दिल्ली सरकार जल्द ही दिल्ली ईवी पॉलिसी 2.0 (Delhi EV Policy 2.0) लागू करने वाली है, जिस पर फिलहाल काम चल रहा है। लागू होने के बाद यह पॉलिसी पिछली दिल्ली ईवी पॉलिसी की जगह लेगी। अब दिल्ली ईवी पॉलिसी 2.0 का उद्देश्य 2027 तक 95 प्रतिशत वाहनों को इलेक्ट्रिक करना है और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी से संबंधित 20 हजार नई नौकरियां पैदा करना है। इस पॉलिसी के तहत सरकार इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर खरीदने वाली महिला ग्राहकों को 36 हजार रुपये तक की सब्सिडी देने का प्लान भी बना रही है। आइए Delhi EV Policy 2.0 के बारे में विस्तार से जानते हैं।
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने बताया है कि Delhi EV Policy 2.0 के ड्राफ्ट वर्जन में पहले 10 हजार महिला इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर खरीदारों को यह लाभ देने का प्रस्ताव है, जिनके पास वैलिड ड्राइविंग लाइसेंस है। इस प्रपोजल का उद्देश्य मोबिलिटी सेक्टर में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाना है। ड्राफ्ट पॉलिसी में दिल्ली की महिलाओं को लाभ देने का प्रस्ताव है, जिन्हें प्रति किलोवाट घंटा (kWh0) 12 हजार रुपये की खरीद इन्सेंटिव रकम मिलेगी, जो इलेक्ट्रिक व्हीलर पर 36 हजार रुपये तक होगी।
फिलहाल दिल्ली सरकार इस प्रपोजल पर विचार कर रही है और जल्द ही इसे मंजूरी मिलने की उम्मीद है। दिल्ली ईवी पॉलिसी 2.0 को भारत सरकार की पीएम ई-ड्राइव स्कीम के पूरक के तौर पर तैयार किया गया है, जिसका लक्ष्य राष्ट्रीय राजधानी में इलेक्ट्रिक व्हीकल को अपनाने में तेजी लाना है। आगामी पॉलिसी 31 मार्च, 2030 तक वैध रहेगी। पॉलिसी के लिए ड्राफ्ट प्रपोजल में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स के साथ-साथ इलेक्ट्रिक थ्रीव्हलर व्हीकल और कमर्शियल व्हीकल के लिए इन्सेंटिव की भी जानकारी दी गई है।
ड्राफ्ट प्रपोजल का उद्देश्य दिल्ली में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर को अपनाने को बढ़ावा देना है, जिसमें प्रति किलोवाट-घंटे (kWh) 10 हजार की इन्सेंटिव रकम दी जाएगी, जो कि अधिकतम 30 हजार रुपये प्रति व्हीकल होगी। इसके अलावा रजिस्टर्ड मालिक जो अपने पेट्रोल से चलने वाले टू-व्हीलर को कबाड़ में डालते हैं, उन्हें 10 हजार रुपये का अतिरिक्त इन्सेंटिव भी मिलेगा, हालांकि, पुराना वाहन 12 साल से ज्यादा पुराना नहीं होना चाहिए।
L5M कैटेगरी में इलेक्ट्रिक ऑटो-रिक्शा के लिए दिल्ली ईवी पॉलिसी 2.0 में 10 हजार प्रति kWh की इन्सेंटिव रमक दी जाएगी जो कि अधिकतम 45 हजार तक होने की संभावना है। 12 वर्ष से कम पुराने ICE बेस्ड ऑटो-रिक्शा को स्क्रैप करने वालों को 20 हजार का स्क्रैपिंग प्रोत्साहन भी मिलने की संभावना है। आगामी पॉलिसी में यह अनिवार्य हो सकता है कि पॉलिसी अवधि के दौरान रजिस्ट्रेशन के 10 साल पूरे करने वाले सभी CNG ऑटो-रिक्शा को इलेक्ट्रिक ऑटोरिक्शा से बदला जाना चाहिए। ऐसे मामलों में प्रति वाहन 1 लाख का रिप्लेसमेंट इन्सेंटिव प्रदान किए जाने की संभावना है, लेकिन इसके बाद अन्य साङ नहीं मिलेंगे।