धमाकेदार एंट्री की। 6 महीने बाद कंपनी अपने सेकेंड जेनरेशन हैंडसेट के साथ तैयार है। हम बात कर रहे हैं ले 2 और ले मैक्स 2 की। कंपनी ने इन स्मार्टफोन को सबसे पहले चीन में पेश किया था, थोड़े दिनों के इंतज़ार के बाद इन्हें भारत में भी उपलब्ध करा दिया गया है।

दोनों ही डिवाइस सुर्खियों का हिस्सा रहे हैं। इसकी वजह स्पेसिफिकेशन नहीं हैं, बल्कि इन फोन में 3.5 एमएम हेडफोन सॉकेट नहीं दिया गया है। इसकी जगह लेईको का सीडीएलए फ़ीचर मौजूद है।

आज हम ले मैक्स 2 को रिव्यू करेंगे। यह ले मैक्स (रिव्यू) का अपग्रेडेड वेरिएंट है। आइए जानते हैं कि नया वेरिएंट पुराने की तुलना में कितना बेहतर है? क्या इसके अंदर शाओमी एमआई 5 (रिव्यू) और वनप्लस 3 (रिव्यू) को चुनौती देने वाली बात है?

लुक और डिज़ाइन
ले मैक्स 2 आगे की तरफ दिखने में अपने पुराने वाले मॉडल जैसा ही है, लेकिन बाकी बॉडी का डिजाइन थोड़ा अलग है। यह ज्यादा पॉलिश्ड होने का एहसास देता है। रोज़ गोल्ड वर्ज़न हर किसी को पसंद नहीं आएगा, लेकिन आप कवर का इस्तेमाल करके इस कमी को दूर सकते हैं। फोन बिना बेज़ल वाला डिस्प्ले होने का एहसास देता है, जबकि इसमें बेहद ही पतला काले रंग का बॉर्डर है। स्क्रीन ऑन होने पर यह नज़र आता है।
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फोन की मेटल यूनीबॉडी हाथों में फिसलती है। इस वजह से फोन को एक हाथ से इस्तेमाल करने में दिक्कत होती है। लेईको ने इस बार 5.7 इंच के क्वाड एचडी डिस्प्ले का इस्तेमाल किया है। इस पर गोरिल्ला ग्लास की प्रोटेक्शन भी मौजूद है। हमें इससे कोई शिकायत नहीं है। कलर रिप्रोडक्शन अच्छे हैं। ऐसा ही ब्राइटनेस के स्तर के बारे में भी कहा जा सकता है। सूरज की रोशनी में हैंडसेट के स्क्रीन पर पढ़ने में ज्यादा दिक्कत नहीं होती। नेविगेशन के लिए मौजूद है बैकलिट कैपिसिटिव बटन। आपको डिस्प्ले के ऊपर एक एलईडी नोटिफिकेशन भी मिलेगा।
 

बायीं तरफ दो नैनो सिम कार्ड के लिए स्लॉट बना है जबकि वॉल्यूम और पावर बटन दायीं तरफ हैं। फोन की स्टोरेज नहीं बढ़ाई जा सकती, क्योंकि इसमें माइक्रोएसडी कार्ड स्लॉट नहीं है।
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हैंडसेट के कैमरा मॉड्यूल के कारण फोन के पिछले हिस्से में उभार है। इसके किनारे के घिसने की संभावना ज्यादा है। यह समस्या हमारे टेस्ट यूनिट के साथ भी हुई। कैमरे के नीचे फिंगरप्रिंट सेंसर मौजूद है। अच्छी बात यह है कि इसकासेंसर ले मैक्स की तुलना में ज्यादा बड़ा और बेहतर डिज़ाइन वाला है। ले मैक्स 2 में क्वालकॉम के सेंस आईडी अल्ट्रासोनिक फिंगरप्रिंट तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। नाम से पता चलता है कि यह सेंसर आपके फिंगरप्रिंट को मैप करने के लिए अल्ट्रासोनिक साउंड तकनीक का इस्तेमाल करता है। यह फोन को अनलॉक करने में एक सेकेंड लगाता है और कई बार उससे ज्यादा। हमने इसके बारे में लेईको से बात की और कंपनी का कहना था कि यह दिक्कत हमारे टेस्ट के साथ है। ज़रूरी नहीं है कि कंपनी का दावा सही हो।
 

रिटेल बॉक्स में आपको पावर एडप्टर, हेडफोन एडप्टर, एक केस, एक सिम इजेक्टर टूल और क्विक स्टार्ट गाइड मिलता है। लेईको का टाइप-सी हेडसेट अलग से बिकता है। पहली फ्लैश में एलई मैक्स 2 खरीदने वाले यूज़र को यह मुफ्त मिला है। डिजाइन और दिखने के मामले में ले मैक्स 2 अपने पुराने वेरिएंट से बहुत बेहतर है। स्क्रीन साइज कम होने के बावजूद यह बड़ा होने का एहसास देता है और इसका वज़न 185 ग्राम है।
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स्पेसिफिकेशन और सॉफ्टवेयर
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इस साल लॉन्च किए गए ज्यादातर फ्लैगशिप स्मार्टफोन की तरह ले मैक्स 2 में क्वाड-कोर क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 820 चिपसेट का इस्तेमाल किया गया है। इसके साथ मौजूद है 6 जीबी रैम और 64 जीबी स्टोरेज। सस्ते वेरिएंट में 4 जीबी रैम है और स्टोरेज 32 जीबी है। अन्य फ़ीचर में वाई-फाई बी/जी/एन/एसी, यूएसबी-ओटीजी और जीपीएस शामिल हैं। फोन एफएम रेडियो और एनएफसी को सपोर्ट नहीं करता।
 

हार्डवेयर में सबसे बड़ा बदलाव यूएसबी टाइप-सी ऑडियो स्टेंडर्ड है जिसे लेईको कंपनी सीडीएलए बुलाती है। फोन में एंड्रॉयड मार्शमैलो पर आधारित ईयूआई 5.6 है। ले मैक्स 2 में एंड्रॉयड के सारे काम के फ़ीचर को बनाया रखा गया है और उसके ऊपर कंपनी ने तड़का लगाने का काम किया है। यह एक लेयर वाला इंटरफेस है। दायीं तरफ स्वाइप करने पर आप लेव्यू पर जाएंगे जहां पर आपको यूट्यूब का प्लेलिस्ट मिलेगा। आप इस पेज को डिसेबल भी कर सकते हैं। आप फोन के थीम और वालपेपर को भी कस्टमाइज कर सकते हैं, लेकिन डिफॉल्ट में आपके पास कई विकल्प नहीं मौजूद हैं।
 

'लाइव' ऑनस्क्रीन बटन आपको लेलाइव सर्विस में ले जाता है। यहां पर कई लोकप्रिय टीवी चैनल को स्ट्रीम कर पाएंगे। ये सारी सेवाएं लेईको सुपरटेनमेंट ईको सिस्टम का हिस्सा है। इसे इस्तेमाल करने के लिए आपको ले क्लाउड अकाउंट में साइन अप करना होगा।

इंटरफेस बहुत ही यूज़र फ्रेंडली नहीं है। ज्यादातर चीजों की पोजीशन में बदलाव कर दिया गया है। ऐप लॉन्च करने के लिए मौजूद रहने वाले शॉर्टकर्ट को ऐप स्विचर स्क्रीन में भेज दिया गया है। नोटिफिकेशन शेड पूरी तरह से नोटिफिकेशन के लिए रिज़र्व कर दिया गया है। म्यूज़िक प्लेयर, इंफ्रारेड रीमोट कंट्रोल, वीडियो प्लेयर, याहू वेदर और साउंड रिकॉर्डर पहले से इंस्टॉल हैं। गूगल के ऐप्स भी मौजूद हैं। सॉफ्टवेयर को और पॉलिश करने की ज़रूरत है।
 

परफॉर्मेंस
ले मैक्स 2 आम इस्तेमाल के कामों को आसानी से पूरा करता है। इसका श्रेय सीपीयू और ढेर सारे रैम को जाता है। गेम खेलते वक्त और 4के रिज़ॉल्यूशन वाले वीडियो रिकॉर्ड करने के दौरान हैंडसेट के गर्म हो जाने की शिकायत मिली। औसतन आपके पास 3.5 जीबी रैम हमेशा बचा हुआ रहेगा, ऐसे में कभी भी फोन के धीमे पड़ने वाली समस्या नहीं होगी। इंटरफेस ठीक चलता है लेकिन इसमें नेक्सस वाली बात नहीं है। ईयरपीस फोन कॉल के लिए काफी लाउड हैं। 4जी नेटवर्क में फोन को इस्तेमाल करने में दिक्कत नहीं हुई। ले मैक्स 2 ने बेंचमार्क टेस्ट में बेहतरीन नतीजे दिए।
 

वीडियो प्लेयर 4के वीडियो को आसानी से चलाता है। इसके अलावा पॉप-आउट विंडो का विकल्प भी देता है। लेईको ने लोकप्रिय फॉर्मेट के लिए सपोर्ट के ज़रूरी वीडियो और ऑडियो कोडेक भी दिए हैं। फोन डॉल्बी एटमस को सपोर्ट करता है।

हमें ले मैक्स का कैमरा पसंद आया था और नए वेरिएंट ने भी हमें निराश नहीं किया। 21 मेगापिक्सल के सेंसर में ऑप्टिकल इमेज स्टेबलाइजेशन और पीडीएएफ फ़ीचर हैं। कैमरा तेजी से फोकस कर पाता है। कभी-कभार शटर ठीक से काम नहीं करता, क्योंकि कई तस्वीरें थोड़ी धुंधली आईं। यह सेंसर लैंडस्केप की तस्वीरें डिटेल में लेता है। कम रोशनी या अप्राकृतिक रोशनी में क्रोमा नॉयज सिमित है। 4के और फुल-एचडी वीडियो अच्छे आते हैं। स्लो मोशन वीडियो की क्वालिटी उतनी अच्छी नहीं है।


कैमरा ऐप में भी कुछ बदलाव संभव हैं। यह बहुत ही सिंपल और आसानी से समझ आने वाला है। लेकिन प्रोफेशनल शूटिंग मोड नहीं होने के कारण यह संपूर्ण होने का एहसास नहीं देता। 8 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा ठीक-ठाक सेल्फी लेता है लेकिन वीडियो रिकॉर्डिंग 720 पिक्सल रिज़ॉल्यूशन तक सीमित है।

बैटरी लाइफ
फोन में 3100 एमएएच की बैटरी है। हमारे वीडियो लूप टेस्ट में यह 11 घंटे 53 मिनट तक चली जिसे अच्छा कहा जाएगा। लेकिन हमारा मानना है कि लेईको को ज्यादा क्षमता वाली बैटरी देना चाहिए था। आम इस्तेमाल में फोन की बैटरी आसानी से एक दिन चली। फोन क्वालकॉम के क्विक चार्ज़ 2.0 तकनकी को भी सपोर्ट करता है, यह चार्ज़िंग की प्रक्रिया में तेजी लाने काम करती है।
 

हमारा फैसला
हमें ले मैक्स से सबसे बड़ी शिकायत इसकी कीमत को लेकर थी, जिसे कंपनी ने ले मैक्स 2 में दूर करने की कोशिश की है। ले मैक्स 2 की कीमत 22,999 रुपये से शुरू होती है। यह कीमत 4 जीबी रैम और 32 जीबी स्टोरेज वाले वेरिएंट की है। इस तरह से यह हैंडसेट स्नैपड्रैगन 820 प्रोसेसर से लैस मार्केट में उपलब्ध सबसे सस्ता स्मार्टफोन है। इस लिहाज से फोन को हरा पाना लगभग नामुमकिन है। याद रखिए कि फोन की स्टोरेज को आप बढ़ा नहीं पाएंगे।

हमने जिस यूनिट को रिव्यू किया उसकी कीमत 29,999 रुपये है। इसमें आपको 6 जीबी रैम और 64 जीबी की स्टोरेज मिलेगा, यानी इसकी टक्कर सीधे तौर पर वनप्लस 3 से है। ले मैक्स 2 के डिस्प्ले का रिज़ॉल्यूशन ज्यादा है। कैमरा, बैटरी लाइफ, सीडीएलए ऑडियो और स्ट्रीमिंग सर्विस फोन के पक्ष में जाते हैं। हालांकि, सॉफ्टवेयर में बहुत सुधार की गुंजाइश है। फोन थोड़ा वज़नदार है। इसमें एनएफसी नहीं है और इसे खरीदने के लिए फ्लैश सेल में हिस्सा लेना होगा। फिंगरप्रिंट सेंसर भी बहुत ज्यादा तेजी से काम नहीं करता। हालांकि, कंपनी का कहना है कि यह दिक्कत सिर्फ हमारे रिव्यू यूनिट के साथ है।

लेईको ने ले मैक्स 2 के साथ जो किया है वो हमें पसंद आया। लेकिन इसके दो वेरिएंट के बीच कीमत का अंतर थोड़ा चुभता है। अगर आप इस बजट में खरीदारी करने का विचार कर रहे हैं तो आप वनप्लस 3 को नज़रअंदाज नहीं कर सकते। यह आसानी से उपलब्ध तो है ही और एक बेहतरीन स्मार्टफोन भी है।
 

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