नोटबंदीः कर रहे हैं नेट बैंकिंग तो इन बातों का रखें ख्याल

नोटबंदीः कर रहे हैं नेट बैंकिंग तो इन बातों का रखें ख्याल
ख़ास बातें
  • अपना पासवर्ड नियमित तौर पर बदलें
  • सार्वजनिक कंप्यूटर पर कभी लॉगइन ना करें
  • नेट बैंकिंग से जुड़ी जानकारी किसी के साथ साझा ना करें
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बात चाहें बिल भुगतान करने की हो या पैसे ट्रांसफर करने और फिक्स्ड डिपॉज़िट की, इंटरनेट बैंकिंग इन सभी काम को बेहद तेजी से करने का सबसे सुविधाजनक तरीका है। बैंक जाने और लंबी कतार में खड़े होने की जगह इंटरनेट बैंकिंग पर कुछ क्लिक करके बैंक के सभी काम निपटाए जा सकते हैं। लेकिन इंटरनेट बैंकिंग इस्तेमाल करते समय बेहद सावधानी बरतनी जरूरी है। ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाव के लिए अपनी बैंकिंग जानकारी को गोपनीय बनाए रखना आवश्यक है। आज हम आपको बताएंगे कि किस तरह कुछ टिप्स के जरिए आप सुरक्षित इंटरनेट बैंकिंग कर सकते हैं।

सुरक्षित इंटरनेट बैंकिंग के लिए इन टिप्स का करें इस्तेमाल।

अपना पासवर्ड नियमित तौर पर बदलें
जब भी आप पहली बार अपने इंटरनेट बैंकिंग अकाउंट में लॉगइन करेंगे तो आपको बैंक द्वारा मुहैया कराया गया पासवर्ड इस्तेमाल करना होगा। हालांकि, अपने अकाउंट की सुरक्षा के मद्देनज़र आपको अपना पासवर्ड बदलने की जरूरत होगी। इसके अलावा यह जरूरी है कि सुरक्षित नेट बैंकिंग के लिए थोड़े-थोड़े समय बाद पासवर्ड बदलते रहें। सबसे जरूरी बात है कि अपने पासवर्ड को हर बार गोपनीय रखें और उसे किसी के साथ साझा ना करें। अगर आप कई सारे बैंक अकाउंट के लिए नेट बैंकिंग का इस्तेमाल करते हैं तो अपने सभी पासवर्ड को एक जगह कभी ऑनलाइन मोड में स्टोर ना करें। बल्कि सभी पासवर्ड को ऑफलाइन सुरक्षित रखें।

सार्वजनिक कंप्यूटर पर कभी लॉगइन ना करें
जहां तक संभव हो तो साइबर कैफे या लाइब्रेरी जैसी सार्वजनिक जगहों के कंप्यूटर पर बैंक अकाउंट लॉगइन करने से बचें। ये जगहें भीड़भाड़ वाली होती हैं और एक कंप्यूटर को कई लोगों को द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में आपके पासवर्ड के दूसरों के द्वारा देखे और चोरी किए जाने का खतरा बढ़ जाता है। अगर आपको ऐसी जगहों से लॉगइन करना पड़ जाता है तो कंप्यूटर से काचे और ब्राउज़िंग हिस्ट्री व टेंपरेरी फाइल डिलीट करना ना भूलें। इसके अलावा लॉगइन करते समय किसी भी ब्राउज़र में 'रिमेंबर आईडी एंड पासवर्ड' पर क्लिक ना करें।

नेट बैंकिंग से जुड़ी जानकारी किसी के साथ साझा ना करें
यह बात हमेशा ध्यान रखें कि बैंक कभी भी आपके एटीएम पिन, जन्मतिथि जैसी गोपनीय और निज़ी जानकारी की सूचना फोन या ईमेल के जरिए नहीं पूछता है। इस संबंध में लगातार बैंक एसएमएस अलर्ट भी भेजता है। इसलिए अगर आपको बैंक से ऐसा कोई फोन या ईमेल मिले कभी लॉगइन जानकारी के बारे में ना बताएं। अपनी लॉगइन आईडी और पासवर्ड का इस्तेमाल बैंक के आधिकारिक लॉगइन पेज पर ही करें और यह एक सुरक्षित वेबसाइट होनी चाहिए। हमेशा याद रखें के यूआरएल में 'https://'लिखा हो, इसका मतलब होता है कि वेबसाइट एक सुरक्षित (सिक्योर) है।

अपने सेविंग अकाउंट को लगातार चेक करते रहें
किसी भी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के बाद अपना अकाउंट जरूर जांचे। यह सुनिश्चित करें कि आपके अकाउंट से उचित राशि ही निकाली गई है। अगर आपको इस राशि में कोई गड़बड़ी लगती है तो तुरंत अपने बैंक को सूचित करें। ध्यान रखें कि अपने बैंक अकाउंट का हेल्पलाइन नंबर और अपना बैंक अकाउंट नंबर हमेशा अपने पास रखें ताकि इमरजेंसी की स्थिति में आप अपनी इंटरनेट बैंकिंग को तुरंत ब्लॉक करा सकें।

हमेशा लाइसेंस वाले एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करें
अपने कंप्यूटर को नए वायरस से बचाने के लिए यह सुनिश्चित करें कि आप हमेशा लाइसेंस वाले एंटी वायरस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करें। एंटी वायरस सॉफ्टवेयर के पायरेटेड वर्जन मुफ्त में उपलब्ध हो सकते हैं लेकिन ऑनलाइन संसार में ये आपके कंप्यूटर को नए वायरस से बचाने में नाकाम साबित होते हैं। इसके अलावा, लाइसेंस वाले एंटी वायरस सॉफ्टवेयर होने से आपको समय-समय पर अपडेट के लिए नोटिफिकेशन भी मिलेंगे। ध्यान रखें कि आपका एंटी वायरस अपडेटेड हो ताकि आपकी निज़ी और गोपनीय जानकारी हमेशा सुरक्षित रहे।

पीसी इस्तेमाल ना करते समय इंटरनेट कनेक्शन बंद कर दें
अधिकतर ब्रॉडबैंड यूज़र उस समय अपने कंप्यूटर पर इंटरनेट कनेक्शन को डिसकनेक्ट नहीं करते हैं जब वे इसका इस्तेमाल नहीं कर रहे होते। हैकर इंटरनेट कनेक्शन के जरिए भी आपके कंप्यूटर को एक्सेस कर आपकी गोपनीय बैंकिंग जानकारी को चोरी कर सकते हैं। अपने डेटा को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी है कि जब आपको जरूरत ना हो तो इंटरनेट डिसकनेक्ट कर दें। इसके साथ ही जरूरी है कि समय-समय अपने पीसी को अपडेट करते रहें ताकि सुरक्षित ऑनलाइन बैंकिंग का अनुभव खराब ना हो।

हमेशा इंटरनेट बैंकिंग यूआरएल टाइप करें
इंटरनेट बैंकिंग के सुरक्षित इस्तेमाल के लिए जरूरी है कि ब्राउज़र के एड्रेस बार में जाकर अपने बैंक का यूआरएल टाइप करें। कभी भी ईमेल में भेजे गए लिंक पर क्लिक करें। इस बात की संभावना रहती है कि हैकर फर्जीवाड़े के लिए बैंक की ओरिजिनल वेबसाइट जैसी साइट डिज़ाइन कर वही लिंक ईमेल कर दें। अगर आप ऐसी किसी फर्जी वेबसाइट पर एक बार लॉगइन जानकारी डाल देते हैं तो आपका अकाउंट एक्सेस कर पैसे चुराए जा सकते हैं। लॉगइन करते समय सुनिश्चित करें कि यूआरएल में 'https://'जांच लें क्योंकि यही आपके बैंक की ओरिजिनल वेबसाइट है। इसके अलावा नेट बैंकिंग पेज के यूआरएल में सबसे पहले एक ताले जैसा आइकन बना हुआ है।
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