दिल्ली पुलिस ने दो महीने पहले एक सेक्सटॉर्शन रैकेट का भंडाफोड़ किया था, जिसमें राजस्थान से कई आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। इस रैकेट का एक शिकायतकर्ता के जरिए पता लगा था, जिसने आरोप लगाया था कि उसे एक अज्ञात नंबर से WhatsApp वीडियो कॉल आया था, जो कि अश्लील था। इसके बाद शिकायतकर्ता ने कुछ देर तक लड़की से बातचीत की और कॉल बंद कर दी. इसके बाद उसी शिकायतकर्ता को अलग-अलग तरीकों से ब्लैकमेल किया गया और उससे 18 लाख रुपये लूटे गए। इस तरह की घटनाओं में अकसर लोग फंस जाते हैं, जिसमें सेक्सटॉर्शन (Sextortion) बड़ा और बेहद संवेदनशील मुद्दा है। यह एक ऐसी समस्या है, जिसकी वजह से कई मामूल लोगों ने आत्महत्या तक कर दी है।
सेक्सटॉर्शन का धंधा देश में तेजी से फैल रहा है, जिसके जाल में आने वाले लोगों से करोड़ों रुपये लूटे जाते हैं। किसी को अश्लीलता के जाल में फंसाया जाता है, तो किसी को पुलिस बनकर बेबुनियाद जुर्म में उनका नाम आने की बात कहकर पैसे ऐंठने के लिए दबाव दिया जाता।
यदि आप भी सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं और WhatsApp जैसे इंस्टैंट मैसेजिंग सर्विस यूज करते हैं, तो आपको
Sextortion जैसे गंभीर मुद्दे के बारे में जान लेना चाहिए। कुछ टिप्स आपको इस तरह की ब्लैकमेलिंग से बचा सकते हैं। सेक्सटॉर्शन दो शब्दों से मिलकर बना है - सेक्स और एक्सटॉर्शन, जिसका मतलब होता है अशलीलता के नाम पर ब्लैकमेल करना और जबरन वसूली करना।
जैसा ऊपर बताए शिकायतकर्ता के साथ हुआ, पैसे ऐंठने के लिए एक्सटॉर्शन गैंग कई तरीके अपनाता है, जैसे अज्ञात नंबर से वीडियो कॉल करना और उसमें अश्लील कंटेंट दिखना, जिसके बाद उस वीडियो कॉल की क्लिप को गलत तरीके से एडिट करके पीढ़ित को ब्लैकमेल करना।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अक्सर अनजान लोगों की फ्रेंड रिक्वेस्ट आती रहती है और यदि आपकी किस्मत खराब हुई, तो आपको कोई स्कैमर या सेक्सटॉर्शन करने वाला अपराधी मिल सकता है। ये शुरुआत में आपसे घुलने-मिलने की कोशिश करते हैं और दोस्ती होने के बाद हो सकता है कि ये आपसे वीडियो कॉल पर आने की बात कहें और आपकी आपत्तिजनक वीडियो बना लें और आपको ब्लैकमेल करना शुरू कर दे।
कुछ मामलों में अपराधी पीढ़ित को दोस्ती के जाल में फंसाकर उनसे निजी फोटो या वीडियो मांगते हैं, जबकि कुछ मामले ऐसे भी हैं, जिसमें इस पूरे स्कैम के पीछे मौजूद व्यक्ति एक हैकर होता है, जो आपके फोन से प्राइवेट फोटो और वीडियो चोरी कर लेता है।
मामला कैसा भी हो, अंत में ये अपराधी पीढ़ितों से बार-बार पैसों की डिमांड करते हैं। कई मामलों में फ्रॉडस्टर्स खुद पुलिस अधिकारी बनकर कॉल करते हैं। शुरुआत में बताए शिकायतकर्ता के साथ भी ऐसा ही हुआ था, जहां 1 अगस्त 2022 को शिकायतकर्ता को फिर एक शख्स का फोन आया और उसने अपना परिचय पुणे के एसएचओ अरुण रावत के रूप में दिया। शख्स ने बताया कि एक लड़की ने आत्महत्या कर ली है और उसके कॉल लॉग में आपका मोबाइल नंबर मिला है। उसने बताया कि शिकायतकर्ता पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है और कॉल करने वाले अरुण रावत ने शिकायतकर्ता को पुणे पहुंचने के लिए कहा।
इसके अलावा, आरोपी ने पीड़ित को एक मोबाइल नंबर दिया और शिकायतकर्ता को एसआई विक्रम राठौर से संपर्क करने के लिए कहा। इस पर शिकायतकर्ता ने दिए गए नंबर पर संपर्क किया, जिसने उन पर अपनी मांगों को पूरा करने के लिए दबाव बनाया। इस पर शिकायतकर्ता ने आरोपियों के अलग-अलग बैंक खातों में 18 लाख रुपये भेज दिए। इसके अलावा पीड़ित एक दूसरे के मोबाइल नंबर से एक और कॉल आया, जिसने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया और उसे मुंबई जाने के लिए कहा। शिकायतकर्ता ने फिर विक्रम राठौर से संपर्क किया और उसने फिर 3 लाख रुपये मांगे। बाद में शिकायतकर्ता ने खुद को ठगा पाया और साइबर पीएस द्वारका से संपर्क किया।
ऐसे में आपको क्या करना चाहिए?
यदि आपके साथ भी इसी तरह की कोई घटना होती है, तो आफको सबसे पहले खुद को शांत रखना होगा और जल्दबाजी में कोई फैसला लेने से बचना होगा। बहुत से लोग इस तरह की परिस्थिति में हडबड़ा जाते हैं और स्कैमर्स के जाल में फंसते जाते हैं। यहां आपको तुरंत अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन पर जाना चाहिए और जो भी आपके साथ हुआ है, उसे विस्तार से बताना चाहिए।
हम आपको यही सलाह देंगे कि किसी भी अनजान नंबर से आने वाली वीडियो कॉल का जवाब न दें। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अपनी प्रोफाइल्स को सिक्योर और लॉक रखें। हमेशा अपने अकाउंट को डबल ऑथेंटिकेशन से सिक्योर बनाए रखें। अनजान लोगों को अपने फ्रेंड लिस्ट में न जोड़ें और यदि आपको किसी को जोड़ना ही है, तो उसकी प्रोफाइल को अच्छे तरीके से जांच लें। अपनी निजी फोटो और वीडियो को पब्लिक प्रोफाइल्स या सोशल मीडिया अकाउंट में अपलोड न करें और साथ ही ऐसी निजी मीडिया फाइ्ल्स को फोन की ओपन गैलेरी में भी रखने से बचें।