Hamida Banu: Google Doodle आज हमीदा बानु को याद कर रहा है। हमीदा बानु वह महिला थीं जो भारत की पहली पेशेवर कुश्तीबाज महिला बनीं। यह उस समय की बात है जब कुश्ती को केवल पुरुषों का खेल समझा जाता था। आज का डूडल दिव्या नेगी (Divya Negi) ने बनाया है। दिव्या नेगी बैंगलोर से एक गेस्ट आर्टिस्ट हैं। डूडल में हमीदा बानु को शक्तिशाली महिला के रूप में दिखाया गया है और उनके चारों तरफ फूल पत्तियों को सजाया गया है।
Google के अनुसार आज ही के दिन हमीदा बानु को विश्वभर में ख्याति मिली थी। 1954 में आज ही के दिन हमीदा बानु ने उस समय के प्रसिद्ध रेसलर बाबा पहलवान (Baba Pehalwan) को हराया था। हमीदा ने बाबा पहलवान को केवल 1 मिनट और 34 सेकंड में हरा दिया था। इस हार के बाद बाबा पहलवान ने पेशेवर कुश्ती से संन्यास ले लिया था।
हमीदा बानु का जन्म उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में 1900 की शुरुआत में हुआ था। बानु ने शुरू से ही कुश्ती पर ध्यान दिया और 300 से ज्यादा मुकाबले जीते। हमीदा के करियर का स्वर्ण दशक 1940 से 1950 के बीच बताया जाता है। उस समय महिलाओं को कुश्ती जैसे पेशे में आने से रोका जाता था। लेकिन बानु ने ठान ली थी कि वह रेसलर ही बनेंगी। इसलिए उन्होंने पुरुषों से मुकाबला किया।
हमीदा बानु के बारे में एक रोचक बात यह भी है उन्होंने पुरुषों को चुनौती दी कि जो उन्हें पहली बार हराएगा, वे उससे शादी कर लेंगी। हमीदा बानु को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी ख्याति मिली। उन्होंने रूस की महिला रेसलर वेरा किस्टिलिन को महज 2 मिनट से भी कम समय में चित्त कर दिया था। उसके बाद सालों तक हमीदा का नाम अखबारों की सुर्खियों में छाया रहा। उन्हें अलीगढ़ की अमेजन कहा जाने लगा। हमीदा अपने समय की चर्चित हस्ती रहीं। भारत और विश्व में उन्हें आज भी याद किया जाता है।