केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को 2018-19 का बजट पेश किया। बजट में वित्त मंत्री ने मोबाइल फोन पर कस्टम ट्यूटी को 15 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी करने की घोषणा की। यानी अब भारत में आयात होने वाले ब्रांड के स्मार्टफोन पर 20 फीसदी सीमा शुल्क लगेगा, जो अब तक 15 फीसदी था। तय है कि ऐप्पल जैसे बड़े ब्रांड के स्मार्टफोन भारत में अब पहले से ज्यादा महंगे हो जाएंगे। जानकारों का मानना है कि कस्टम ड्यूटी में हुई इस बढ़त से शाओमी, ऐप्पल और सैमसंग स्मार्टफोन की कीमतों पर खासा असर पड़ेगा।
बढ़ी हुई कस्टम ड्यूटी का असर मुख्य तौर पर विदेश में बनने वाले इलेक्ट्रॉनिक और दूसरे उत्पादों पर पड़ेगा। इस कदम को उठाने के पीछे मंशा है कि 'देसी' स्मार्टफो की बिक्री बढ़े और लोग देश में निर्मित भारतीय स्मार्टफोन खरीदने के लिए ज्यादा से ज्यादा आकर्षित हों। बता दें कि देश के भीतर निर्मित स्मार्टफोन इस शुल्क के दायरे में नहीं आएंगे और उनकी कीमतें अपेक्षाकृत कम रहेंगी।
इससे पहले सरकार ने पिछले साल जुलाई में ही आयातित उपकरणों पर 10 फीसदी सीमा शुल्क लागू किया था, जिसे बाद में बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया गया था। अब यह शुल्क 20 फीसदी हो गया है। काउंटरप्वॉइंट रिसर्च के असोसिएट डायरेक्टर तरुण पाठक ने बताया, ''इस कदम को लेकर कयास पहले से ही लगाए जा रहे थे लेकिन इंडस्ट्री को निर्माण क्षेत्र से जुड़ी कुछ और घोषणाओं की उम्मीद है। पिछले साल 3 अरब मोबाइल हैंडसेट में से 3/5 हैंडसेट भारत में असेंबल किए गए। सीमा शुल्क में हुई इस बढ़ोत्तरी के बाद अब कुछ कंपनियां लोकल उत्पादन इकाइयों का सहारा लेंगी और लोकल असेंबलिंग बढ़ाएंगी।'' तरुण ने बताया, ''इस फैसले के बाद ऐपल जैसे प्रीमियम फोन वाले बड़े ब्रांड प्रभावित होंगे, जो आयात पर खासा निर्भर हैं। लेकिन यह कदम स्थानीय कंपनियों के लिए फायदेमंद साबित होगा।''
फॉरेस्टर रिसर्च के सतीश मीना का कहना है, ''मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनियां भारतीय बाजार में अपनी बढ़त देख रही हैं। इस कदम के बाद कंपनियां निश्चित ही भारत में निर्माण क्षेत्र में निवेश के लिए आकर्षित होंगी।'' सतीश का कहना है कि सीमा शुल्क बढ़ने से भारत में रोजगार के भी रास्ते मजबूत होंगे, लेकिन मैं नहीं मानता कि इस कदम से भारतीय स्मार्टफोन निर्माताओं को बहुत ज्यादा फायदा होगा, क्योंकि ज्यादातर भारतीय कंपनियां इनोवेशन और गुणवत्ता के मामले में विदेशी ब्रांड से मात खा जाती हैं।
आपको बता दें कि शाओमी और सैमसंग की भारत में पहले से ही निर्माण इकाई स्थापित हैं, जिनसे अभी तक कई स्मार्टफोन निकले हैं। वहीं, ऐप्पल की बात करें तो कंपनी भारत में सिर्फ iPhone SE का ही निर्माण करती है। हालांकि खबरें हैं कि ऐप्पल iPhone 6s का निर्माण भी भारत में जल्द शुरू कर सकती है लेकिन इस पर आधिकारिक तौर पर अभी कुछ नहीं कहा गया है। विश्लेषकों ने गैजेट्स 360 को बताया कि इस कदम से वीवो, हुवावे और ओप्पो जैसी कंपनियां भी प्रभावित होंगी।
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