वैज्ञानिकों को 24.7 करोड़ साल पुराना एक जीवाश्म मिला है जो कि एक कुटकी (मच्छरों से संबंधित प्रजाति) के रूप में मिला है। इसे स्पेन के मॉलोर्का में पाया गया है। यह इस जीव के लार्वा का जीवाश्म है जो कुछ लाख साल पहले पृथ्वी पर हुए जीव विनाश से भी पहले का है। यानि कि यह जीवाश्म डायनासोरों के समय से भी पुराना माना जा रहा है। इतना ही नहीं, वैज्ञानिकों ने इसके बारे में स्टडी कर यह भी जानने की कोशिश की है कि इसका पाचन तंत्र कैसा रहा होगा और यह सांस कैसे लेता होगा।
इस स्टडी को
Wiley Online Library में
प्रकाशित किया गया है जो इस जीवाश्म के बारे में बताती है। इतने पुराने जीवाश्म का मिलना अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण है। हमारी सहयोगी वेबसाइट की
रिपोर्ट के मुताबिक, स्टडी में कहा गया है कि इससे वैज्ञानिक ये जान सकने में कामयाब हो सकते हैं कि लाखों साल पहले जब पृथ्वी से लगभग 80 प्रतिशत प्रजातियों का विनाश हो गया था तो बाकी बची हुई 20 प्रतिशत प्रजातियों ने अपने आप को उस विनाश से कैसे बचाकर रखा और पृथ्वी पर कैसे जीवन के साथ आगे बढ़ीं।
यह कुटकी डाइपिट्रान्स नामक कीटों के समूह से संबंध रखता है। इस समूह में मक्खियां, मच्छर, छोटे कीट और कुटकी आते हैं। इसके लारवा के बारे में कहा गया है कि यह लकड़ी की कुटकियों से संबंधित लग रहा है। हो सकता है कि यह आधुनिक कीटों की तरह ही सांस लेता रहा हो। इससे पहले जो स्पेसिमेन मिला था वह भी फ्रांस में पाया गया था। लेकिन वह इससे कुछ लाख साल पीछे का था। यानि कि यह कुटकी जीवाश्म अब तक का सबसे पुराना जीवाश्म साबित हो सकता है।
स्टडी से जुड़े शोधकर्ता जोसेफ जूरेज ने जीवाश्म विज्ञान से जुड़े एक सर्वे के दौरान इसे पाया है। यह मॉलोर्का ने नार्थ ईस्ट में पाया गया है। उन्हें इसको पूरे लारवा के रूप में पाया। कहा जा रहा है कि चट्टान जब दो हिस्सों में टूटी तो इसने उसके दोनों तरफ अपना निशान यानि प्रिंट छोड़ दिया था।
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