मंगल ग्रह पर मकड़‍ियों का झुंड! ESA की इस तस्‍वीर का क्‍या है सच? जानें

Spiders on Mars : हालांकि ये मकड़‍ियां तो बिलकुल नहीं हैं। जब मंगल ग्रह पर जीवन ही नहीं है, तो वहां मकड़‍ियां कहां से आएंगी।

मंगल ग्रह पर मकड़‍ियों का झुंड! ESA की इस तस्‍वीर का क्‍या है सच? जानें

मकड़ी जैसे इस पैटर्न को साल 2020 में भी देखा गया था। तब इसे एक्सोमार्स ट्रेस गैस ऑर्बिटर ने कैप्‍चर किया था।

ख़ास बातें
  • मंगल ग्रह पर दिखी अनोखी आकृति
  • मकड़‍ियों के झुंड जैसी चीज दिखाई दी
  • हालांकि ये मकड़‍ियां नहीं हैं
विज्ञापन
मंगल ग्रह (Mars) पर कई बार ऐसी अजीबोगरीब चीजें दिखती हैं, जो वैज्ञानिकों और आम लोगों में कौतुहल जगाती हैं। यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी (ESA) ने हाल में मंगल की एक तस्‍वीर दिखाई, जिसमें उसकी सतह पर मकड़‍ियों के झुंड जैसा कुछ रेंगता हुआ दिखाई देता है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, ESA के मार्स एक्सप्रेस स्‍पेसक्राफ्ट ने इंका सिटी (Inca City) नाम की संरचना के पास यह चीज कैमरे में कैद की। एक प्रेस रिलीज में ईएसए ने लिखा कि उसने मंगल के दक्षिणी ध्रुवीय इलाके में बिखरे मकड़‍ियों के निशान ट्रेस किए हैं।  

हालांकि ये मकड़‍ियां तो बिलकुल नहीं हैं। जब मंगल ग्रह पर जीवन ही नहीं है, तो वहां मकड़‍ियां कहां से आएंगी। ईएसए के अनुसार, ये छोटे और डार्क कलर के ऐसे फीचर्स हैं, जो तब बनते हैं जब सर्दियों के महीनों में जमने वाले कार्बन डाईऑक्‍साइड पर सूर्य की रोशनी पड़ती है। 

रिपोर्ट के अनुसार, सूर्य की रोशनी से बर्फीली कार्बन डाइऑक्‍साइड, गैस में बदल जाती है। इस दौरान तीन फीट तक मोटी बर्फ विस्‍फोट के साथ फटती है और धूल के साथ निकलते हुए सतह पर जम जाती है, जिससे यह धब्‍बे बनते हैं।  

तस्‍वीर में ये काले धब्‍बे आपको छोटे दिख रहे होंगे, लेकिन असल में इनका साइज बड़ा है। सबसे छोटे धब्‍बे 145 फीट के और सबसे बड़े आधे मील के हो सकते हैं। 

एक अन्‍य रिपोर्ट के अनुसार, मकड़ी जैसे इस पैटर्न को साल 2020 में भी देखा गया था। तब इसे एक्सोमार्स ट्रेस गैस ऑर्बिटर ने कैप्‍चर किया था। साल 2016 में लॉन्‍च हुआ वह स्‍पेसक्राफ्ट मंगल ग्रह पर जीवन के संकेतों की तलाश कर रहा है। वैज्ञानिकों के लिए मंगल ग्रह हमेशा से उत्‍सुकता की वजह रहा है। वह मानते आए हैं कि कभी मंगल ग्रह पर जीवन हुआ करता था जो बाद में तबाह हो गया। 

हालिया तस्‍वीर को लेकर ESA ने कहा है कि इस इलाके के निर्माण के बारे में उसे मालूम नहीं है। अनुमान है कि यहां कभी रेतीले टीले हुआ करते थे, जो बाद में पत्‍थरों में बदलते गए। 

ESA का मार्स एक्सप्रेस ऑर्बिटर साल 2003 में लाल ग्रह के इलाके में पहुंचा था। यह कई वर्षों से मंंगल का चक्‍कर लगा रहा है। इसी ऑर्बिटर ने मंगल का मैप तैयार किया। उसकी सतह पर पानी के इतिहास की जानकारी जुटाई। और भी कई काम किए।  

 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. 144Hz डिस्प्ले, 50MP कैमरा और 120W चार्जिंग के साथ आएगा iQOO Neo 10, जानें कितनी होगी कीमत?
  2. OnePlus 15 के कैमरा स्पेसिफिकेशंस फिर लीक, 6500+mAh बैटरी, 100W चार्जिंग से होगा लैस!
  3. Xiaomi का नया स्टैंडिंग AC लॉन्च: 40 सेकंड में ठंडा करेगा रूम, सेल्फ क्लीनिंग भी शामिल! जानें कीमत
  4. Oppo Pad SE टैबलेट 11 इंच डिस्प्ले, 9340mAh बैटरी, 33W फास्ट चार्जिंग के साथ लॉन्च, जानें कीमत
  5. Infinix GT 30 Pro में गेमर्स के लिए मिलेंगे इनबिल्ट शोल्डर ट्रिगर्स और स्मार्ट लाइटिंग, जल्द होगा लॉन्च
  6. Amazfit Balance 2 स्मार्टवॉच सिंगल चार्ज में 21 दिन बैटरी, 10ATM वाटर रसिस्टेंस के साथ लॉन्च, जानें कीमत
  7. Xiaomi TV F Pro 2026: शाओमी ने 32, 43, 50, 55, 65 और 75 इंच 4K QLED TV किए लॉन्च, जानें कीमत
  8. Itel का सस्ता फोन Itel A90 भारत में 4GB रैम, 5000mAh बैटरी के साथ Rs 6,499 में लॉन्च, जानें खास फीचर्स
  9. Dubai में भी की जा सकेंगी क्रिप्टोकरेंसीज से पेमेंट, Crypto.com के साथ किया टाई-अप
  10. Oppo के Reno 14 Pro में होगी 6.83 इंच की स्क्रीन, 6,200mAh बैटरी
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »