Infosys (इंफोसिस) के फाउंडर नारायण मूर्ति (Narayana Murthy) ने हाल ही में सुझाव दिया था कि भारतीय युवाओं को देश की वर्क प्रोडक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए हर हफ्ते 70 घंटे काम करना चाहिए। उनके इस बयान ने देश में बहस छेड़ दी और कठोर आलोचना झेली। भारत सहित दुनिया भर के ज्यादातर देश वर्तमान में वर्क-लाइफ बैलेंस को बेहतर बनाने पर काम कर रहे हैं। ऐसे में मूर्ति के बयान ने असहमति की आवाजों को आमंत्रित किया है। अब, बेंगलुरु स्थित स्टार्टअप Wakefit के को-फाउंडर चैतन्य रामलिंगेगौड़ा ने 70 घंटे के वर्क वीक को लेकर एक नया दृष्टिकोण अपनाया है। कंपनी ने एक विज्ञापन रिलीज किया है, जिसमें मूर्ति के इस बयान को कुछ अलग ढ़ंग से पेश किया गया है।
LinkedIn पर रामालिंगेगौड़ा ने एक पोस्ट शेयर किया, जिसमें एक वीडियो भी शामिल है। यह कंपनी की ओर से एक विज्ञापन प्रतीत होता है, जिसमें Infosys फाउंडर के 'हफ्ते में 70 घंटे काम करने' की सलाह की चुटकी ली गई है। कंपनी के इस विज्ञापन का मुख्य उद्देश्य लोगों को यह बताना है कि उन्हें अपनी नौकरियों में अधिक प्रोडक्टिव होने के लिए प्रति सप्ताह 70 घंटे सोना चाहिए।
वीडियो शेयर करते हुए रामालिंगेगौड़ा ने लिखा, (अनुवादित) "सप्ताह में 70 घंटे। वेकफिट में हम पिछले कुछ समय से इस बहस पर नजर रख रहे हैं। नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत और टॉप गियर में अप्रेजल सीजन के साथ, आज अपने विचार शेयर करने का एक अच्छा समय लगता है। हां, हमारा ईमानदारी से मानना है कि अधिकतम प्रोडक्टिविटी के लिए हम सभी को हर हफ्ते 70 घंटे लगाने चाहिए।''
चैतन्य रामलिंगेगौड़ा ने प्रोडक्टिव वर्क के लिए भारत की आवश्यकता को स्वीकार किया और आशा व्यक्त की कि अधिक संगठन इस विकास के लिए हफ्ते में 70 घंटे की नींद को एक आवश्यकता बनाएंगे। उन्होंने आगे लिखा, "हमारी जैसी बढ़ती अर्थव्यवस्था को हर साल टीम के प्रत्येक सदस्य से 70 घंटे के योगदान की आवश्यकता होती है। ईमानदारी से कहूं तो, यह ज्यादा कुछ नहीं मांग रहा है। 70-घंटे-सप्ताह पर हमारा मजबूत रुख इस वीडियो में विस्तार से बताया गया है।"
वीडियो में बताया गया है कि कैसे हफ्ते में 70-घंटे की नींद लेना कर्मचारी की प्रोडक्टिविटी के साथ-साथ उसकी सेहत के लिए भी अच्छा है। उनके इस वीडियो को हजारों बार देखा जा चुका है और साथ ही लोगों द्वारा इसे सराहा भी गया है।