झड़ते बालों की समस्या होगी खत्म! जापान की रिसर्च में दावा

जापान के कोबे में RIKEN सेंटर फॉर बायोसिस्टम्स डायनेमिक्स रिसर्च के शोधकर्ताओं की एक टीम ने बालों के झड़ने और गंजेपन की समस्या का समाधान मिलने का दावा किया है।

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गैजेट्स 360 स्टाफ, अपडेटेड: 5 जून 2021 14:22 IST
ख़ास बातें
  • जापान के शोधकर्ताओं ने किया बालों के उगाने पर प्रयोग
  • NFFSE माध्यम में बालों की कोशिका बनाकर किया प्रयोग
  • भविष्य में इस तरीके से झड़ते बालों की समस्या हो सकती है खत्म

शोधकर्ताओं ने चूहों से फर और व्हिस्कर कोशिकाओं को लिया और प्रयोगशाला में अन्य जैविक सामग्री के साथ प्रयोग किया।

जापान के कोबे में RIKEN सेंटर फॉर बायोसिस्टम्स डायनेमिक्स रिसर्च के शोधकर्ताओं की एक टीम को बालों के झड़ने और गंजेपन की समस्या का समाधान शायद मिल गया है। बालों से संबंधित समस्याओं को हल करने के लिए अतीत में कई तरीके इजाद किए गए हैं। मगर यह तरीका अनोखा है क्योंकि यह हेयर फॉलिकल स्टेम सेल से बालों के रोम के निरंतर चक्रीय पुनर्जनन करने की एक विधि है। अपने एक्सपेरिमेंट के भाग के रूप में, शोधकर्ताओं ने चूहों से फर और व्हिस्कर कोशिकाओं को लिया और उन्हें एक प्रयोगशाला में अन्य जैविक सामग्री के साथ नियंत्रित परिस्थितियों में प्रोसेस किया।

एक प्रेस रिलीज में उन्होंने कहा कि सामग्री के 220 कॉम्बिनेशन का प्रयोग करके हमने यह पाया कि NFFSE मीडियम में पांच कारकों के साथ कोलाजन के एक प्रकार को मिलाने से सबसे कम समय में स्टेम सेल विस्तारण की उच्चतम दर प्राप्त हुई। शोधकर्ताओं ने आगे बताया कि स्तनधारियों में बालों का बढ़ना एक निरंतर चक्रीय प्रक्रिया है। बाल बढ़ते हैं, गिरते हैं और फिर से उगते हैं। इनका विकास एनाजन (anagen) फेज़ में होता है और गिरना टेलोजन (telogen) फेज़ में घटित होता है। इसलिए बालों का पुनर्जनन उपचार तभी सफल होता है जब यह बार बार उगने वाले बालों का उत्पादन करता है। अपने प्रयोग में उन्होंने बायो-इंजीनियर्ड हेयर फॉलिकल स्टेम सेल को NFFSE मीडियम में रखा और कई सप्ताह तक पुनर्जीवित बालों का अवलोकन किया।

अध्ययन से पता चला कि NFFSE मीडियम में उत्पन्न 81 प्रतिशत बालों के रोम कम से कम तीन हेयर साइकल से गुजरे और सामान्य बाल पैदा हुए। इसके विपरीत दूसरे माध्यम में उगाए गए 79 प्रतिशत फॉलिकल ने केवल एक चक्र वाले बालों का उत्पादन किया।  साथ ही शोधकर्ताओं ने NFFSE माध्यम में बनीं कोशिका की सतह पर मार्कर की भी तलाश की और पाया कि सबसे अच्छा हेयर साइकलिंग Itgβ5 के जुड़ने से संबंधित था।

अध्ययन के पहले लेखक माकोटो टेको ने कहा कि जब Itg5 को हेयर फॉलिकल में बायोइंजीनियर किया गया था तो लगभग 80 प्रतिशत रोम तीन हेयर साइकल तक पहुंच गए थे। मगर इसके बगैर केवल 13 प्रतिशत रोम ही तीन साइकल तक पहुंचे। Tsuji ने कहा कि RIKEN का कल्चर सिस्टम निकट भविष्य में हेयर फॉलिकल रीजनरेशन थेरेपी को वास्तविकता तक लाने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि RIKEN मुख्य रूप से एक संस्थान है जो बुनियादी शोध करता है और क्लीनिकल ट्रायल्स में आमतौर पर बाहरी सहयोगियों की आवश्यकता होती है। इसलिए हम एक भागीदार कंपनी की तलाश कर रहे हैं जो क्लीनिकल एप्लीकेशन्स को विकसित करने में मदद करे और R&D को बढ़ावा देने के लिए डोनेशन जैसे कदम भी उठाए। 
 

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