क्रिप्टोकरेंसी में पिछले दो दिन से हल्का सुधार आने लगा है। Bitcoin, दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी एक बार फिर से 20 हजार डॉलर के पास चली गई है। दरअसल, क्रिप्टो मार्केट का मूड बिटकॉइन की कीमत से ही पता लग जाता है। डिजटल करेंसी में टोकन की सप्लाई से इसकी कीमत भी जुड़ी होती है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि दुनिया की सबसे पुरानी क्रिप्टोकरेंसी की सप्लाई को कौन कंट्रोल करता है? इसे लेकर एक रिसर्च सामने आई है जिसमें काफी रोचक जानकारी दी गई है।
Bitcoin सबसे महंगी
डिजिटल करेंसी है, जिसे लेकर Bloomberg ने एक
रिसर्च की है। रिसर्च में कहा गया है जब बिटकॉइन की शुरुआत हुई थी, उस समय जिन लोगों ने इसमें निवेश किया था, आज के समय में वे लोग ही इसकी सप्लाई को कंट्रोल करते हैं। आज के समय में बिटकॉइन के निवेशकों के पास लाखों करोड़ों डॉलर के कॉइन हैं। इन्हीं लोगों के पास बिटकॉइन बड़ी संख्या में मौजूद हैं और ये इसकी सप्लाई के साथ साथ कुछ हद तक कीमत को कंट्रोल करते हैं। लेकिन, अगर इनके पास सबसे बड़ी संपत्ति है, तो साथ में जोखिम भी है। क्योंकि,
क्रिप्टोकरेंसी का बाजार बेहद अस्थिर है, इसलिए कल के अरबपति को आज दिवालिया होते देर नहीं लगती है।
अप्रैल में 1 करोड़ 90 लाखवां
बिटकॉइन जारी किया जा चुका है। अब माइनिंग के लिए केवल 20 लाख बिटकॉइन ही बचे हुए हैं जो सर्कुलेशन में लाए जा सकते हैं। वर्तमान में बिटकॉइन की सप्लाई 19,093,450 कॉइन की है। बिटकॉइन की कुल सप्लाई की अंतिम सीमा 2 करोड़ 10 लाख बिटकॉइन की है। बिटकॉइन का निर्माण गुमनाम व्यक्ति सातोशी नाकामोतो ने किया था, जिसे 50 बिटकॉइन का ईनाम दिया गया था। इसे ब्लॉक रिवॉर्ड कहा जाता है। यह ईनाम हर 210,000 बिटकॉइन पर आधा हो जाता है या हर चार साल में आधा हो जाता है।
फिलहाल, बिटकॉइन माइनर को प्रत्येक ब्लॉक बनाने के लिए 6.25 BTC मिलते हैं। 1 करोड़ 90 लाख बिटकॉइन माइन करने में 12 साल का समय लग गया। इससे हिसाब लगाया जा सकता है कि 2 करोड़ 10 लाख बिटकॉइन 2140वें साल तक माइन किए जा सकते हैं।
बिटकॉइन की वर्तमान कीमत की बात करें तो आज इसकी ट्रेड ओपनिंग बढ़त के साथ हुई है। खबर लिखे जाने के समय तक बिटकॉइन की भारत में कीमत 16,40,333 रुपये पर थी जो कि पिछले 24 घंटों में 1.74 प्रतिशत की बढ़त है।