चीन ने बना दी इलेक्ट्रॉनिक स्किन! -78 डिग्री तापमान में भी नहीं जमेंगे रोबोट के हाथ

शोधकर्ताओं के मुताबिक यह स्किन ऐसी क्षमता रखती है जिससे यह खुद को ही रिपेयर भी कर सकती है।

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Written by हेमन्त कुमार, अपडेटेड: 25 मई 2024 16:22 IST
ख़ास बातें
  • स्किन ऐसी क्षमता रखती है जिससे यह खुद को ही रिपेयर भी कर सकती है।
  • यह ई-स्किन रोबोट्स को छूने का अहसास भी करवाएगी।
  • इससे वैज्ञानिक खोजों को नया बल मिलेगा।

स्किन ऐसी क्षमता रखती है जिससे यह खुद को ही रिपेयर भी कर सकती है।

चीन तकनीकी के मामले में तेजी से तरक्की करता हुआ आगे बढ़ रहा है। अब रोबोटिक्स से जुड़ी टेक्नोलॉजी में चीन ने एक और कारनामा कर दिखाया है। शोधकर्ताओं ने वहां रोबोट के हाथों के लिए इलेक्ट्रोनिक स्किन तैयार की है जो जमा देने वाली ठंड का सामना भी कर सकती है। चीन ने इस स्किन को पृथ्वी के ध्रुवों पर अपने खोजी अभियान के लिए तैयार किया है, ताकि रोबोट वहां पर जमा देने वाली ठंड में भी काम कर सकें। 

इस नई ई-स्किन में ऐसी क्षमताएं हैं जिससे कि यह अत्यधिक सर्दी में भी काम कर सकती है। चाइना डेली की रिपोर्ट में कहा गया है कि स्किन माइनस 78 डिग्री सेल्सियस की मार भी झेल सकती है। इस लिहाज से यह ध्रुवों की ठंड में काम करने के लिए बहुत उपयोगी खोज बन जाती है। न सिर्फ तापमान की मार यह झेल सकती है, बल्कि कई और तरह से भी रोबोट लिए उपयोगी बताई गई है। 

यह ई-स्किन रोबोट्स को छूने का अहसास भी करवाएगी, इसके अलावा वे इसके जरिए प्रेशर भी महसूस कर सकेंगे, साथ ही वस्तुओं का आकार भी पता कर सकेंगे। या फिर खास तरह के चिह्न भी पहचान सकेंगे। इस तरह से रोबोट इस स्किन की मदद से अपने आसपास के वातावरण से और ज्यादा बेहतर तरीके से घुल-मिलकर काम कर सकेंगे। जिससे कि वे अपने टास्क को और भी दक्षता के साथ पूरा कर सकेंगे। 

शोधकर्ताओं के मुताबिक यह स्किन ऐसी क्षमता रखती है जिससे यह खुद को ही रिपेयर भी कर सकती है। अगर बहुत अधिक ठंड में यह खराब भी हो जाती है तो इसकी ट्रांसमिशन क्षमता को पुन: स्थापित किया जा सकता है। यानि कि रोबोट्स के हाथों को अगर हल्की फुल्की क्षति पहुंच भी जाती है तो इससे घबराने की जरूरत नहीं होगी। स्किन इसे खुद ही ठीक करेगी और मिशन में किसी तरह की रुकावट पैदा नहीं होने देगी। 

इससे पहले शोधकर्ताओं ने ऐसी ही एक कोशिश 2020 में की थी जब सभी तरह के मौसमों के लिए ऐसी ही स्किन को तैयार किया गया था। यह खुद को ठीक भी कर सकती थी। यह नई खोज उसी सफल परीक्षण का नया वर्जन बताया जा रहा है। शोधकर्ता इसकी क्षमताओं को लेकर बहुत उत्साहित हैं। क्योंकि इससे वैज्ञानिक खोजों को नया बल मिलेगा। 
 

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हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर ...और भी

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