अब समय आ गया है कि एंट्री लेवल एंड्रॉयड स्मार्टफोन का मेकओवर किया जाए। और हम सिर्फ इनके लुक और डिज़ाइन की बात नहीं कर रहे हैं। हाई-एंड स्मार्टफोन के फ़ीचर को मेनस्ट्रीम फोन में दिया जा रहा है और इसीलिए
10,000 रुपये से 15,000 रुपये वाले सेगमेंट में जबरदस्त बदलाव हुआ। और अब हमें लगता है एंट्री-लेवल स्मार्टफोन में भी बदलाव का समय है।
जब तक ऐसा नहीं होता है, तब तक हमें एंट्री-लेवल स्मार्टफोन में कई समझौते करने पड़ेंगे। हमने इससे पहले
ज़ेन सिनेमैक्स 3 रिव्यू किया था जो हमें बहुत ज्यादा लुभा नहीं सका। हमें उम्मीद है कि अल्काटेल का नया
पिक्सी 4 स्मार्टफोन शायद कुछ बेहतर कर पाए।
अल्काटेल पिक्सी 4 डिज़ाइन व बिल्डयह फोन दुनियाभर में अलग-अलग साइज़ में उपलब्ध है। भारत में हमारे पास एक 5 इंच वेरिएंट है। अल्काटेल पिक्सी 4 की बिल्ड क्वालिटी अच्छी है। फोन प्लास्टिक का बना है और फिनिश भी अच्छी है। फोन की मोटाई 9.5 मिलमीटर है और 169 ग्राम के वज़न के साथ यह थोड़ा भारी भी लगता है। हालांकि, फोन की ग्रिप अच्छी है। पिक्सी 4 कई कलर वेरिएंट में मिलेगा। हमारे पास गोल्ड वेरिएंट मौज़ूद है।
अल्काटेल पिक्सी 4 में 480x854 पिक्सल रिज़़ॉल्यूशन का 5 इंच कैपेसिटिव डिस्प्ले है। जो इस कीमत वाले फोन के लिए नई बात नहीं है। रिज़ॉल्यूशन के कम होने से ज्यादा पैनल की क्वालिटी निराश करती है। व्यूइंग एंगल बेहद ख़राब है जिससे डिस्प्ले पर बहुत ज्यादा धब्बे पड़ जाते हैं। टच रिस्पॉन्स बेहद शानदार है लेकिन डिस्प्ले सर्फेस पर उंगलियों के निशान किसी चुंबई की तरह काम करते हैं।
पिक्सी 4 में नीचे की तरफ एक माइक्रो-यूएसबी पोर्ट, ऊपर की तरफ एक 3.5 एमएम ऑडियो जैक और फ्रंट कैमरे के पास में एक नोटिफिकेशन एलईडी दी गई है। अल्काटेल पिक्सी 4 में नेविगेशन बटन हैं जो बैकलिट नहीं हैं। फोन का रियर कवर और बैटरी रिमूवेबल है। फोन में दो सिम कार्ड और एक माइक्रोएसडी कार्ड के लिए अलग स्लॉट दिए गए हैं। बॉक्स में फोन के साथ चार्जर, डेटा केबल, हेडसेट, स्क्रीन गार्ड और इंस्ट्रक्शन लीफलेट मिलेगा। फोन के साथ और ख़ासकर बजट फोन के हिसाब से एक्सेसरी की क्वालिटी अच्छी है।
अल्काटेल पिक्सी 4 स्पेसिफिकेशन व फी़चरइस फोन में 1 गीगाहर्ट्ज़ पर चलनने वाला मीडियाटेक एमट6735एम क्वाड-कोर प्रोसेसर है। फोन में 1 जीबी रैम और 8 जीबी स्टोरेज है। बेसिक काम करने के लिए सीपीयू अच्छा है लेकिन रैम और स्टोरेज काफी कम है जो निराशाजनक है। यूज़र को इस्तेमाल के लिए असल में 3.6 जीबी स्टोरेज मिलती है। लेकिन माइक्रोएसडी कार्ड के जरिए स्टोरेज को 32 जीबी तक बढ़ाया जा सकता है। हालांकि इससे रैम की समस्या नहीं सुलझती लेकिन कम से कम यूज़र को ऐप के लिए स्पेस की दिक्कत नहीं होगी।
इसके अलावा फोन में ब्लूटूथ 4.0, वाई-फाई बी/जी/एन, एफएम रेडियो और जीपीएस जैसे फ़ीचर हैं। बात करें सेंसर की तो इस फोन में एक्सेलेरोमीटर और एक प्रॉक्सिमिटी सेंसर दिया गया है। फोन में यूएसबी ओटीजी नहीं मिलेगा। पिक्सी 4 सभी भारतीय बैंड सपोर्ट करता है और वीओएलटीई पर भी काम करता है। अल्काटेल पिक्सी 4 एक कस्टम लॉन्चर का इस्तेमाल करता है लेकिन इंटरफेस बहुत कुछ एंड्रॉयड 6.0 का ही है। इंटरफेस में कुछ अच्छे विज़ुअल टच शामिल किए गए हैं।
फोल्डर को खोलने पर आपको फोल्ड स्टाइल एनिमेशन मिलेगा। लॉक स्क्रीन पर ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले ऐप के लिए पांच शॉर्टकट है। और दांयीं तरफ स्वाइप करने होमस्क्रीन से अल्काटेल का वनटच स्ट्रीम फ़ीचर मिलेगा जिससे आपको मौसम, कैलेंडर इवेंट, न्यूज़ स्टोरी और वॉलपेपर का विकल्प मिलेगा। जरूरत ना पड़ने पर इन्हें डिसेबल किया जा सकता है।
फोन में व्हाट्सऐप, ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम, एवीजी एंटीवायरस, फ्लिपकार्ट और सभी जियो ऐप्स पहले से इंस्टॉल आते हैं। पिक्सी 4 के साथ भी जियो वेलकम ऑफर मिलेगा। इसके अलावा एक बूस्ट ऐप भी है जो जंक फाइल और पावर सेविंग मोड, ऐप को मैनेज करता है। वनटच क्लाउड अल्काटेल का क्लाउड बैकअप सर्विस है। सेटिंग ऐप में वो कंट्रोल हैं जो जेस्चर सपोर्ट करते हैं।
अल्काटेल पिक्सी 4 परफॉर्मेंसअल्काटेल में दिए गए सभी सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल के लिए अल्काटेल को ज्यादा रैम देनी थी। 1 जीबी रैम के साथ आपके लिए मुश्किल से 200 एमबी स्पेस ही खाली मिलता है जो कि आसानी से चलने वाले एक एंड्रॉयड स्मार्टफोन के लिए पर्याप्चत नहीं है। किसी लिस्ट को स्क्रॉल करते समय, ऐप चलाने या ब्राउज़िंग करते समय भी काफी समस्या होती है। ऐप लोड होने में समय लगता है और साधारण काम जैसे एक नंबर को डायल करना भी आसान नहीं है। फोन बहुत ज्यादा गर्म नहीं होता लेकिन हमने कैमरा इस्तेमाल के दौरान फोन को गर्म महसूस किया।
बेंचमार्क आंकड़ों की बात करें तो फोन ने उम्मीद के मुताबिक ही काफी कम स्कोर किया।
अल्काटेल पिक्सी 4 पर वीडियो या ऑडियो का अनुभव भी स्क्रीन के चलते बहुत अच्छा नहीं रहता। हालांकि, फोन में 1080 पिक्सल तक की वीडियो फाइल प्ले कर सकते हैं। ईयरपीस को लाउडस्पीकर की तरह भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यह अलर्ट के लिए तो ठीक है लेकिन मीडिया फाइल के लिए बहुत कमजोर है। साथ आने वाले हेडसेट से ऑडियो ठीकठाक मिलता है।
फोन के कैमरे के बारे में बात करने के लिए बहुत कुछ नहीं है। इस फोन में 8 मेगापिक्सल का फिक्स्ड फोकस रियर कैमरा है जबकि 5 मेगापिक्सल फ्रंट कैमरा है। दोनों कैमरों के साथ एक सिंगल एलईडी फ्लैश है। दोनों कैमरों से आने वाली तस्वीरों की क्वालिटी औसत से कम है। और ऑटोफोकस ना होने के चलते अच्छे क्लोज़-अप शॉट के बारे में तो आप भूल ही जाइए। अच्छी रोशनी में भी तस्वीरें काफी डल और वॉश्ड आती हैं जबकि कम रोशनी में डिटेलिंग की कमी रहती है। फोन से अधिकतम 720 पिक्सल तक का वीडियो रिकॉर्ड किया जा सकता है।
फोन के कैमरा इंटरफेस को इस्तेमाल करना आसान है। पिक्सी 4 में दांयीं तरफ एक शूटिंग मोड है और दांयीं तरफ कई सारे दूसरे विकल्प मौज़ूद हैं। अल्काटेल ने एक पोलेरॉयड मोड भी दिया है जिससे आप तस्वीरों में इफेक्ट जोड़ने के साथ ही फ्रेम बदल सकते हैं। फोन में रियर और फ्रंट फ्लैश काफी कमजोर हैं और सब्जेक्ट के पास होने पर जैसे कि चेहरे पर भी ढंग से रोशनी नहीं आती।
अल्काटेल पिक्सी 4 में 2000 एमएएच की बैटरी दी गई है जो हमारे एचडी वीडियो लूप टेस्ट में 7 घंटे और 47 मिनट तक चली। साधारण इस्तेमाल के दौरान हमने देखा कि स्टैंडबाय टाइम शानदार है और बैटरी पूरे दिन चल जाती है जबकि बहुत ज्यादा एक्टिव ना होने पर आधे दिन। चार्जिंग धीमे होती है और बैटरी को पूरी तरह चार्ज होने में कई घंटे लग जाते हैं।
हमारा फैसलाअल्काटेल पिक्सी 4 को 4,999 रुपये में लॉन्च किया गया था लेकिन अभी इसे फ्लिपकार्ट पर 5,499 रुपये में बेचा जा रहा है। एंड्रॉयड मार्शमैलो और 4जी वीओएलटीई के साथ आने वाला यह एक अच्छा एंट्री-लेवल स्मार्टफोन है। हालांकि, आप औसत से भी कम कैमरा और ऐप परफॉर्मेंस के लिए तैयार रहें।
इस कीमत में कार्बन क्वात्रो एल50 एचडी अब भी बेहतर विकल्प है। इसके अलावा
इनफोकस बिंगो 21 भी है। बाजार में मौजूदा एंट्री लेवल स्मार्टफोन के साथ समस्या है कि इनमें से कोई भी ऑलराउंडर नहीं है। आपको इस सेगमेंट के फोन में सॉफ्टवेयर या हार्डवेयर के साथ समझौता करना पड़ता है।
पिक्सी 4 एक अच्छा विकल्प हो सकता था अगर अल्काटेल ने इसमें अच्छे हार्डवेयर दिए होते। हम आपको इस सेगमेंट में कार्बन और इनफोकस जैसे विकल्प आजमाने की सलाह भी देंगे।