भारतीय स्‍टूडेंट ने Rs 35 हजार में बनाई ‘AI कुर्सी’! नेताओं को याद दिलाएगी उनके वादे

AI Chair : एक भारतीय स्‍टूडेंट ने यह एआई कुर्सी बनाई है, जो गोरखपुर के एक कॉलेज में कंप्यूटर साइंस के फर्स्‍ट ईयर स्‍टूडेंट हैं।

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Written by IANS, अपडेटेड: 13 जून 2024 15:51 IST
ख़ास बातें
  • एक भारतीय स्‍टूडेंट ने बनाई एआई कुर्सी
  • कुर्सी पर बैठते ही नेताओं को याद दिलाए जाएंगे वादे
  • भविष्‍य के इनोवेशन का एक उदाहरण है कुर्सी

AI कुर्सी पर सेंसर लगे हैं। उनके एक्टिवेट होने से नेताओं को इंडिकेशन मिलने लगेगा। (सांकेतिक तस्‍वीर)

चुनाव में वादे करके भूल जाने वाले जनप्रतिनिधियों यानी नेताओं को उनके वादे याद दिलाने के लिए एक ‘एआई कुर्सी' बनाई गई है। एक भारतीय स्‍टूडेंट ने यह एआई कुर्सी बनाई है, जो गोरखपुर के एक कॉलेज में कंप्यूटर साइंस के फर्स्‍ट ईयर स्‍टूडेंट हैं। स्‍टूडेंट का नाम अंशित श्रीवास्तव है। उनकी बनाई ‘AI कुर्सी' नेताओं के बैठते ही उनके वादों की याद दिलाती है। रिपोर्ट के अनुसार, जनता के ज्‍यादा नाराज होने पर कुर्सी, नेताओं को लोगों की नाराजगी के बारे में भी बताएगी। 

अंशित ने बताया कि भविष्य के प्रधानमंत्रियों और मुख्यमंत्रियों को ध्यान में रखकर उन्‍होंने ‘AI कुर्सी' बनाई है। रिपोर्ट के अनुसार, कुर्सी में लाल और हरे कलर के लाइट इंडिकेटर लगे हैं, जिनकी मदद से नेताओं के कामों का मूल्यांकन (Evaluation) होगा। यह मूल्यांकन (Evaluation) पब्लिक खुद करेगी और उन्हें सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए ‘गुड' या 'बैड' मार्क दिए जाएंगे। 

अंशित के मुताबिक, AI कुर्सी पर सेंसर लगे हैं। उनके एक्टिवेट होने से नेताओं को इंडिकेशन मिलने लगेगा। उन्हें कुर्सी से पता चलता रहेगा कि कितने लोग उनके कामों को पसंद कर रहे हैं और कितने नाराज हैं। लाखों की संख्या में लाइक होने पर एआई कुर्सी एक्टिवेट हो जाएगी। कुर्सी पर बैठने वाले को उसके काम की जानकारी व पॉपुलैरिटी का भी पता चलेगा। 

AI कुर्सी पर देशभ‍क्ति के गाने भी बजते हैं और जब जनता ज्‍यादा नाराज होती है तो यह हिलने लगती है। अंशित के कॉलेज के निदेशक एनके सिंह ने कहा कि यह एआई कुर्सी भविष्य में तकनीक के जरिए और स्मार्ट होगी। स्‍टूडेंट ने सिर्फ 15 दिनों में 35 हजार रुपये खर्च करके इसे तैयार किया है। 

एआई कुर्सी को बनाने में एंड्रायड स्‍मार्टफोन, लाल और हरा इंडिकेटर, पिंस केबल, फाइबर कुर्सी, पीसीबी बोर्ड, बैटरी आदि का यूज हुआ है। गौरतलब है कि आर्टिफ‍िशियल इंटेलिजेंस का क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है। भारत के तमाम कॉलेजों और स्‍कूल लेवल पर अब इसका इस्‍तेमाल होने लगा है। स्‍टूडेंट्स भी एआई को लेकर अवेयर हो रहे हैं।
 
 

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