ग्रहों के अपने चंद्रमा होते हैं, विज्ञान के लिए यह आम जानकारी वाली बात है। जैसे- हमारी पृथ्वी का चंद्रमा, बृहस्पति का चंद्रमा यूरोपा आदि। लेकिन एस्टरॉयड्स के भी चंद्रमा हो सकते हैं, थोड़ा चौंकाने वाला विषय लगता है। वैज्ञानिकों ने एक एस्टरॉयड का पता लगाया है, जिसका अपना चंद्रमा है। इस एस्टरॉयड का नाम पॉलीमेल (Polymele) है, जो एक ट्रोजन एस्टरॉयड है। अंतरिक्ष में 8 अलग-अलग एस्टरॉयड के मिशन पर निकले लुसी स्पेसक्राफ्ट (Lucy spacecraft) की मदद से नासा के वैज्ञानिकों ने यह जानकारी हासिल की है। इस एयरक्राफ्ट के सोलर पैनल्स में आई कमी को फिक्स करने के दौरान वैज्ञानिकों ने एस्टरॉयड के चंद्रमा का पता लगाया।
लुसी स्पेसक्राफ्ट के लिए यह बड़ी उपलब्धि है।
नासा के मुताबिक, यह अंतरिक्षयान हमारे सौर मंडल के गठन के शुरुआती अवशेषों का अध्ययन करने के लिए यात्रा पर निकला है। एक बयान में नासा ने कहा कि एस्टरॉयड हमारे सौर मंडल के इतिहास को समझने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
लुसी स्पेसक्राफ्ट की टीम ने मुख्य रूप से एक बेल्ट एस्टरॉयड और 6 ट्रोजन एस्टरॉयड को विजिट करने की योजना बनाई थी। ये बृहस्पति ग्रह को फॉलो करते हुए अपने ऑर्बिट में सूर्य के चारों ओर घूमते हैं। खगोलविद बीते कुछ समय से पॉलीमेल का अध्ययन कर रहे थे। इसी साल 27 मार्च को उन्होंने इसके चंद्रमा की खोज की। यह खोज तब की गई जब एस्टरॉयड एक तारे के सामने से गुजरा। इस दौरान वैज्ञानिकों को एस्टरॉयड के चंद्रमा के बारे में पता चला। यह पॉलीमेल से लगभग 200 किमी (लगभग 124 मील) दूर था। अनुमान है कि एस्टरॉयड के उपग्रह का व्यास करीब 5 किलोमीटर का है।
मार्च में जब यह एस्टरॉयड देखा गया था, तब यह पृथ्वी से 770 मिलियन किलोमीटर दूर था। नासा अब इस चंद्रमा वाले एस्टरॉयड को भी लुसी स्पेसक्राफ्ट के मिशन के उद्देश्यों की लिस्ट में जोड़ने की योजना बना रही है। लूसी स्पेसक्राफ्ट को पिछले साल अक्टूबर में लॉन्च किया गया था।
एस्टरॉयड को लघु ग्रह भी कहा जाता है। जैसे हमारे सौर मंडल के सभी ग्रह सूर्य का चक्कर लगाते हैं, उसी तरह एस्टरॉयड भी सूर्य की परिक्रमा करते हैं। लगभग 4.6 अरब साल पहले हमारे सौर मंडल के शुरुआती गठन से बचे हुए चट्टानी अवशेष हैं एस्टरॉयड। वैज्ञानिक अभी तक 11 लाख 13 हजार 527 एस्टरॉयड का पता लगा चुके हैं।