124 प्रकाशवर्ष दूर ग्रह पर 'एलियन लाइफ' के सबूत! वैज्ञानिकों का दावा

वैज्ञानिकों का कहना है कि K2-18b पर जीवन की प्रबल संभावना हो सकती है।

विज्ञापन
Written by हेमन्त कुमार, अपडेटेड: 26 अप्रैल 2025 21:02 IST
ख़ास बातें
  • हम पहले से ही लगभग ऐसे 7,500 बाहरी ग्रहों के बारे में जानते हैं।
  • इनमें से केवल 43 को सीधे तौर पर ऑब्जर्व किया गया है।
  • वैज्ञानिकों का कहना है कि K2-18b पर जीवन की प्रबल संभावना हो सकती है।

1995 में पहली बार पुख्ता रूप से किसी एक्सोप्लेनेट का दावा किया गया था।

Photo Credit: NASA

पृथ्वी से बाहर जीवन (extra terrestrial life) के बारे में आपके क्या विचार हैं? ज्यादातर sci-fi किताबों और टीवी शो आदि में ह्यमेनॉइड्स  को दिखाया जाता है। यानी आदमियों जैसे दिखने वाले रोबोट की तरह के जीव! जो अन्य ग्रहों से आते हैं। क्या सच में ऐसा है? क्या कोई ऐसा ग्रह है जहां हमसे भी एडवांस्ड मनुष्य जैसी कोई प्रजाति रहती है? खैर, अंतरिक्ष वैज्ञानिक जब भी पृथ्वी से बाहर जीवन खोजने चले हैं उनके हाथ जीवन के रूप में बैक्टीरिया से निकलने वाले उत्सर्जन या कोई अन्य अति सूक्ष्म जीव हाथ लगे हैं। लेकिन हाल ही में एक नई रिसर्च हुई है जिसने एक बाहरी ग्रह पर जीवन की प्रबल संभावना के सबूत खोज निकाले हैं। 

Astrophysical Journal में छपे एक शोध के अनुसार, कैम्ब्रिज के वैज्ञानिकों ने K2-18b नामक ग्रह पर एक जैविक उत्सर्जन को खोजा है जो बैक्टीरिया से हो रहा है। यह ग्रह 124 प्रकाशवर्ष दूर स्थित है। इस ग्रह के वायुमंडल की केमिकल कम्पोजीशन का विश्लेषण करने के लिए वैज्ञानिकों ने James Webb Space Telescope की मदद ली। वैज्ञानिकों का कहना है कि K2-18b पर जीवन की प्रबल संभावना हो सकती है। हालांकि अभी यह एक शुरुआती नतीजा है जो ग्रह पर जीवन की पुष्टि नहीं करता है। 

कैसे खोजे गए एक्सोप्लैनेट (exoplanet)?
1995 में पहली बार पुख्ता रूप से किसी एक्सोप्लेनेट का दावा किया गया था। यह सूर्य जैसे ही एक तारे के पास मौजूद पाया गया था। यहां पर प्लेनेट को सीधे नहीं देखा जा सकता है बल्कि उसके नजदीकी तारे पर इसके प्रभाव को स्टडी किया जाता है। जैसे-जैसे तारा आगे-पीछे हिलता है, उससे निकलने वाली रोशनी की वेवलेंथ में थोड़ा-सा बदलाव होता है, जिसे हम माप सकते हैं। 

7500 बाहरी ग्रह खोजे गए
Advertisement
हम पहले से ही लगभग ऐसे 7,500 ग्रहों के बारे में जानते हैं। इनमें से केवल 43 को सीधे तौर पर ऑब्जर्व किया गया है। इनमें से अधिकतर को सीधे तौर पर नहीं बल्कि रेडिएल वेलोसिटी या ट्रांजिट तरीके से खोजा गया है। ट्रांजिट तरीके से खोज का मतलब है कि जब कोई ग्रह उसके तारे के सामने से गुजरता है तो उसके प्रकाश में कितनी कमी आती है। यह तारे से आने वाले प्रकाश के एक छोटे से हिस्से को रोक लेता है। 

K2-18b और जेम्स वेब टेलीस्कोप
Advertisement
जेम्स वेब टेलीस्कोप के डेटा का इस्तेमाल कर वैज्ञानिकों ने एक ग्राफ बनाया जो दिखता है कि K2-18b पर डाइमिथाइल सल्फाइड (DMS) और डाइमिथाइल डाइसल्फाइड (DMDS) का उत्सर्जन हो रहा है। कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि DMS एक बायोमार्कर है- यानी पृथ्वी पर पाया जाने वाला ऐसा तत्व जो जीवन की मौजूदगी की ओर इशारा करता है। हालांकि DMS सिर्फ बैक्टीरिया द्वारा नहीं पैदा किया जाता है, बल्कि यह कॉमेट 67P में भी पाया जाता है। साथ ही अंतरिक्ष में तारों के बीच मौजूद गैस और डस्ट में भी पाया जाता है।

इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए शोध के लेखकों ने दावा किया है कि बायोमार्कर की जितनी मात्रा उनको मिली है, ऐसी मात्रा कॉमेट या स्पेस में मौजूद नहीं हो सकती है। यह निश्चित ही बैक्टीरिया का उत्सर्जन है। इसी तरह का एक बायोमार्कर फोस्फीन (phosphine) भी है जो शुक्र के वायुमंडल में पाया गया था। इसलिए इसके बादलों में भी बैक्टीरिया की मौजूदगी हो सकती है। 
Advertisement

कैम्ब्रिज की स्टडी ज्यादा गहन है और इसके परिणाम अधिक निश्चित हैं। लेकिन यह अभी भी एकेडमिक कम्युनिटी को आश्वस्त करने के लिए पर्याप्त रूप से मजबूत नहीं है, जिसे 99.999% निश्चितता की आवश्यकता है। शोध के लेखकों का कहना है कि उनके निष्कर्षों से तरल महासागर और हाइड्रोजन वायुमंडल का संकेत मिलता है, लेकिन अन्य लोगों का कहना है कि यह एक गैस से बना दैत्याकार ग्रह या मैग्मा से भरा ज्वालामुखी ग्रह हो सकता है।

कैम्ब्रिज की स्टडी जीवन का सबूत पेश नहीं करती है लेकिन यह पृथ्वी के बाहर जीवन की खोज में एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है। स्टडी ने अभी तक उत्तम नजीते पेश किए हैं। इसलिए इस स्टडी ने पृथ्वी के बाहर एलियन लाइफ की खोज के लिए वैज्ञानिकों में और ज्यादा उत्साह भर गया है। 
Advertisement
 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. भारत के लेटेस्ट वाटरप्रूफ स्मार्टफोन, नहीं होंगे पानी में भी खराब, जैसे मर्जी करें इस्तेमाल
  2. भारत के बाहर विदेशों में कैसे उपयोग करें UPI ऐप, ये है स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस
#ताज़ा ख़बरें
  1. Vivo V60 vs Oppo Reno 14 5G vs iQOO Neo 10: कंपेरिजन से जानें कौन है बेहतर?
  2. Realme P4 Pro 5G vs Vivo Y400 5G vs OnePlus Nord CE 5 5G: जानें 30 हजार में कौन है बेस्ट
  3. AI सुपरपावर रैंकिंग में अमेरिका टॉप पर, लेकिन भारत ने चीन को पछाड़ा
  4. भारत के लेटेस्ट वाटरप्रूफ स्मार्टफोन, नहीं होंगे पानी में भी खराब, जैसे मर्जी करें इस्तेमाल
  5. अब बिहार पुलिस बनेगी Digital Police! FIR से लेकर सबूत तक होगा ऑनलाइन
  6. Honor की Magic 8 सीरीज के लॉन्च की तैयारी, 4 मॉडल हो सकते हैं शामिल
  7. ऑनलाइन मनी गेमिंग पर बैन के खिलाफ कोर्ट जा सकती हैं बड़ी गेमिंग कंपनियां
  8. Samsung के Galaxy S26 Pro और Galaxy S26 Edge में मिल सकता है Exynos 2600 चिपसेट
  9. itel ZENO 20 भारत में लॉन्च: 5000mAh बैटरी, 128GB तक स्टोरेज और बड़ा डिस्प्ले, कीमत Rs 5,999 से शुरू
  10. Vivo T4 Pro जल्द होगा भारत में लॉन्च, 50 मेगापिक्सल Sony प्राइमरी कैमरा
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.