• होम
  • चंद्रयान
  • ख़बरें
  • Chandrayaan 3 vs Luna 25 : 11 अगस्‍त को शुरू हो रहा रूस का मिशन क्‍या हमसे पहले पहुंच जाएगा चांद पर? जानें

Chandrayaan-3 vs Luna-25 : 11 अगस्‍त को शुरू हो रहा रूस का मिशन क्‍या हमसे पहले पहुंच जाएगा चांद पर? जानें

Chandrayaan-3 vs Luna-25 : रूस के लूना-25 स्‍पेसक्राफ्ट को चांद तक उड़ान भरने में सिर्फ 5 दिन लगेंगे।

Chandrayaan-3 vs Luna-25 : 11 अगस्‍त को शुरू हो रहा रूस का मिशन क्‍या हमसे पहले पहुंच जाएगा चांद पर? जानें

नासा से लेकर चीन की अंतरिक्ष एजेंसी और रूस 4 से 5 दिनों में अपना स्‍पेसक्राफ्ट चंद्रमा पर पहुंचा रहे हैं। इसरो यह काम 40 दिनों में पूरा कर रही है।

ख़ास बातें
  • चंद्रयान 3 से कई दिनों बाद लॉन्‍च हो रहा रूस का मून मिशन
  • रूस का कहना है कि वह 5 दिनों में मिशन चांद पर पहुंचा देगा
  • दोनों मिशन एकसाथ या आगे-पीछे लैंड कर सकते हैं चांद पर
विज्ञापन
भारत के चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) मिशन ने 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से उड़ान भरी थी। इसरो की योजना चंद्रयान-3 को 23 अगस्‍त की शाम चांद पर लैंड कराने की है। अबतक दावा किया जा रहा था कि चंद्रयान-3, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करने वाला दुनिया का पहला मिशन होगा। लेकिन इस मिशन को रूस ने चुनौती दे दी है! रूस का लूना-25 (Luna-25) स्‍पेसक्राफ्ट 11 अगस्‍त को चांद के सफर पर निकलेगा। यह भी दक्षिणी ध्रुव पर ही लैंड करेगा। कहा जा रहा है कि लूना-25 स्‍पेसक्राफ्ट, चंद्रयान-3 से पहले चांद पर पहुंच सकता है। क्‍या यह सच है? अगर हां, तो ऐसा कैसे मुमकिन है, आइए जानते हैं।   
 

क्‍या कहना है रूसी स्‍पेस एजेंसी का

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में रूसी स्‍पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस (Roscosmos) के हवाले से बताया गया है कि रूस के लूना-25 स्‍पेसक्राफ्ट को चांद तक उड़ान भरने में सिर्फ 5 दिन लगेंगे। रूस ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने के लिए 3 संभावित जगहों की पहचान की है। हालांकि लैंडिंग से पहले लूना-25 स्‍पेसक्राफ्ट, चंद्रमा की कक्षा में 5 से 7 दिनों तक रहेगा। रिपोर्ट कहती है कि दोनों मिशन साथ-साथ या फ‍िर लूना-25 स्‍पेसक्राफ्ट पहले ही चांद पर लैंड कर सकता है। 
 

आखिर ऐसा कैसे मुमकिन है? 

अमेरिकी स्‍पेस एजेंसी नासा (Nasa) से लेकर चीन की अंतरिक्ष एजेंसी और अब रूस 4 से 5 दिनों में अपना स्‍पेसक्राफ्ट चंद्रमा पर पहुंचा रहे हैं। इसके मुकाबले, इसरो इस काम को 40 दिनों में पूरा कर रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार, पृथ्‍वी के गुरुत्‍वाकर्षण से बाहर न‍िकलने के लिए पावरफुल रॉकेट की जरूरत होती है। सीधे चंद्रमा पर पहुंचना हो, तो और भी ज्‍यादा ताकतवर रॉकेट चाहिए। अमेरिका और चीन ने बेहद पावरफुल रॉकेट का इस्‍तेमाल करके चांद का सफर 4 दिनों में पूरा कर लिया। रूस भी यही करने जा रहा है। इस काम में बहुत ज्‍यादा ईंधन और पैसा लगता है। वहीं, इसरो बेहद कम ईंधन और कम बजट में चंद्रमा पर मिशन भेज रही है। इसीलिए उसे 40 दिन लग रहे हैं। 
 

तो क्‍या बाकी देशों से पीछे रह गए हम? 

ऐसा बिलकुल नहीं है। रूस और भारत दोनों का ही मकसद चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचना है। यह काम बिना किसी रुकावट के पूरा हो जाए, यह बड़ी जीत होगी। चांद तक जल्‍दी पहुंचकर भी अगर रूस मिशन में फेल होता है, तो यह उसके लिए झटका होगा। चंद्रमा पर जल्‍दी पहुंचना बड़ी बात नहीं है। वहां मिशन को सफलता से लैंड कराना बड़ी उपलब्‍धि होगी। 

 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. एयरटेल ने पेश किए कॉल्स और SMS के लिए अलग प्रीपेड प्लान, TRAI ने दिया था निर्देश
  2. बिल्ली ने भेज दिया रेजिग्नेशन ईमेल, मालकिन ने गंवा डाली नौकरी!
  3. क्रिप्टो मार्केट में तेजी, बिटकॉइन का प्राइस 1,05,300 डॉलर से ज्यादा
  4. Meta के पहले AR हेडसेट होंगे 2027 तक पेश, जानें सबकुछ
  5. क्रिप्टोकरेंसीज के लिए ट्रंप का बड़ा फैसला, अमेरिका में बनेंगे रेगुलेशंस
  6. Samsung Galaxy S25 सीरीज की लाइव फोटो हुई लीक, लॉन्च से पहले ही जानें कैसा है डिजाइन
  7. पृथ्‍वी का ‘चुंबकीय उत्तरी ध्रुव’ खिसक रहा, कनाडा से पहुंच गया रूस! जानें पूरा मामला
  8. ब्रह्मोस एंटी-शिप मिसाइल्स की इंडोनेशिया को बिक्री कर सकता है भारत
  9. 3.99 लाख रुपये में लॉन्‍च हुई इलेक्ट्रिक कार Vavye Eva, जानें सभी फीचर्स
  10. वैलिडिटी खत्‍म होते ही रिचार्ज कराने की टेंशन खत्‍म, ट्राई ने दिया 90 दिनों का मौका! जानें
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »