पृथ्वी जैसा मिल गया है एक और ग्रह, यहां सिर्फ 16 दिन का है 1 साल!
दुनियाभर की स्पेस एजेंसी इस पृथ्वी की तरह अन्य ग्रहों पर जीवन की तलाश में लगी हैं। फिलहाल ऐसा कोई ग्रह नहीं मिला है, जिस पर जीवन मौजूद हो या पनपने की संभावना हो। हालांकि, अब एक ऐसा ग्रह मिला है, जो वैज्ञानिकों के कई सवालों का जवाब दे सकता है। वैज्ञानिकों ने एक ऐसे एग्जोप्लेनेट के बारे में बताया है जहां पर जीवन की संभावना पाई गई है। इसका नाम Wolf 1069 b बताया गया है। चलिए इसके बारे में अधिक जानते हैं।
(Representative Image)
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पृथ्वी जैसा मिल गया है एक और ग्रह, यहां सिर्फ 16 दिन का है 1 साल!
अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्होंने एक ऐसे एग्जोप्लेनेट का पता लगाया है, जहां पर गर्मी कम है और जीवन की संभावना भी काफी बताई गई है। Wolf 1069b जैसे एग्जोप्लेनेट ऐसे ग्रह होते हैं जो हमारे सौरमंडल के बाहर मौजूद हैं और उसी तरह किसी तारे के गिर्द चक्कर लगाते हैं, जैसे हमारे सौरमंडल के ग्रह सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते हैं। Wolf 1069b धरती से 31 प्रकाशवर्ष दूर स्थित है। यह लगभग पृथ्वी के जैसा ही है। (Representative Image)
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जर्मनी के प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर एस्ट्रोनॉमी (MPIA) की साइंटिस्ट डायना कोसाकोवाकी ने इसके बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह अपने स्टार के चारों तरफ चक्कर काट रहा है, और टीम को उम्मीद है कि इस पर वायुमंडल होने की काफी संभावनाएं हैं। डायना ने कहा कि एग्जोप्लेनेट पर बहुत अधिक अल्ट्रावायलेट रेडिएशन की मौजूदगी नहीं मालूम होती है इसलिए बहुत संभव है कि इसका वायुमंडल बचा हुआ हो। (Representative Image)
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इस स्टडी को एस्ट्रॉनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स (Astronomy & Astrophysics) में प्रकाशित किया गया है। जिसके मुताबिक Wolf 1069b आकार और भार में धरती के जितना ही मालूम होता है। यह अपने तारे का चक्कर 15.6 दिन में पूरा करता है। यानि धरती जो चक्कर 365 दिनों में लगाती है, वो इसे केवल लगभग 16 दिन में ही पूरा कर लेता है। (Representative Image)
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स्टडी कहती है कि भले ही यह अपने तारे के बहुत नजदीक है लेकिन बावजूद इसके जो रेडिएशन धरती अपने तारे यानि की सूरज से प्राप्त कर रही है, यह उसका केवल 65% रेडिएशन ही प्राप्त कर रहा है। इसलिए इसकी सतह ठंडी है। यह देखने में नारंगी रंग का है। इससे पता चलता है कि इस पर गर्मी कम है। डायना के मुताबिक, रेड ड्वार्फ स्टार के गिर्द चक्कर लगाने वाले तारे पर जीवन पनपने की संभावनाएँ हो सकती हैं, भले ही वह धरती से ज्यादा पास रहकर अपने तारे का चक्कर लगा रहा हो। वैज्ञानिकों ने इस तरह के अन्य ग्रहों की खोज करने के लिए CARMENES नामक यंत्र को लगाया है ताकि पृथ्वी जैसे जीवन की संभावना वाले और भी ग्रहों को खोजा जा सके। (Representative Image)
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