अंटार्कटिका में छुपी थी पेंग्विन की कॉलोनी, सैटेलाइट इमेज में अचानक हुआ खुलासा, देखें तस्‍वीर

एंपरर पेंग्विन की नई कॉलोनी को खोजने में यूरोप की कोपर्निकस सेंटिनल-2 सैटेलाइट की तस्‍वीरें मददगार रहीं।

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Written by प्रेम त्रिपाठी, Edited by आकाश आनंद, अपडेटेड: 24 जनवरी 2023 12:22 IST
ख़ास बातें
  • वैज्ञानिक ने खोजी नई पेंग्विन कॉलोनी
  • अब तक ऐसी 66 कॉलोनियों की जानकारी है
  • दुनिया के सबसे ऊंचे और भारी पेंग्विन हैं

इन पेंग्‍व‍िनों को पश्चिमी अंटार्कटिका के वर्लेगर पॉइंट पर खोजा गया। कॉलोनी की सैटेलाइट इमेज भी सामने आई हैं।

वैज्ञानिकों ने एक अहम खोज की है। अंटार्कटिका के सबसे सुदूर और दुर्गम इलाकों की सैटेलाइट इमेज में अचानक उन्‍होंने वो देखा, जो हैरान करने वाला था। आपने एंपरर पेंग्विन (emperor penguin) का नाम सुना है? यह धरती पर मौजूद पेंग्विनों में सबसे ऊंची और भारी प्रजाति है, जिसे एप्टेनोडाईट्स फ़ोर्सटेरी कहा जाता है। वैज्ञानिकों को इनकी नई कॉलोनी का पता लगा है। आज से पहले इस कॉलोनी को कभी देखा नहीं गया था। 

एंपरर पेंग्विन की नई कॉलोनी को खोजने में यूरोप की कोपर्निकस सेंटिनल-2 सैटेलाइट की तस्‍वीरें मददगार रहीं।  इन पेंग्‍व‍िनों को पश्चिमी अंटार्कटिका के वर्लेगर पॉइंट पर खोजा गया। कॉलोनी की सैटेलाइट इमेज भी सामने आई हैं।

लाइव साइंस की रिपोर्ट के अनुसार, अंटार्कटिका के समुद्र तट के आसपास एंपरर पेंग्विन की कुल 66 कॉलोनियों के बारे में अब जानकारी है। नई खोजी गई कॉलोनी में अनुमान के मुताबिक एक हजार पेंग्विन रहते हैं। बताया जाता है कि ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वेक्षण (बीएएस) के एक भौगोलिक सूचना अधिकारी पीटर फ्रेटवेल ने दिसंबर में इस  कॉलोनी की खोज की थी। 
 

बर्फ में दिख रहे भूरे धब्‍बों से पेंग्विन की नई कॉलोनी की पहचान की गई।
Photo Credit: Space.com


उनके मुताबिक, यह खोज रोमांचक है। रिपोर्ट में पीटर फ्रेटवेल के हवाले से लिखा गया है कि यह भी एक छोटी कॉलोनी है और उस क्षेत्र में है जो समुद्री बर्फ के नुकसान से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। गौरतलब है कि पर्यावरण पर गर्मी के बढ़ते प्रभाव ने पेंग्विनों को प्रभावित किया है। अंटार्कटिका में बर्फ के पिघलने से उनके प्रवास पर भी काफी असर पड़ा है। रिसर्च यह भी कहती हैं कि अंटार्कटिका की बर्फ इसी तरह पिघलती रही और गर्मी में इजाफा होता रहा, तो आने वाले समय में 90 फीसदी से ज्‍यादा पेंग्विन कॉलोनियों का वजूद इस दुनिया से खत्‍म हो जाएगा। 
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एंपरर पेंग्विन बाकी पेंग्विनों से अलग हैं। ये समुद्री बर्फ पर प्रजनन करते हैं। ये ऐसे इलाकों में प्रवास करते हैं, जहां बहुत ज्‍यादा ठंड होती है और तापमान माइनस 60 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला जाता है। इसी वजह से इन पेंग्विनों पर बहुत ज्‍यादा शोध भी अबतक नहीं हो पाया है। इन पेंग्विनों को अपने बच्‍चों के विकास के लिए भी बहुत बर्फ चाहिए होती है। 

खास बात है कि पेंग्विन की इस कॉलोनी की खोज अचानक हुई। जानकारी के अनुसार, पीटर फ्रेटवेल सैटेलाइट इमेजेस में समुद्री बर्फ के नुकसान को देख रहे थे, तभी उन्‍होंने एंपरर पेंग्विन कॉलोनी के सबूत देखे। 
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