मंगल ग्रह की उड़ान से पहले शुरू हुई ExoMars रोवर की प्रैक्टिस

ESA ने कहा कि इन अभ्यासों के दौरान लगभग 15 मिनट तक ड्राइविंग की जाती है। यह पूरी प्रक्रिया कुछ दिनों तक चलेगी।

विज्ञापन
गैजेट्स 360 स्टाफ, अपडेटेड: 21 जनवरी 2022 21:16 IST
ख़ास बातें
  • इस मिशन के दो भाग हैं, पहले भाग में ‘ट्रेस गैस ऑर्बिटर’ शामिल है
  • इसे मार्च 2016 में लॉन्च किया जा चुका है
  • दूसरे भाग में रोवर है, जिसे इस साल सितंबर में लॉन्च करने की तैयारी है

इस मिशन के दो भाग हैं। पहले भाग में ‘ट्रेस गैस ऑर्बिटर’ और एक लैंडिंग मॉड्यूल शामिल है। इसे मार्च 2016 में लॉन्च किया जा चुका है।

Photo Credit: Thales Alenia Space

यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) और रूस के Roscosmos का जॉइंट प्रोजेक्‍ट एक्‍सोमार्स (ExoMars) मंगल ग्रह पर उतरने के करीब पहुंच गया है। मिशन को इस साल सितंबर में लॉन्‍च करने की तैयारी है। उससे पहले अपने पूर्वाभ्‍यास में इसने ‘कजाचोक लैंडिंग प्लेटफॉर्म' को चलाने की प्रैक्टिस की। इसमें रोसलिंड फ्रैंकलिन रोवर भी शामिल था। एक वीडियो के जरिए ESA ने बताया कि पूरे टास्‍क को बेहद सावधानीपूर्वक कोरियोग्राफ किया गया। इंजीनियर इस पूर्वाभ्यास को पृथ्वी पर कर रहे हैं। यह टेस्‍ट इटली के ट्यूरिन में स्थित एक मार्स टेरेन सिम्युलेटर में किए गए।

ESA ने कहा कि इन अभ्यासों के दौरान लगभग 15 मिनट तक ड्राइविंग की जाती है। यह पूरी प्रक्रिया कुछ दिनों तक चलेगी। लैंडिंग के बाद रोवर एक सप्ताह हफ्ते तक अपने पहियों को खोलने और बाकी चीजें चेक करने में व्‍यस्‍त रहेगा। मंगल ग्रह कई मायनों में पृथ्वी के समान है। वहां एक दिन में 24 घंटे 37 मिनट और 22.663 सेकेंड होते हैं, जो पृथ्‍वी से थोड़ा ही अधिक है। 
विभिन्न हालात को टेस्‍ट करने और मंगल ग्रह के चुनौतीपूर्ण वातावरण में रोवर को सेफ रखने के लिए इंजीनियर रोसलिंड फ्रैंकलिन रोवर की एक जुड़वां मशीन का इस्‍तेमाल कर रहे हैं। जिस मशीन को टेस्‍ट किया जा रहा है, उसका नाम अमालिया (Amalia) रखा गया है। यह नाम प्रसिद्ध खगोल भौतिकीविद् ‘अमालिया एरकोली फ‍िन्ज़ी' से प्रेरित है। अमालिया को स्‍पेस डायनैमिक्‍स में काफी अनुभव है। 

ExoMars मिशन को मुख्य रूप से मंगल ग्रह पर जीवन के निशान खोजने के मकसद से तैयार किया गया है। इसके नाम में ‘एक्सो' शब्द का प्रयोग एक्सोबायोलॉजी (astrobiology) की स्‍टडी पर बात करता है। इसमें पृथ्‍वी के अलावा जीवन की संभावनाएं खोजी जाती हैं। इस मिशन के दो भाग हैं। पहले भाग में ‘ट्रेस गैस ऑर्बिटर' और एक लैंडिंग मॉड्यूल शामिल है। इसे मार्च 2016 में लॉन्च किया जा चुका है। दूसरा भाग में रोवर शामिल है, जिसे इस साल सितंबर में लॉन्च करने की योजना है।

मिशन के पहले भाग के तहत भेजे गए ‘ट्रेस गैस ऑर्बिटर' ने हाल में बड़ी कामयाबी पाई थी। यह पता चला था कि मंगल ग्रह की वैलेस मेरिनेरिस Valles Marineris घाटी की सतह के नीचे पानी छुपा है। ट्रेस गैस ऑर्बिटर (TGO) ने इस घाटी में बड़ी मात्रा में पानी की खोज की है। 
 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

द रेजिडेंट बोट । अगर आप मुझे ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. UBON ने लॉन्च किया 20W पार्टी स्पीकर, जो फुल चार्ज में चलेगा 20 घंटे! कीमत Rs 1,499
  2. Oppo Reno 15 और Reno 15 Pro फोन 200MP कैमरा और बड़ी बैटरी के साथ हुए लॉन्च, जानें कीमत
#ताज़ा ख़बरें
  1. भारत का 2028 में चंद्रयान-4 लॉन्च करने का टारगेट
  2. Samsung के ट्रिपल-फोल्ड स्मार्टफोन की अमेरिका में शुरू हुई टेस्टिंग, जल्द हो सकता है लॉन्च
  3. Nothing Phone 3a Lite जल्द होगा भारत में लॉन्च, 5,000mAh की बैटरी
  4. UBON ने लॉन्च किया 20W पार्टी स्पीकर, जो फुल चार्ज में चलेगा 20 घंटे! कीमत Rs 1,499
  5. Oppo Reno 15 और Reno 15 Pro फोन 200MP कैमरा और बड़ी बैटरी के साथ हुए लॉन्च, जानें कीमत
  6. क्या है Elon Musk का X Chat, जिसे बोला जा रहा है WhatsApp और Arattai किलर? यहां जानें सब कुछ
  7. भारत के स्मार्टफोन मार्केट में Vivo का दबदबा बरकरार, Oppo को मिला दूसरा रैंक 
  8. Vivo S50 Pro Mini में मिल सकता है Snapdragon 8 Gen 5 चिपसेट
  9. Rs 15 में 220 Km का सफर! Komaki ने भारत में लॉन्च की इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल MX16, जानें कीमत
  10. रोबोट बनाएंगे खाना और मैनेज करेंगे रेस्टोरेंट, जानें क्या है पूरा प्लान
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.