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वैज्ञानिकों ने खोजा सूर्य की चकाचौंध में छुपा ‘किलर’ एस्‍टरॉयड, एक दिन सब तबाह कर देगा!

Asteroid : करीब 1.5 किलोमीटर चौड़ा एस्‍टरॉयड ‘संभावित रूप से खतरनाक’ की कैटिगरी में शामिल है। इसे पृथ्वी और शुक्र की कक्षाओं के पास खोजा गया।

वैज्ञानिकों ने खोजा सूर्य की चकाचौंध में छुपा ‘किलर’ एस्‍टरॉयड, एक दिन सब तबाह कर देगा!

Asteroid : दिन में सूर्य की चकाचौंध में ऑब्‍जर्वेशंस असंभव हो रहे थे, इसलिए रात में कोशिश की गई।

ख़ास बातें
  • यह विशाल अंतरिक्ष चट्टान पृथ्‍वी से टकरा सकती है
  • हालांकि ऐसा होने में अभी हजारों साल का समय है
  • उम्‍मीद है वैज्ञानिक इसका कोई हल ढूंढ निकालेंगे
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एस्‍टरॉयड्स (Asteroid) पृथ्‍वी के लिए सिर्फ आसमानी आफत हैं। हर साल सैकड़ों की संख्‍या में एस्‍टरॉयड, पृथ्‍वी के नजदीक से गुजरते हैं। वैज्ञानिक इन्‍हें मॉनिटर करते हैं, क्‍योंकि अगर कोई अंतरिक्ष चट्टान पृथ्‍वी से टकराई, तो बड़ी तबाही ला सकती है। करोड़ों साल पहले हमारी धरती से डायनासोर का खात्‍मा भी एस्‍टरॉयड के टकराने के कारण ही हुआ था। वैज्ञानिक अभी तक 11 लाख से ज्‍यादा एस्‍टरॉयड का पता लगा चुके हैं, लेकिन हाल में खोजे गए एक ‘एस्‍टरॉयड' ने सबको चिंता में डाल दिया है। दिलचस्‍प बात है कि अबतक यह एस्‍टरॉयड सूर्य की चकाचौंध में छिपा हुआ था। वैज्ञानिकों का कहना है कि एक दिन यह विशाल अंतरिक्ष चट्टान पृथ्‍वी से टकरा सकती है।  

इस एस्‍टरॉयड को ‘2022 AP7' नाम दिया गया है। करीब 1.5 किलोमीटर चौड़ा एस्‍टरॉयड ‘संभावित रूप से खतरनाक' की कैटिगरी में शामिल है। इसे पृथ्वी और शुक्र की कक्षाओं के पास खोजा गया। लाइव साइंस की रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों का कहना है कि हजारों साल बाद यह एस्‍टरॉयड और हमारी पृथ्‍वी एक ही पॉइंट पर धीरे-धीरे क्रॉस करना शुरू करेंगे। इस वजह से एस्‍टरॉयड के पृथ्‍वी से टकराने की संभावना बढ़ जाएगी। 

द एस्ट्रोनॉमिकल जर्नल में 29 सितंबर को प्रकाशित एक अध्ययन में यह जानकारी दी गई है। इस बारे में कार्नेगी इंस्टीट्यूशन फॉर साइंस के एक खगोलशास्त्री और स्‍टडी के प्रमुख लेखक स्कॉट शेपर्ड ने कहा कि हमें अब तक दो बड़े नियर-अर्थ एस्‍टरॉयड मिले हैं। इनका साइज 1 किलोमीटर से ज्‍यादा है। इस साइज की वजह से इन्‍हें ‘प्‍लैनेट किलर' कहा जा रहा है। पृथ्‍वी के ये ‘हत्‍यारे' एस्‍टरॉयड रूपी ऐसी चट्टानें हैं, जो पृथ्‍वी से टकराने पर दुनिया को तबाह कर सकती है।  

इन एस्‍टरॉयड्स को खोजने के लिए वैज्ञानिकों ने एक टेलीस्‍कोप के डार्क एनर्जी कैमरा को ट्रेंड किया। दिन में सूर्य की चकाचौंध में ऑब्‍जर्वेशंस असंभव हो रहे थे, इसलिए रात में कोशिश की गई। हालांकि रात में वैज्ञानिकों को सिर्फ 10 मिनट के लिए ही यह मौका मिल पाता है। ठीक सूर्य के उगने से पहले। वैज्ञानिकों का कहना है कि सूर्य की चकाचौंध के पास देखने में कठिनाई की वजह से पृथ्वी की कक्षा के भीतर सिर्फ 25 एस्‍टरॉयड की खोज की गई है। 
 

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प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

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