मंगल की सतह पर 8.8 किलोमीटर नीचे छुपे हैं 'एलियन लाइफ' के निशान!

मंगल पर उत्तरी गोलार्ध पर Acidalia Planitia नामक एक मैदान है जो 3 हजार किलोमीटर चौड़ा है।

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Written by हेमन्त कुमार, अपडेटेड: 7 दिसंबर 2024 13:23 IST
ख़ास बातें
  • मंगल पर उत्तरी गोलार्ध पर Acidalia Planitia नामक मैदान
  • 3 हजार किलोमीटर चौड़ा है मैदान
  • यहां पर मिथेनोजंस के पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां हो सकती हैं

वैज्ञानिकों ने मंगल पर जीवन के बारे में नया शोध किया है।

मंगल पर जीवन की तलाश अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के लिए महत्वाकांक्षी मिशन है। नासा समेत दुनियाभर की स्पेस एजेंसी लाल ग्रह पर जीवन के सबूत तलाशने में जुटी हैं। लेकिन सवाल है कि कभी तपता और गीला रहा ये ग्रह अब भी जीवन के लिए अनुकूल बन सकता है? या इस पर अभी भी कहीं जीवन के निशान मिल सकते हैं? वैज्ञानिकों की एक टीम ने इस बारे में एक नई स्टडी पेश की है जो कहती है मंगल के एक खास हिस्से पर सूक्ष्मों जीवों की प्रजाति कभी रही होगी। 

एंड्रिया बूटूरिनी के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की एक टीम ने शोध पेश किया है। शोध कहता है कि मंगल के मैदान Acidalia Planitia में कभी सूक्ष्म जीव पनपे होंगे। ये मिथेनोजंस रहे होंगे जो इसकी सतह के नीचे मौजूद थे। New Scientist की रिपोर्ट में इसके बारे में लिखा गया है। दरअसल इस टीम ने मंगल पर हुए विभिन्न मिशनों के तहत मिले डेटा का विश्लेषण किया और पाया कि मंगल पर एक सब-सरफेस जोन यानी सतह के नीचे की दुनिया भी मौजूद है। यह 4.3 किलोमीटर से लेकर 8.8 किलोमीटर गहराई तक मौजूद बताया गया है। 

इस परत के बारे में कहा गया है कि यहां पर माइक्रोब यानी सूक्ष्म जीवाणुओं की गतिविधियों के लिए संगत वातावरण रहा होगा। यह परत बाहरी वातावरण की कठिन परिस्थितियों से बची हुई है। यहां पर पुराने समय में मौजूद पानी और जियोथर्मल हीट के निशान भी छुपे हो सकते हैं। ये दोनों ही चीजें जीवन के अहम तत्वों के रूप में जानी जाती हैं। हालांकि मंगल पर इस तरह के जीवाणुओं की खोज कर पाना बहुत दूर की बात लगती है, लेकिन इस शोध ने एक उम्मीद तो जगा दी है। 

मंगल पर कई ऑर्बिटर और रोवर जा चुके हैं। शोधकर्ताओं ने इनसे डेटा इकट्ठा किया। वैज्ञानिकों ने पाया कि मंगल पर उत्तरी गोलार्ध पर Acidalia Planitia नामक एक मैदान है जो 3 हजार किलोमीटर चौड़ा है। इसके बारे में शोध कहता है कि यहां पर मिथेनोजंस के पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां हो सकती हैं। मिथेनोजंस ऐसे बैक्टीरिया होते हैं जो मिथेन बनाते हैं। लेकिन इनके बारे में गहराई से स्टडी करने के लिए वैज्ञानिकों को इसकी सतह के नीचे मीलों की खुदाई करनी होगी जिसके लिए बेहद एडवांस्ड मिशन मंगल पर भेजने होंगे। वर्तमान में इस तरह की टेक्नोलॉजी उपलब्ध नहीं है। 
 
 

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हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर ...और भी

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