1 अप्रैल से नया वित्तीय वर्ष शुरू होने जा रहा है। नए फाइनेंशियल ईयर की शुरुआत के साथ इनकम टैक्स के नियमों में बदलाव भी होने जा रहा है। केंद्र सरकार ने बजट 2024 में इनकम टैक्स की नई रीजीम में बड़े बदलाव की घोषणा की थी। ये बदलाव अब 1 अप्रैल से लागू होने जा रहे हैं। इन बदलावों का सबसे बड़ा असर नौकरीपेशा वर्ग पर पड़ेगा, क्योंकि यह उनकी मासिक सैलरी और टैक्स देनदारी, दोनों को प्रभावित करेगा। इसलिए आपके लिए यह नियम जानना जरूरी है।
12 लाख रुपये तक की इनकम पर नहीं देना होगा टैक्स
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने
बजट 2024 में स्पष्ट किया था कि नई टैक्स रीजीम के तहत सालाना 12 लाख रुपये तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं लिया जाएगा। लेकिन यह छूट केवल नई रीजीम के अंतर्गत लागू होगी। इसलिए टैक्स भरने वाले को यह खुद ही आंकना होगा कि उसके लिए नई रीजीम में फायदा है, या पुरानी रीजीम से ही टैक्स देना सही रहेगा। इसके लिए आप किसी टैक्स कंसेल्टेंट की भी मदद ले सकते हैं। चूंकि अब 12 लाख रुपये तक की इनकम को सरकार ने टैक्स फ्री कर दिया है तो उन लोगों को ज्यादा फायदा होगा जो टैक्स बचाने के लिए किसी तरह की इनवेस्टमेंट नहीं करते।
पुरानी रीजीम में अब भी डिडक्शन के लाभ
नई टैक्स रीजीम में भले ही टैक्स की दरें कम हैं, लेकिन इसमें अधिकतर डिडक्शन की सुविधा नहीं मिलती। सेक्शन 80C के तहत निवेश, होम लोन पर ब्याज में छूट या हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर 80D के तहत मिलने वाली राहत, ये सभी लाभ केवल पुरानी टैक्स रीजीम में ही आते हैं। तो अगर आपके पास होम लोन है, या HRA का दावा करते हैं, उनके लिए पुरानी रीजीम अब भी ज्यादा फायदेमंद कही जा सकती है।
नई या पुरानी में से कौन सी रीजीम चुनें
अगर आपको टैक्स बचाने वाली स्कीमों में इनवेस्ट नहीं करते, और केवल साधारण टैक्स केल्कुलेशन चाहते हैं तो नई रीजीम ज्यादा अच्छी है। लेकिन जो लोग टैक्स बचाने के लिए निवेश करते हैं, उनके लिए पुरानी रीजीम अब भी फायदेमंद।
नए वित्त वर्ष के साथ TDS में बदलाव
अगर आप नौकरी करते हैं तो अप्रैल से ही आपकी सैलरी से टैक्स कटना शुरू हो जाएगी। इसके लिए कंपनी आपको शुरुआत में ही पूछेगी कि आप टैक्स की कौन सी रीजीम चुनना चाहते हैं। आपके जवाब के आधार पर आपकी सैलरी से टैक्स (TDS) काटा जाएगा। इसलिए दोनों ही तरह की टैक्स संरचनाओं को पहले ही जान लें।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS)
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को सरकार ने अगस्त 2024 में लॉन्च किया था। यह अब 1 अप्रैल 2025 से लागू होने जा रही है। इसका फायदा 23 लाख केंद्र कर्मचारियों को मिलेगा। स्कीम के तहत कम से कम 25 वर्षों की सर्विस देने वाले लोगों को रिटायरमेंट के बाद फाइनेंशियल सिक्योरिटी को यह स्कीम सुनिश्चित करती है। जिसमें कर्मचारी के अंतिम 12 महीनों के औसत मूल वेतन के 50% के बराबर उसे पेंशन दी जाएगी।
UPI के लिए नए निर्देश
UPI की सुरक्षा और क्षमता बढ़ाने के लिए सरकार ने नए निर्देश दिए हैं जो 1 अप्रैल से लागू हो जाएंगे। निर्देशों के मुताबिक बैंक और थर्ड पार्टी यूपीआई प्रोवाइडर्स को चरणबद्ध तरीके से इनेक्टिव मोबाइल नम्बरों को प्लेटफॉर्म से हटाना होगा। यूपीआई से जुड़े इनेक्टिव मोबाइल नंबर सुरक्षा के लिए जोखिम पैदा करते हैं। जब यूजर अपना नंबर बदलते हैं या निष्क्रिय करते हैं, तो उनके UPI अकाउंट अक्सर एक्टिव रहते हैं, जिससे उनका दुरुपयोग होने की संभावना बनी रहती है।