पिछले कुछ दिनों से क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में उतार चढ़ाव देखने को मिल रहा है। हाल ही में मार्केट ने बहुत बड़ा क्रैश देखा था, जिसके बाद बाज़ार में बाउंसबैक भी आया और Bitcoin, Dogecoin समेत कई अन्य ब्लॉकचेन व क्रिप्टो कॉइन्स की कीमत में बढ़ोतरी भी हुई, लेकिन गुरुवार को क्रिप्टो मार्केट फिर से फिसल गई। हालांकि यह हालिया क्रैश में पहुंच गई ऑल टाइम लो कीमत से अभी भी ज्यादा ही है। बिटकॉइन की भारत में कीमत अभी भी 31 लाख रुपये के आसपास बनी हुई है। डॉजकॉइन ने पिछले कुछ दिनों में बढ़ोतरी देखी, लेकिन आज यह भी 26 रुपये के आसपास ट्रेड हो रहा है।
खबर लिखने तक भारतीय क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज WazirX पर बिटकॉइन की कीमत (Bitcoin Price in India) 31 लाख रुपये के आसपास थी। हालांकि मार्केट खुलने पर यह लगभग 27 लाख रुपये पर कारोबार कर रहा था। कुछ ऐसा ही ईथेरियम ब्लॉकचेन के कॉइन Ether के साथ भी हुआ। गुरुवार सुबह ईथेरियम की भारत में कीमत (Ethereum Price in India) लगभग 8 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2 लाख रुपये के आसपास चल रही थी, लेकिन खबर लिखने तक इसका भाव 2.2 लाख रुपये पर था। दोनों टोकन हालिया क्रैश से ऊपर हैं, लेकिन अप्रैल में अपनी रिकॉर्ड कीमतों से काफी नीचे हैं।
Reuters की रिपोर्ट कहती है कि कुछ विश्लेषकों का कहना है कि हाल की अस्थिरता की तुलना में गिरावट अपेक्षाकृत मामूली महसूस होती है, लेकिन मार्केट के ऊपर नियामकों का ध्यान है और टेस्ला बॉस एलन मस्क (Elon Musk) की क्रिप्टोकरेंसी पर दिलचस्पी और प्रभाव के चलते अभी भी बाज़ार में जोखिम बना रहेगा।
पिछले हफ्ते चीन ने अपने वित्तीय संस्थानों और पेमेंट कंपनियों को क्रिप्टोकरंसी से संबंधित लेन देन या अन्य किसी भी प्रकार की सेवा देने के लिए प्रतिबंधित कर दिया था। इसका सीधा-सीधा अर्थ यह हुआ कि बैंक और ऑनलाइन पेमेंट चैनल अब ग्राहकों को क्रिप्टोकरंसी से संबंधित कोई भी सेवा नहीं दे सकते।
क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में अस्थिरता के लिए अकेले चीन को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। यह गिरावट पिछले कई हफ्तों से देखने को मिल रही थी। दो हफ्ते पहले इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी Tesla के मालिक और दुनिया के दूसरे सबसे अमीर आदमी एलन मस्क (Elon Musk) ने यह घोषणा की थी कि पर्यावरणीय नुकसान को देखते हुए टेस्ला अब अपनी कार की बिक्री के लिए बिटकॉइन को पेमेंट मोड के रूप में स्वीकार नहीं करेगी। जबकि, इसके लगभग एक हफ्ते पहले ही मस्क ने Bitcoin को टेस्ला में पेमेंट के रूप में इस्तेमाल किए जाने को लेकर स्वीकृति दी थी। कहीं न कहीं, यह भी एक कारण है कि क्रिप्टोकरेंसी निवेशक भ्रम की स्थिति में आए और मार्केट पर बुरा प्रभाव देखने को मिला
इतना ही नहीं, बुधवार को ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी द्वारा अत्याधिक ऊर्जा की खपत की वजह से इनकी
माइनिंग पर लगभग 4 महीने का बैन लगा दिया। ईरान के कई शहर इस समय बिजली संकट का सामना कर रहे हैं और इस बैन के पीछे यही कारण बताया गया है। अभी तक इस खबर का क्रिप्टो बाज़ार में बड़ा असर देखने को नहीं मिला है, लेकिन निश्चित तौर पर यह माइनर्स के लिए अच्छी खबर नहीं है। बता दें कि ब्लॉकचैन एनालिटिक्स फर्म Eliptic के अनुसार, बिटकॉइन की लगभग 4.5 प्रतिशत माइनिंग ईरान में होती है।