ऑइनलाइन गेम ने खत्म किया जिन्दगी का खेल ... मुंबई में 14 साल के लड़के ने की खुदकुशी

पुलिस के अनुसार, शुरुआती जांच में पता चला है कि बच्चे को ऑनलाइन गेम खेलने की आदत थी।

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हेमन्त कुमार, अपडेटेड: 20 फरवरी 2022 14:45 IST
ख़ास बातें
  • Garena Free Fire को भारत में कुछ अन्य गेम्स के साथ बैन किया जा चुका है।
  • जांच में पता चला है कि बच्चे को ऑनलाइन गेम खेलने की आदत थी।
  • यह साफ नहीं हो पाया है कि बच्चे ने आत्महत्या जैसा कदम किस वजह से उठाया।

ऑनलाइन गेम बन रहे हैं बच्चों की आत्महत्या का कारण।

ऑनलाइन गेम की लत से जुड़ा आत्महत्या का एक और मामला सामने आया है। मुंबई के एक 14 साल के लड़के को उसके कमरे में मृत पाया गया। मुंबई के भोईवाड़ा एरिया में रहने वाला यह लड़का पढ़ाई में काफी होशियार बताया गया था और घटना के समय इसके पास से कोई स्यूसाइड नोट भी नहीं मिला। पुलिस जांच में सामने आया कि लड़का ऑनलाइन गेम खेलने का आदी था। जबकि इसके माता पिता का कहना है कि लड़के में ऐसे कोई लक्षण नहीं दिखाई दे रहे थे। 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लड़का 7वीं कक्षा में पढ़ता था। घटना वाले दिन उसके माता-पिता घर से बाहर गए हुए थे। शाम के 7 बजे लड़के ने अपने पिता को कॉल किया लेकिन पिता किसी कारण से उसके कॉल का जवाब नहीं दे पाए। थोड़ी देर के बाद उसके पिता ने लड़के को वापस कॉल किया तो उसने कॉल का जवाब नहीं दिया। उस वक्त उसके माता पिता बाहर से घर लौट रहे थे और घर नहीं पहुंचे थे। 

घर लौटकर जब बच्चे के कमरे के दरवाजे को खटखटाया तो कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। पिता ने किसी तरह से कांच तोड़कर दरवाजे को खोला तो अंदर बच्चे को मृत पाया गया। पुलिस के अनुसार, शुरुआती जांच में पाया गया है कि बच्चा रॉयाल बैटल गेम गेरेना फ्री फायर (Garena Free Fire) खेलने का आदी था। हालांकि, माता-पिता ने बच्चे में ऐसी किसी भी लत से इनकार किया है। 

पुलिस के अनुसार, शुरुआती जांच में पता चला है कि बच्चे को ऑनलाइन गेम खेलने की आदत थी। लेकिन यह साफ नहीं हो पाया है कि उसने आत्महत्या जैसा कदम किस वजह से उठाया। Garena Free Fire को भारत में कुछ अन्य गेम्स के साथ बैन कर दिया गया था लेकिन गैरअधिकारिक प्रोग्राम्स की मदद से अभी अभी इसे खेले जाने के मामले सामने आ रहे हैं। पिछले काफी समय से ऐसी घटनाएं देखने को मिल रही हैं जिनमें बच्चे किसी ऑनलाइन गेम की लत के चलते आत्महत्या जैसे कदम उठा लेते हैं। 

इस तरह की बढ़ती घटनाओं के बीच बच्चों के माता-पिता और घर के बड़े लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। ऐसे में बच्चे के व्यवहार और उसकी दिनचर्या पर ध्यान देना जरूरी है। अगर समय रहते बच्चे में कोई असामान्य व्यवहार या किसी लत का पता चल जाता है तो इस तरह की आत्मघातक घटनाओं को रोका जा सकता है।
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हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर ...और भी

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