वैज्ञानिकों ने बालों के सफेद होने का कारण पता लगा लिया है। जैसे जैसे उम्र बढ़ती है बाल सफेद क्यों होने लगते हैं। कारण बताते हुए वैज्ञानिकों ने कहा है कि इसके पीछे मेलेनोसाइट कोशिकाओं का बालों की स्टेम कोशिका में फंस जाना होता है। यही कारण बनता है जिससे फिर बालों को काला करने वाला तत्व ये स्टेम सेल्स पैदा नहीं कर पाती हैं। आइए आपको विस्तार से बताते हैं कि वैज्ञानिकों ने अपनी खोज में क्या पाया है।
आधी उम्र के बाद बाल तेजी से सफेद होने लगते हैं और कुछ ही सालों में पूरी तरह से सफेद हो जाते हैं। वहीं, आजकल युवाओं के लिए यह एक बड़ी समस्या बन चुकी है, जिनके बाल 24-25 साल की उम्र के बाद ही सफेद होना शुरू होने लगे हैं। वैज्ञानिकों ने अब बाल सफेद होने के पीछे का कारण पता लगा लिया है।
Nature जर्नल के मुताबिक, वैज्ञानिकों की एक टीम ने इस पर स्टडी की है। जिसमें उन्होंने 2 साल तक
चूहों पर इसके लिए समय दिया। चूहों के बालों पर नजर रखते हुए वैज्ञानिकों ने पता लगाया कि कैसे स्टेम सेल्स बालों के रंग के लिए जिम्मेदार साबित होती हैं।
इसके लिए वैज्ञानिकों ने इन कोशिकाओं की बढ़ती उम्र को स्टडी किया और पाया कि स्टेम सेल्स में, बालों के काले रंग के लिए जिम्मेदार पिग्मेंट वाला पार्ट, चूहों की बढ़ती उम्र के साथ बदल जाता है। मेलेनोसाइट स्टेम सेल्स दूसरी स्टेम सेल्स की तुलना में जल्दी अपना काम छोड़ने लगती हैं, जिसके कारण बालों का रंग धीरे धीरे सफेद होना शुरू हो जाता है। स्टडी में कहा गया है कि यह चूहों और इंसानों, दोनों में ही एक समान रूप से घटित होता है।
उम्र के साथ जैसे जैसे बाल बढ़ते हैं, गिरते हैं, फिर उगते हैं, इस प्रक्रिया में मेलेनोसाइट स्टेम सेल्स हेयर फॉलिकल में फंस जाती हैं। जिससे हेयर फॉलिकल बल्ज (कोशिकाओं का थक्का) बन जाता है जिसके बाद यह फॉलिकल में घूम नहीं पाती और एक जगह पर ही पड़ी रहती है। इसके कारण यह मेलेनोसाइट पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाते हैं। चूंकि बाल को काले रंग वाला पिग्मेंट मिलना बंद हो जाता है इसलिए वह ग्रे कलर में निकलने लगता है। स्टडी के लेखक म्यूमी ईटो, जो न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के ग्रॉसमेन स्कूल ऑफ मेडिसिन में प्रोफेसर भी हैं, का कहना है कि बालों के सफेद होने को समझने में यह एक बड़ी उपलब्धि है।