मेडिकल क्षेत्र में शोधकर्ता ऐसे बल्ड टेस्ट पर काम कर रहे हैं जिससे मनुष्य के शरीर के अंगों की बायोलॉजिकल ऐज का पता लग सकेगा। यानी अंग कितना बूढ़ा हो चुका है, ये ब्लड टेस्ट बताने में सक्षम हो जाएगा। इससे मेडिकल क्षेत्र में क्रांति आने की बात कही गई है क्योंकि इससे पता लग सकेगा कि कोई व्यक्ति कब बीमार पड़ने वाला है। ताकि उसके बीमार पड़ने से पहले ही उस संबंधित अंग के लिए इलाज शुरू किया जा सके और व्यक्ति को बीमार पड़ने से रोका जा सके।
इस तरह की
शोध से एक और संभावना निकल कर सामने आ रही है, जिसमें कहा गया है कि Alzheimer को रोगियों की हेल्थ को जानने में इससे बहुत मदद मिलेगी।
स्टेनफोर्ड मेडिसिन जांचकर्ताओं ने यह दिखाया है कि हमारे अंग अलग अलग दर से बूढ़े होते हैं। यानी अगर एक ही उम्र के दो व्यक्ति हैं तो उनके अंग अलग अलग क्षमता वाले हो सकते हैं, भले ही उम्र समान हो। यानी एक व्यक्ति का अंग दूसरे से बूढ़ा, या जवान हो सकता है।
शोधकर्ताओं ने कहा है कि अगर किसी व्यक्ति का अंग उसी उम्र के दूसरे व्यक्ति से ज्यादा बूढ़ा हो चुका है तो ऐसे में उस व्यक्ति में उस अंग से संबंधित बीमारी होने की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है, और जल्दी मौत होने की भी। स्टेनफोर्ड मेडिसिन जांचकर्ताओं ने 5,678 लोगों पर अपना शोध किया है। बता दें कि कैलिफोर्निया की स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी में शोधकर्ताओं ने मशीन लर्निंग की सहायता से मनुष्य के रक्त के प्रोटीन लेवल को जांचने में सफलता पाई है।
स्टडी कहती है कि हर 5 में से 1 स्वस्थ व्यक्ति, जो 50 साल या उससे ऊपर का है, में कम से कम एक अंग ऐसा होता है जो बाकी अंगों की तुलना में ज्यादा तेजी से बूढ़ा हो रहा होता है। इसके लिए एक ऐसा ब्लड टेस्ट ईजाद किया जा सकता है जो बता देगा कि कोई कितनी तेजी से बूढ़ा हो रहा है। इससे समय रहते उस अंग का इलाज शुरू किया जा सकेगा। स्टडी के सीनियर लेखक टोनी वीस कोरे के अनुसार, अब किसी अंग की बायोलॉजिकल उम्र का अंदाजा लगाया जा सकता है। जो कि बता सकता है कि उस अंग से संबंधित बीमारी उस शख्स में कब पनप सकती है। Nature जर्नल में इस स्टडी को पब्लिश किया गया है।