6G टेक्नोलॉजी में Huawei बनाना चाहती है लीडर, भारत में 5G के लिए करना होगा लंबा इंतज़ार!

जहां एक ओर अमेरिका और जापान देश में 6G कनेक्टिविटी पर ज़ोर-शोर से काम कर रहे हैं।

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नितेश पपनोई, अपडेटेड: 16 सितंबर 2021 12:40 IST
ख़ास बातें
  • Huawei 6G की रेस में बनना चाहता है विश्व लीडर
  • अमेरिका और जापान भी रेस में नहीं रहना चाहते पीछे
  • Huawei के पास पहले से है 5G तकनीक के लिए जरूरी सबसे ज्यादा पेटेंट

भारत में 5G टेक्नोलॉजी के लिए अभी करना होगा लंबा इंतज़ार

दुनिया के कई देश टेक दिग्गजों के साथ मिलकर 6G टेक्नोलॉजी को पेश करने वाले सबसे पहले देश व कंपनी का खिताब हासिल करने में लगे हुए हैं। Huawei भी अगली पीढ़ी की दूरसंचार प्रौद्योगिकी लाने की रेस में सबसे आगे रहने की कोशिश में है। जहां एक ओर हुवावे का लक्ष्य 6G नेटवर्किंग में लीडर बनना है, वहीं दूसरी ओर अमेरिका और जापान भी इस रेस में पीछे नहीं रहना चाहते। दिलचस्प बात यह है कि भारत में 5G तकनीक के लुत्फ उठाने के लिए लोगों को अभी और समय लगेगा।

NikkeiAsia की रिपोर्ट के अनुसार, जहां एक ओर अमेरिका और जापान देश में 6G कनेक्टिविटी पर ज़ोर-शोर से काम कर रहे हैं। वहीं चीनी टेक दिग्गज Huawei भी इस रेस में पीछे नहीं रहना चाहता है। कंपनी के सीईओ और संस्थापक, Ren Zhengfei ने अपने कर्मचारियों को इस टेक्नोलॉजी को जल्द विकसित करने के लिए हर संभव प्रयास करने के लिए कहा है। रिपोर्ट बताती है कि रेन ने यह बयान पिछले महीने कंपनी के वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और इंटर्न के एक ग्रुप को संबोधित करते समय दिया।

रिपोर्ट में कंपनी के एक आंतरिक दस्तावेज़ की जानकारी प्रकाशित की गई है, जिसमें कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि ब्रांड अगली पीढ़ी की टेक्नोलॉजी में आगे बढ़ते हुए 5G और AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) बिजनेस को विकसित करना जारी रखेगा।

इस बात से विश्व परिचित है कि पिछले कुछ सालों से अमेरिका Huawei के लिए रास्ते का रोड़ा बना हुआ है। अमेरिका ने देश में हुवावे के स्मार्टफोन बिजनेस को काफी नुकसान पहुंचाया है और आगामी 6G टेक्नोलॉजी के मामले में भी कहीं न कहीं कंपनी को अमेरिका की चिंता सता रही होगी। यही कारण है कि अपनी सभा में Ren ने कंपनी के अमेरिका के साथ प्रभावित हुए बिजनेस संबंधों की बात भी की, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि 6G में कंपनी की रिसर्च तेज़ है और कंपनी का लक्ष्य 6G पेटेंट की जमीन को जब्त करना है। कंपनी का लक्ष्य जल्द से जल्द ज्यादा से ज्यादा पेटेंट हाथियाने की है।

बता दें कि Huawei के पास पहले से ही 5G तकनीक के लिए जरूरी पेटेंटों की सबसे बड़ी संख्या है। जैसा कि हमने बताया, अमेरिका और जापान भी इस टेक्नोलॉजी में पीछे नहीं रहना चाहते। हालांकि, भारत अभी भी 5G की राह देख रहा है। सरकार द्वारा जारी कुछ बयानों से पता चला है कि देश में 5G स्पेक्ट्रम की निलामी अगले साल फरवरी में हो सकती है, जिससे यह साफ हो जाता है कि देश में 5G के लुत्फ उठाने के लिए लोगों को अभी लंबा इंतज़ार करना होगा।
 

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